14-दिसंबर को छत्तीसगढ़ के सभी किसान संगठन ‘एमएसपी की कानूनी गारंटी’ हेतु जुटेंगे राजधानी में

दीपक कुमार त्यागी

  • वीएम सिंह, राजू शेट्टी, डॉ राजाराम त्रिपाठी सहित कई बड़े राष्ट्रीय किसान नेता करेंगे शिरकत
  • उत्पादों का उचित मूल्य ना मिलने के कारण लगभग 7-सात लाख करोड़ रुपए का घाटा हर साल उठा रहा देश का किसान: राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ राजाराम त्रिपाठी
  • कृषि-अनुदान, कर्जा-माफी नहीं हैं स्थायी समाधान,किसानों के उत्पादों की लाभकारी एमएसपी की गारंटी ही है सही निदान : डॉ राजाराम त्रिपाठी

छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य और अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव तेजराम विद्रोही, संयोजक मंडल सदस्यगण पारसनाथ साहू, जागेश्वर जुगनु चन्द्राकर ने बताया कि सभी कृषि उपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग और संघर्ष को लेकर देश के वरिष्ठ तथा अग्रणी किसान नेता वीएम सिंह की अध्यक्षता में देश के अग्रणी किसान संगठनों ने दिल्ली में लगातार बैठकें कर सर्वसम्मति से 1-एक सूत्रीय कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय “एमएसपी गारण्टी किसान मोर्चा” बनाया है। इसके द्वारा देश भर में किसान संगठनों और किसानों के बीच संगोष्ठी व सम्मेलनों के माध्यम से सभी फसलों और सभी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारण्टी मिल सके इस विषय पर व्यापक जनअभियान चलाया जा रहा है। एकसूत्रीय अभियान की इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ छत्तीसगढ़ तथा प्रदेश के अन्य दर्जनों सक्रिय किसान संगठनों द्वारा एकजुट होकर 14 दिसम्बर दिन बुधवार को दोपहर 12 बजे से, प्रदेश की राजधानी रायपुर में साहू समाज भवन टिकरा पारा के सभागार में *सभी फसलों और सभी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी हेतु प्रदेश के समस्त किसान संगठनों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया है। आयोजन के मुख्य वक्ता “एमएसपी गारंटी मोर्चा” के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह,राजू शेट्टी संयोजक महाराष्ट्र और मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ राजाराम त्रिपाठी होंगे।

“एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा” के नवनियुक्त राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ राजाराम त्रिपाठी ने मोर्चे तथा आयोजन के उद्देश्यों के बारे में आगे बताया कि *देश के किसानों के कृषि उत्पादों का लाभकारी मूल्य पर ना मिल पाने के कारण देश के किसानों को लगभग 7 सात लाख करोड़ रुपए का हर साल घाटा होता है।* खेती के इस निरंतर घाटे को सहते सहते किसान कर्जे में डूबकर दिवालिया हो रहे हैं, और मजबूरी में आत्महत्या तक कर रहे हैं। *इसका इलाज ना तो खाद, बीज, सिंचाई आदि के नाम पर चिड़िया के चुग्गे की तरह दिए जाने वाला नाकाफी अनुदान है, और ना ही समय-समय पर तपते लाल तवे पर पानी के छिड़काव की भांति, किए जाने वाला पक्षपाती कर्ज-माफी इसका कोई स्थायी समाधान है।* इसके लिए तो सरकार को हर किसान को उसके प्रत्येक फसल के लिए ससम्मान लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला एक सक्षम “एमएसपी गारंटी कानून बनाना चाहिए, यही एकमात्र सही निदान है। देश की खेती अब आमूलचूल परिवर्तन मांग रही है। इस दिशा में सबसे पहला और जरूरी कदम देश के किसानों को उनके उत्पादन का वाजिब मूल्य दिलाने गारंटी देने वाला एक सक्षम कानून बनाना होगा,और यह देश के किसान संगठनों के साथ मिल बैठकर किया जाना ही उपयुक्त रहेगा।

यह अभियान पूरे देश में जोर शोर से प्रारंभ हो गया है। सोमवार को उत्तराखंड में किसानों की सम्मेलन हुए। 1 दिसंबर को पुणे महाराष्ट्र में राजू शेट्टी के संयोजन में विशाल किसान सभा आयोजित की गई। छत्तीसगढ़ के बाद आगे 18 दिसंबर को देहरादून में किसानों की बड़ी सभा आयोजित की जाने वाली है जहां देशभर के किसान संगठन तथा लाखों किसान पहुंच रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के इस आयोजन में प्रदेश के सभी किसान संगठनों, मजदूर, समाजसेवी संगठनों, बुध्दिजीवियों, और आम उपभोक्ताओं को आमंत्रित किया गया है। आयोजन में देश के प्रत्येक फसल तथा प्रत्येक किसान के लिए लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य अर्थात एमएसपी क्यों जरूरी है तथा इसके लिए सक्षम कानून कैसे तैयार किया जा सकता है, इस विषय पर गंभीर चर्चा होगी। किसान के लिए एमएसपी के महत्व और इसकी कानूनी गारंटी के फायदे की जानकारी प्रदेश के गांव-गांव, घर-घर, प्रत्येक किसान तक पहुंचाने हेतु छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए रणनीति पर भी विचार किया जाएगा तथा सभी किसान संगठनों के सुझाव भी लिए जाएंगे एवं संगठन के जिले एवं विकासखंड स्तर तक विस्तार पर भी विचार मंथन होगा।