टी20 क्रिकेट वर्ल्ड कप : हार तो हुई मगर …

अमित कुमार अम्बष्ट आमिली

टी20 क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत की हार ने निश्चित तौर पर भारत के क्रिकेट फैन्स को निराश किया, कहते है कि भारत में क्रिकेट एक धर्म है , जहाँ अच्छे प्रदर्शन पर खिलाड़ी देवता की तरह पूजे जाते हैं लेकिन ठीक इसके विपरीत खराब प्रदर्शन पर यह सोशल मीडिया में ट्रोलिंग का दौर भी है, अर्थात खराब प्रदर्शन पर खिलाड़ियों को अपने ही फैन्स की तीखी आलोचना भी झेलनी पड़ती है , इस वर्ल्ड कप का जैसा की प्रोमो भी था , ” दिल से रिक्वेस्ट है, इस बार जीतकर भुला दो पिछली हार और खत्म करो इंतज़ार.” देशवासियों को बहुत उम्मीद थी कि इस बार वर्ल्ड कप का इंतजार खत्म होगा और कप्तान रोहित शर्मा , महेन्द्र सिंह धोनी की तरह ही देश का परचम आस्ट्रेलिया से लहरा कर लौटेंगे, लेकिन अफ़सोस ऐसा हो न सका और भारत सेमीफाइनल मैच में इंग्लैंड के हाथों पराजित होकर टूर्नामेंट से बाहर हो गया , इस हार के कई प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष कारण हो सकते हैं , लेकिन रोहित शर्मा की कमजोर कप्तानी, टूर्नामेंट से पहले ही भारत ही नहीं विश्व के बेहतरीन गेंदबाज जसप्रीत बुमरा और ऑलराउंडर रविन्द्र जडेजा का चोटिल हो जाना टीम को खलता रहा , ओपनर के तौर पर रोहित शर्मा और लोकेश राहुल की जोड़ी भी कोई बड़ा कमाल नहीं दिखा सकी , रोहित शर्मा वीकेटकीपर के तौर पर दिनेश कार्तिक का इस्तेमाल करें या फिर युवा वीकेटकीपर बल्लेबाज ॠषभ पंत का खिलाएं इसमें भी उलझे दिखे , युजबेन्द्र चहल जैसे वीकेट टेकर स्पीनर को पूरे टूर्नामेंट में रोहित शर्मा ने टीम में शामिल करना जरूरी नहीं समझा और तकरीबन तमाम गेंदबाजों का लचर प्रदर्शन जारी रहा , टीम इंडिया सेमीफाइनल में टूर्नामेंट से बाहर हो गयी , मगर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि टीम इंडिया ने इस टूर्नामेंट से कुछ भी हासिल नहीं किया , भारतीय टीम भी इस टूर्नामेंट से खाली हाथ नहीं लौटी , अगर पूरे टूर्नामेंट पर एक सकारात्मक दृष्टि डाले तो टीम इंडिया ने भी इस टूर्नामेंट से बहुत कुछ हासिल किया है ।सेमीफाइनल में भले भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में छह विकेट गंवाकर 168 रन बनाए। जवाब में इंग्लैंड की टीम ने 16 ओवर में बिना कोई विकेट गंवाए लक्ष्य हासिल कर लिया लेकिन अगर सेमीफाइनल को छोड़ दें तो इससे पहले टीम इंडिया का प्रदर्शन औसतन बढिया ही रहा ।

भारत के प्रमुख गेंदबाज जसप्रीत बुमरा की अनुपस्थिति में टीम इंडिया को अर्शदीप सिंह जैसा युवा गेंदबाज मिला , जिसने तकरीबन प्रत्येक मैच में अपनी छाप छोड़ी , अशर्दीप सिंह ने छह मैचों में 10 विकेट लिया और उनकी इकोनॉमी 7.80 की रही। यह इकोनॉमी इसलिए खास है क्योंकि उनसे डेथ ओवर्स में गेंदबाजी कराई गई। अर्शदीप में बाय हाथ के तेज गेंदबाज की सभी खूबियां दिखीं , आगे चलकर अर्शदीप भारत के मुख्य गेंदबाज बन सकते हैं इसमें कोई दोराय नहीं है , डेथ ओवर्स में लगातार याॅरकर डालकर उन्होंने साबित किया कि दबाब में भी वो अच्छा प्रदर्शन कर सकते है । अर्शदीप का इस टूर्नामेंट में सबसे बेहतर प्रदर्शन 32 रन देकर 3 विकेट लेने का रहा ।भविष्य में भारतीय टीम को अर्शदीप सिंह से बहुत उम्मीदें हैं।

इस टूर्नामेंट में दूसरी सबसे अच्छी बात रही कि किंग कोहली जो लगातार अपनी फार्म से जूझ रहे थे उन्होंने इस टूर्नामेंट में शानदार वापसी की , नवंबर 2019 के बाद से विराट कोहली कोई शतकीय पारी नहीं खेल पाए थे , 2019 के बाद 2022 सितंबर में एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ शतक लगाने में सफल हुए , एशिया कप के बाद टी20 वर्ल्ड कप में विराट कोहली अपने पुराने रंग में नजर आए , टी20 वर्ल्ड कप में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पारियां खेलीं , पाकिस्तान के खिलाफ कोहली ने अपने दम पर मैच जिताया , इस वर्ल्ड कप में उन्होंने छह मैचों में 98.66 की औसत और 136.40 के स्ट्राइक रेट से 296 रन बनाए , इतना ही नहीं छह में से चार मैचों में कोहली ने अर्धशतक जमाया , कोहली टी20 विश्वकप में दो बार सबसे ज्यादा रन बनाने वाले इकलौते बल्लेबाज बने. उन्होंने इस बार 6 मैचों में 296 रन बनाए, इससे पहले टी20 विश्वकप 2014 में भी सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे थे , इस तरह से विराट कोहली के नाम से एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज हो गयी है ।

2022 गुजरात टाइटंस फ्रेंचाइजी के कप्तान के तौर पर जिस तरह से हार्दिक पांड्या से खुद को साबित किया , टी20 वर्ल्ड कप में भी उनसे बहुत उम्मीदें थी और टी20 वर्ल्ड कप में भी उन्होंने ठीक वैसा ही किया , पाकिस्तान के खिलाफ हार्दिक ने विराट कोहली के साथ मिलकर विषम परिस्थिति से निकाला , उन्होंने 40 रन की धीमी मगर उपयोगी पारी खेली , इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में भी हार्दिक की शुरुआत बले धीमी रही लेकिन फिर उन्होंने जब गियर चेंज किया तो उनकी बैटिंग देखते ही बनती थी , हार्दिक पांड्या ने सेमी फाइनल मैच में 33 गेंदों पर 4 चौके और 5 छक्कों की मदद से 63 रनों की तूफानी पारी खेली , हार्दिक ने इस विश्व कप में छह मैचों में 131.95 के स्ट्राइक रेट से 128 रन बनाए , साथ ही आठ विकेट भी लिए , अर्थात हार्दिक ने टीम इंडिया में आलराउंडर का दावा न सिर्फ पेश किया अपितु उनकी सुझबुझ को देखते हुए आम-जन और शायद वरिष्ठ खिलाड़ी भी उनमें कप्तान बनने की क्षमता देख रहें हैं।

टी20 वर्ल्ड कप 2022 की बात हो और अपने देशी मिस्टर 360 सूर्यकुमार यादव का नाम नहीं लिया जाए तो शायद बात अधुरी रह जाएगी । 32 वर्ष में टीम इंडिया का हिस्सा बनने के बावजूद सूर्यकुमार यादव ने आज की तारीख में अपनी बैटिग से लाखों फैन्स अर्जित कर लिए हैं , अगर टी20 वर्ल्ड कप की बात करें तो कई मैचों में भारत को मुश्किल परिस्थितियों से उन्होंने उबारा है , दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनकी 40 गेंदों में 68 रन की पारी देखने लायक थी , भारत भले ही उस मैच में हार मिली, लेकिन सूर्यकुमार सूर्य की तरह चमके , मैदान के हर कोने पर साॅट्स लगाकर सूर्यकुमार ने टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर ली इसमें कोई संदेह नहीं है । टी20 वर्ल्ड कप में छह मैचों में 59.75 की औसत और 189.68 के स्ट्राइक रेट से 239 रन बनाए। इसमें तीन अर्धशतक शामिल है।

कुल मिलाकर कह सकते हैं कि आज हर भारतीय भारतीय क्रिकेट टीम के टी20 वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में हार से भले दुखी हो , भले ऐसा प्रतीत हो रहा है कि भारतीय टीम खाली हाथ लौट गयी लेकिन वास्तव में इस हार के बावजूद भारत ने टी20 वर्ल्ड कप में बहुत कुछ हासिल किया है ।