वनाग्नि की रोकथाम के लिए पांच साल की विस्तृत योजना मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजी

A detailed five-year plan for forest fire prevention has been sent to the Central Government for approval

रविवार दिल्ली नेटवर्क

देहरादून : उत्तराखण्ड सरकार द्वारा वनाग्नि की रोकथाम के लिए पांच साल की विस्तृत योजना तैयार कर मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजी है। इसके साथ ही वन विभाग आगामी वनाग्नि सत्र से पहले प्रदेश में सात नई पिरुल ब्रिकेट्स यूनिट तैयार कर देगा। इससे पिरुल एकत्रीकरण के जरिए वनाग्नि रोकथाम में मदद मिलेगी।

वन विभाग चीड़ पिरुल को एकत्रित करते हुए इसका प्रयोग पैलेट्स, ब्रिकेट्स बनाने में कर रहा है। इसके लिए स्वयं सहायता समूहों की मदद ली जा रही है। वर्तमान में विभाग इन समूहों को प्रति क्विंटल तीन सौ रुपए की दर से चीड़ एकत्रित करने का भुगतान करता है। गत वर्ष विभाग ने स्वयं सहायता समूहों के जरिए 38299.48 कुंतल चीड़ पिरुल एकत्रित किया। जिसके बदले समूहों को ₹1.13 करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया।

अपर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा के मुताबिक, पिरुल एकत्रीकरण से वनाग्नि रोकथाम में प्रभावी कमी आयी है। इसलिए वर्तमान में जारी ब्रिकेट्स यूनिट की संख्या बढ़ाकर 12 किए जाने की तैयारी है। जल्द ही अल्मोड़ा, चम्पावत, गढ़वाल और नरेंद्रनगर वन प्रभाग में सात नई यूनिट स्थापित की जाएंगी। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन भी हो सकेगा।