दीपक कुमार त्यागी
- कोरोना की मार के चलते पिछले 15 दिनों में चीन से कच्चे माल का आयात कम हुआ
- चीनी उत्पादों पर भारत की निर्भरता कम करने का है उचित समय
- व्यापारियों के संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखा पत्र
- कच्चे माल के लिए अन्य देशों का विकल्प तलाशे भारत सरकार
- जिसने दिया कोरोना, उससे व्यापार करो – ना , अभियान चलायेगा सीटीआई
नई दिल्ली : मीडिया खबरों के अनुसार पड़ोसी देश चीन में कोरोना के केस काफी बढ़ गए हैं। खबरों के मुताबिक, वहां के अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। कई तस्वीरें भी वायरल हुई हैं, जिसमें मरीजों को बेड तक नहीं मिल पा रहे हैं, चीन में कोरोना बढ़ने से वहां का प्रोडक्शन कम हो गया है। ट्रक ड्राइवर भी महामारी की चपेट में हैं, ट्रांसपोर्टेशन भी प्रभावित हुआ है। इस स्थिति से देसी व्यापारियों की चिंता भी बढ़ी है। महामारी की स्थिति को देखते हुए चीन में पहले से न्यू ईयर की छुट्टियां घोषित हो गई हैं।
चीन से भारत में कैमिकल, फार्मा, मेडिकल, मशीनरी रॉ मैटेरिटेल और इलेक्ट्रिकल, ऑटोमोबाइल पार्ट्स आदि सामान ज्यादा आता है।
इस मुद्दे पर व्यापारियों के संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है, सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा है कि यदि चीन में प्रोडक्शन कम हो गया है, ट्रांसपोर्टेशन में दिक्कत आ रही है। पोर्ट पर माल नहीं पहुंच रहा है, तो इस तरह की स्थिति से भारत की मार्केट भी प्रभावित होगी,
ऐसे हालात से बचने के लिए केंद्र सरकार को अभी से जरूरी कदम उठाने होंगे , अब समय आ गया है कि भारत सरकार चाइनीज माल के विकल्प पर तेजी के साथ फोकस करे, सरकार को देश में ही प्रोडक्शन बढ़ाना होगा। यदि कोई माल अपने यहां नहीं बनता है, तो चीन को छोड़कर दूसरे देशों से आयात करना होगा।
सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि वैसे भी चीन से कारोबार करना भारत के लिए ठीक नहीं है।
वहीं से कोरोना जैसी महामारी उभरी, जिसने पूरी दुनिया में तबाही मचाई। लोगों की मौतें हुईं। कई देशों को आर्थिक मंदी का शिकार होना पड़ा। वैसे भी सीमा पर भी चीन के सैनिक भारतीय सेना के साथ आयेदिन जबरन उलझते हैं, हालात ऐसे बन जाते हैं कि मारपीट तक की नौबत आ जाती है। चीन को सबक सिखाना होगा। चीन पर व्यापारिक मोर्चे पर भारत को निर्भरता कम करनी होगी और वैसे भी जब देश में माल बनेगा, तो हिन्दुस्तान आर्थिक तौर पर भी मजबूत होगा। इसलिए भारत सरकार को चीनी उत्पादों की निर्भरता खत्म करनी चाहिए और अन्य देशों का विकल्प तैयार करना चाहिए।
सीटीआई महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने कहा कि पूरे दिल्ली में *जिसने दिया कोरोना उससे व्यापार करो – ना* अभियान चलाया जाएगा और व्यापारियों को जागरूक किया जाएगा।