राहुल गाँधी की भारत जोड़ों यात्रा की पहली अग्नि परीक्षा में अशोक गहलोत हुए पास, अब यात्रा को मध्यप्रदेश से अधिक सफल बनाने की चुनौती

नीति गोपेंद्र भट्ट

नई दिल्ली : राहुल गाँधी की भारत जोड़ों यात्रा के मध्य प्रदेश की सीमा से राजस्थान के झालावाड़ जिले मेंप्रवेश करते ही रंग बिरंगे प्रदेश की समरसता के जो दृश्य दिखें यदि वे आगे भी चलते रहें तों यें राजस्थान कीसियासी राजनीति में चमत्कारी परिवर्तन की बानगी भी बन सकते है।

सन 2018 में स्वयं राहुल गाँधी ने नई दिल्ली स्थित अपने सांसद निवास पर अशोक गहलोत और सचिनपायलट के हाथ मिलवा कर “राजस्थान के मिले जुले रंग” शीर्षक वाली तस्वीर सार्वजनिक की थी । इसी तरहपिछलें दिनों इन दोनों दिग्गज नेताओं के मध्य पिछलें चार वर्षों से चल रहीं अनबन और खटास को राहुल गाँधीकी राजस्थान यात्रा से पहलें आला कमान की हिदायत पर कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव के सीवेणुगोपाल ने हाथ मिलवा कर “दिस इज राजस्थान कांग्रेस।” हेडिंग वाली तस्वीर साया की थी ।

इन दोनों तस्वीरों से अधिक मन मोहने वाली चलायमान तस्वीर रविवार को दिखी है जब राहुल गाँधी के भारतजोड़ों यात्रा के राजस्थान में आगमन और पहले पड़ाव पर राहुल,सचिन पायलट और गहलोत सहरिया ट्राइबलकलाकारों के साथ एक साथ हाथ में हाथ मिला कर थिरकें। इस विडियो में गहलोत और सचिन के हाथ औरपदचाप राहुल के साथ जुगलबंदी कर रहें थे। विडियो में मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व केन्द्रीय मन्त्रीकमल नाथ और दिग्गीराजा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी थे। सभी के चेहरों पर अमिट मुस्कराहट थी।इसतस्वीर ने 90 के दशक में हरिदेव जोशी के मुख्यमंत्रित्व काल में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी औरसोनिया गाँधी की आदिवासियों के साथ किए गए नृत्य का स्मरण करा दिया।

गहलोत-पायलट के मध्य चल रहें अनवरत टकराव पर इन्दौर में राहुल गाँधी ने कहा था कि ये दोनों नेता पार्टीकी असेट हैं और पार्टी के लिए दोनों ही बहुत अहम है। युवा और अनुभव का संगम है। उन्होंने कहा था कि आपसभी यकीन रखें राजस्थान में भारत जोड़ों यात्रा में इसका कोई असर नहीं दिखेगा। रविवार को हाड़ोती अंचलके झालावाड़ की धरती पर इन नेताओं के चेहरों की गुलाबी सुर्ख हँसी राहुल के वचनों को साकार करने वालीदिखी।

राहुल गाँधी राजस्थान में उनकी यात्रा के इस अद्भुत स्वागत से अभिभूत दिखें और ट्राइबल डाँस में जहाँ उन्होंनेसचिन का हाथ थामते हुए उन्हें अपने नज़दीक रखा वहीं उन्होंने सभा मँच पर गहलोत को अपने निकट बिठा करसूझबूझ भरा सन्तुलन रखा। अपने सम्बोधन में उन्होंने सबसे पहलें गहलोत का नाम लिया।सभा मंच परराजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा,गहलोत मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य सहित राजस्थानऔर मध्य प्रदेश के दिग्गज नेता मौजूद थे।

राहुल गाँधी ने अपने भाषण में यात्रा की सफलताओं का ज़िक्र करते हुए देश में बढ़ रही महंगाई और बेरोज़गारीतथा चंद उधयोगपतियों के हाथ में जा रहीं देश की संपतियों आदि बातों को दोहराया और कहा कि मैंरी यात्राका उद्देश्य देश में डर के वातावरण को खत्म कर भाईचारा को पुनः स्थापित करने का प्रयास है। मैं तो चाहता हूँकि भाजपा और आरएसएस के लोगों में व्याप्त डर भी समाप्त होवें। राहुल ने कहा कि वर्तमान हालातों मेंभाजपा और आरएसएस वालों से भी मेरी सहानुभूति है । मैं उनसे नफ़रत नहीं करता हूँ।

उन्होंने मज़ाक़िया अन्दाज़ में मीडिया से मुख़ातिब होते हुए कहा कि हमारे यें मित्र भारत जोड़ों यात्रा को अपेक्षाअनुरूप कवरेज नहीं देते और संशय जताते रहते है कि दक्षिण भारत के मुक़ाबले उत्तर भारत और हिन्दी भाषीप्रदेशों में यात्रा को सफलता नही मिलेंगी लेकिन एक के बाद एक राज्य में यात्रा को ऐतिहासिक सफलता मिलरही है और मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान में कितनी अधिक सफलता मिलेंगी यह भी देखेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुन्धरा राजे और उनके सांसद पुत्र दुष्यन्त सिंह के पिछलेंतीन दशको से भी अधिक समय से भाजपा का अभेद्य गढ़ रहें झालावाड़ में राहुल गाँधी की भारत जोड़ों यात्राकी भव्य और अभूतपूर्व अगवानी कर पहली अग्नि परीक्षा में अशोक गहलोत पास हो गए है लेकिन मंच परअपने भाषण में राहुल गाँधी द्वारा भारत जोड़ों यात्रा को राजस्थान में मध्य प्रदेश से भी अधिक सफलता काज़िक्र करने से यात्रा को और भी अधिक ऐतिहासिक बनाने की चुनौती गहलोत के कन्धों पर हैं।