जाट महापुरुषों के गौरवशाली इतिहास को केन्द्रीय और राज्यों के शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल किया जायें
गोपेंद्र नाथ भट्ट
नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद से सम्बद्ध जाट नेताओ ने शनिवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार मुलाकात कर जाट समाज और इनके महापुरुषों के गौरवशाली इतिहास को केन्द्रीय और राज्यों के शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग रखी।
मुलाकात के दौरान गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत,अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद के संयोजक रामावतार पलसानियां एवं पीएस कलवानियां और बेंगलूरू के प्रमुख उद्योगपति चौधरी रामसिंह कुल्हरी भी मौजूद थे ।
इस दौरान सभी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माताजी हीरा बेन के निधन पर गहरा शोक और हार्दिक संवेदनाएँ व्यक्त की।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजस्थान की आन,बान और शान की प्रतीक पगड़ी एवं विश्व के सिरमौर भारत भूमि के अजेय महायोद्धा महाराजा सूरजमल की तस्वीर भेंट की गई।
अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद के दोनों संयोजकों रामावतार पलसानियां एवं पी एस कलवानियां ने प्रधानमंत्री से सामाजिक एवं राजनीतिक विषयों पर विस्तार से चर्चा करने के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद द्वारा कला, शिक्षा, साहित्य, संस्कृति, रोजगार सर्जन एवं गौरवशाली जाट इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के लिए किए जा रहे कार्यो की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज ‘अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद’ का सामाजिक नेटवर्क दुनिया भर में फैल गया है।
‘अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद’ द्वारा महाराजा सूरजमल के स्वर्णिम इतिहास पर ‘द ग्रेट महाराजा सूरजमल’ डॉक्युमेंट्री फिल्म का निर्माण करने के साथ ही अखंड भारत के महानायक दीनबंधु, रहबरे आजम और चौधरी सर छोटूराम के महानतम जीवन पर ‘सर छोटूराम-द लीजेंड ऑफ अनडिवाइडेड इंडिया’ डॉक्यूमेंट्री फिल्म का भी निर्माण किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इन कार्यों की सराहना की एवं समाज को भावी कार्यक्रमों के लिए अपनी शुभकामनाएँ दी।
उल्लेखनीय है कि अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद पिछले पंद्रह वर्षो से ऐतिहासिक कार्य कर रही हैं। यह जाट समाज का दुनिया में सबसे बड़ा सामाजिक संगठन है, जिसका नेटवर्क आज दुनिया के 150 देशों में फैला हुआ है।अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद ने अपना प्रथम सत्र का ऐतिहासिक एवं भव्य आयोजन नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 01 मार्च 2020 को दुनिया भर से आयें 62 देशों के समाज बंधुओं की उपस्थिति में संपन्न किया था। इसी प्रकार द्वितीय सत्र का आयोजन राजस्थान की राजधानी जयपुर के बिड़ला ओडिटोरियम में 12 जून 2022 को दुनिया भर के 130 देशों के समाज बंधुओं की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
इस कारवाँ को आगे बढ़ाते हुए हाल ही में 18 सितम्बर 2022 को कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरू में ‘प्रवासी जाट अधिवेशन’ का भव्य आयोजन हुआ। इसका उद्देश्य साउथ इंडिया में व्यापार, शिक्षा, रोजगार आदि को लेकर वर्षो पहले पलायन करने वाले समाज के लोगों का अपनी मातृभूमि से जुड़ाव करने के साथ ही इतिहास,कला, संस्कृति और राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ना था।