
दीपक कुमार त्यागी
एडिशनल सीपी आलोक प्रियदर्शी व एडीसीपी ट्रैफिक सच्चिदानंद ने दी विस्तार से नयी व्यवस्था के बारे में जानकारी
गाजियाबाद : पुलिस आयुक्त गाजियाबाद जे. रविंदर गौड के निर्देशानुसार, पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद में यातायात व्यवस्था को अधिक सुरक्षित, सुगम एवं सुव्यवस्थित बनाए रखने के उद्देश्य से विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। इस योजना के बारे में एडिशनल सीपी आलोक प्रियदर्शी व एडीसीपी ट्रैफिक सच्चिदानंद ने दी विस्तार से जानकारी। इस नयी योजना में प्रभावी यातायात प्रबंधन की दृष्टि से गाजियाबाद को तीन जोन एवं नौ सब जोन में बांटा गया है। प्रत्येक जोन में सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के तीन अधिकारियों को जोनल प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है, जबकि प्रत्येक सब जोन में सब जोनल प्रभारी के रूप में यातायात निरीक्षक स्तर के नौ अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। क्षेत्र में यातायात के घनत्व एवं बढ़ती आवश्यकताओं के दृष्टिगत, यातायात पुलिस बल में कर्मियों की संख्या में वृद्धि की गई है।
उन्होंने बताया कि बेहतर यातायात प्रबंधन हेतु दो शिफ्ट दिन व रात्रि में ड्यूटी लगायी जा रही है। एनएचएआई के सहयोग से कुल 20 स्मार्ट यातायात बूथ निर्माण कराये जाने की कार्यवाही प्रचलित है, एवं यातायात निरीक्षक स्तर के अधिकारियों के कार्यालयों के निर्माण कराये जाने हेतु एनएचएआई / नगर निगम / गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से समन्वय स्थापित कर कार्यवाही प्रचलित है। आम जनमानस के बीच यातायात नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, बाजारों एवं सार्वजनिक स्थलों पर वृहद स्तर पर अभियान एवं जागरूकता कार्यक्रम चलाये जाएंगे।
यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध सख्त एवं प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी, ताकि सड़क सुरक्षा एवं अनुशासित यातायात व्यवस्था को बढ़ावा दिया जा सके। इसके साथ ही बार-बार उल्लंघन करने वाले वाहनों का चिन्हीकरण किया जा रहा है, तथा इनकी आरसी व ड्राइविंग लाइसेंस को सस्पेंड कराने हेतु संभागीय परिवहन अधिकारी को रिपोर्ट प्रेषित करने की कार्यवाही प्रचलित है। स्कूल / कॉलेज में बिना मानकों के संचालित वाहनों व ई-रिक्शा के विरुद्ध प्रभावी चेकिंग अभियान चलाकर इनके विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी। महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, समस्त ऑटो एवं ई-रिक्शा को विभिन्न रूट एवं यूनिक नंबर आवंटित किये जायेंगे, प्रत्येक रूट को अलग अलग कलर प्रदान किया जायेगा। इनका विस्तृत विवरण यातायात कार्यालय में रखा जायेगा।
सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाये जाने के उद्देश्य से तथा आमजनों को सुगम एवं सुरक्षित यातायात व्यवस्था प्रदान कराये जाने हेतु यातायात पुलिस द्वारा एनएचएआई के सहयोग से दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर / एन०एच०-09 के सभी अंडरपास एवं प्रवेश / निकास मार्गों पर रिफ्लेक्टिव साइनेज बोर्ड लगवाया जाना है। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर यू०पी० गेट (दिल्ली बॉर्डर) से डासना तक दोनों ओर लोहे की रेलिंग लगवाया जाना। एन0एच0-09 से बुलंदशहर लाल कुआँ उतार पर नीचे रोड का चौड़ीकरण एवं डिवाइडर को ऊँचा कराया जाना है। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे एवं एन०एच०-09 पर अतिरिक्त एम्बुलेंस /पेट्रोलिंग वाहन /रिकवरी वैन आदि की संख्या बढ़वाया जाना है। एन०एच०-09 पर स्थित सभी अंडरपास पर विपरीत दिशा में चलने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध चलानी कार्यवाही हेतु ANPR कैमरा लगवाया जाना है। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे एवं एन0एच0-09 पर रात्रि के समय समुचित प्रकाश प्रबंध कराया जाना। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे एवं एन0एच0-09 पर आवश्यकतानुसार रम्बल स्ट्रिप लगवाया जाना है।
उन्होंने बताया कि कमिश्नरेट में यातायात पुलिस के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नियमित रूप से प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। जब्त वाहनों के सुव्यवस्थित प्रबंधन हेतु जोन स्तर पर समर्पित पार्किंग स्थलों की पहचान एवं व्यवस्था की कार्यवाही प्रचलित है। सुगम एवं निर्बाध यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु समस्त अनाधिकृत पार्किंग स्थलों, बस स्टैंडों एवं टैक्सी स्टैंडों को चिन्हित करने की कार्यवाही प्रचलित है। गाजियाबाद के सभी ट्रॉमा सेंटर, अस्पतालों एवं एम्बुलेंस सेवाओं के संपर्क मोबाइल नंबर का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि आपातकालीन स्थिति में त्वरित सहायता प्राप्त की जा सके। यह सूची पुलिस नियंत्रण कक्ष में भी उपलब्ध रहेगी। बेहतर यातायात प्रबंधन एवं एआई (AI) आधारित स्वचालित चालान प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु आईटीएमएस (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) क्रियान्वयन करने एवं पुलिस कमिश्नर कार्यालय में कण्ट्रोल रूम स्थापित किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। नगर निगम एवं गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से समन्वय स्थापित करते हुए, आवश्यकता अनुसार भीड़ भाड़ वाले क्षेत्रों में मल्टीलेवल पार्किंग हेतु स्थान चिन्हीकरण की कार्यवाही प्रचलित है।
वहीं एनजीटी के निर्देशों के क्रम में पर्यावरणीय मानकों के अनुपालन हेतु 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों एवं 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल / अन्य वाहनों के विरुद्ध सघन जाँच एवं सीज की कार्यवाही प्रचलित है। गलत कटों को चिन्हित कर उन्हें बंद कर उनके स्थान पर आवश्यकतानुसार यू टर्न निर्माण कराने की कार्यवाही प्रचलित है।