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दिल्ली
डियर आईएएस एस्पिरेंट ! आप भेड़ – बकरी नहीं हो !
मैं पिछले 27 सालों करियर प्लस कोचिंग के माध्यम से सिविल सेवाओं की कोचिंग से जुड़ा हूँ। हज़ारों विद्यार्थी मेरी संस्था करियर प्लस से जुड़कर सिविल, इंजीनियरिंग सेवा, वन सेवा…
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आलेख
लोकतंत्र या राजतंत्र: कंधों पर छाले और मन में सवाल
डॉ. राजाराम त्रिपाठी महामहिमों की सवारी और जनता की लाचारी : बस्तर में हर दिन किसी ने किसी वीआईपी का दौरा लगा रहता है। एक बार फिर बस्तर में माननीय…
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आलेख
पुण्य श्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होलकर
अरविन्द भाई ओझा आज देश अहिल्याबाई होल्कर की 300 वीं जन्म शताब्दी वर्ष मना रहा है ऐसे में आज उनकी जयंती पर हम उनका स्मरण कर रहे हैं। व्यक्ति संसार…
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आलेख
न बिके, न झुके: वो पत्रकारिता जो सवाल करती है
डॉ सत्यवान सौरभ जिस देश ने ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ का आदर्श दिया, उस देश में पत्रकारिता कोई पेशा नहीं, बल्कि एक नैतिक यज्ञ है। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहलाने वाली पत्रकारिता…
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मनोरंजन
लव करूँ या शादी, दिल को छू लेती है यह प्रेम कहानी
निर्देशक : जयप्रकाश शॉकलाकार: आकर्ष अलघ, मीशा कपूर,मैरिना सिंह, प्रीति सिंघानिया, गोविंद नामदेव, मिलिंद गुणाजी, अली असगर, मुश्ताक खान, सोनिका गिलअवधि: 2 घंटे 10 मिनटसेंसर : यू/एरिलीज़ की तारीख :30…
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खेल
भारत जू महिला हॉकी टीम चिली की जू टीम से शूटआउट में 1-3 हारी
सत्येन्द्र पाल सिंह नई दिल्ली : कणिका सिवाच के एक बार पर निर्धारित समय में दागे गोल की बदौलत भारत की जूनियर महिला टीम चिली की जूनियर टीम के खिलाफ…
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साहित्य
कलम का रणघोष
डॉ सत्यवान सौरभ जब न्याय की नींव डगमगाए,जब सत्ता सच पर वार करे,तब कोई तलवार नहीं उठती —कलम उठती है, अंगार करे। ना रक्त चाहिए, ना शस्त्रों की शान,बस स्याही…
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राज्य
विपक्ष के लिये योगी को घेरना आसान नहीं
अजय कुमार उत्तर प्रदेश में 22 महीनों के बाद फिर से विधानसभा चुनाव होने हैं। इस दौरान 2022 के मुकाबले कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं। सियासी परिदृश्य में…
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मनोरंजन
दीपिका पादुकोण का रेड अंदाज़ देख रह गए सब दंग
मुंबई (अनिल बेदाग) : दीपिका पादुकोण ना सिर्फ भारत की टॉप एक्ट्रेस हैं बल्कि एक ग्लोबल आइकन भी हैं, जो इंटरनेशनल लग्ज़री वर्ल्ड में इंडिया की पहली ग्लोबल लग्ज़री ब्रांड…
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आलेख
क्या छोटे देश खत्म हो जाएंगे?
राष्ट्र का आकार तय करता है उनका भविष्य: वैश्वीकरण की दुनिया में साइज और आकार की कठोर सच्चा बृज खंडेलवाल जब भारत चारों ओर से असहज और शत्रुतापूर्ण पड़ोसियों से…
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आलेख
कलम की बेटियाँ: आवाज़ें जो कुचली नहीं जा सकतीं
प्रियंका सौरभ जब कोई स्त्री कलम उठाती है, तो वह केवल शब्द नहीं रचती—वह एक युग को चुनौती देती है। पत्रकारिता के रणक्षेत्र में जब महिलाएं उतरती हैं, तो उनके…
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