संदीप द्विवेदी
नई दिल्ली : पिछले कई वर्षों की भांति भारतीय राजनीति के पुरोधा युगपुरुष हम सभी के प्रेरणा स्रोत, भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्रधेय अटल बिहारी वाजपेई जी की जन्मजयंती की पूर्व संध्या पर दिनांक 24 दिसंबर 2022 को सायंकाल दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित एनडीएमसी कन्वेंशन हॉल में एक भव्य “अटल काव्यांजलि” का आयोजन नीरज स्मृति न्यास द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हरियाणा के राज्यपाल महामहिम श्री बंडारू दत्तात्रेय जी शामिल हुए। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि नीरज न्यास के अध्यक्ष श्री आर. के. सिन्हा जी भाग्यशाली है जिन्हें 30-35 साल तक अटल जी का सानिध्य मिलता रहा। मैं देश के महान सपूत श्रद्धेय अटल जी को याद कर श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। हमें उनके जीवन मूल्यों से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को नया आयाम देना चाहिए। अटल जी बहुयामी व्यक्तित्व के धनी थे। वे किसी पार्टी के नहीं देश के नेता थे।
नीरज स्मृति न्यास के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद श्री आर. के. सिन्हा जी ने कहा कि माननीय राज्यपाल जी का निजी लगाव श्रद्धेय अटल जी से पचास वर्षों से रहा है और दक्षिण भारतीय होते हुए भी उन्होंने हिन्दी काव्यांजलि में शामिल होने की सहर्ष सहमती दी है, जो हमारे लिए बहुत गर्व की बात है।
नीरज स्मृति न्यास के अध्यक्ष एवं पूर्व राज्य सभा सांसद श्री आर. के. सिन्हा ने बताया कि हिंदी के प्रसिद्ध कवि गोपालदास नीरज जी की मृत्यु अटल जी के स्वर्गवास के कुछ सप्ताह पूर्व ही हुआ था जिसके पश्चात “नीरज स्मृति न्यास” का गठन किया गया और विगत वर्षों में अटल जी की याद में न्यास ने “अटल काव्यांजलि” पूरे देश भर में करवाई थी। उसी श्रृंखला में अब मैं पुनः अटल जी के जन्मजयंती की पूर्व संध्या पर दिल्ली में दिनांक 24 दिसंबर और पटना में 26 दिसंबर को में “अटल काव्यांजलि” नीरज स्मृति न्यास द्वारा किया जा रहा है।
इस बार के अटल काव्यांजलि में देश भर के जानेमाने अनेक कवि शामिल हुए, जिसमें पदमश्री सुरेन्द्र शर्मा, डॉo बुद्धिनाथ मिश्र, डॉo विष्णु सक्सेना, श्री सर्वेश अस्थाना, डॉo रूचि चतुर्वेदी, श्री मनवीर मधुर, सुश्री शुभी सक्सेना, श्रीमती आराधना सिन्हा प्रमुख हैं। कार्यक्रम के संचालन की ज़िम्मेदारी कविवर गजेन्द्र सोलंकी निभाया। सभी कवियों ने अपनी कविता पाठ में अटल जी को श्रद्धांजलि दी और अपने अनुभव साझा किया। काव्यांजलि में सैंकड़ों की तादाद में आए सभी गणमान्य लोगों ने कविता पाठ का आनंद लिया। देशभक्ति से ओतप्रोत कविताओं से पूरा हॉल तालियों की गरहराहट से गूंज उठा।