दिल्ली के इंडिया गेट पर राजस्थानी व्यंजनों की बहार आरटीडीसी की एक अच्छी पहल

A good initiative by RTDC to showcase Rajasthani cuisine at India Gate, Delhi

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

नई दिल्ली : देश की राजधानी नई दिल्ली में दिल्ली के दिल इंडिया गेट पर राजस्थानी व्यंजनों की बहार लाकर राजस्थान सरकार के राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) ने एक अच्छी पहल की है जिसकी सभी ओर प्रशंसा हो रही हैं। आरटीडीसी की प्रबंध निदेषक सुषमा अरोड़ा ने शुक्रवार को यहां राजस्थानी फूड शॉप का उद्घाटन किया। इस फूड शॉप पर राजस्थान का ऑथेंटिक फूड उपलब्ध होगा।

वैसे तो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में देश दुनिया के हर प्रकार के व्यंजन मिलते है और पांच सितारा होटल्स और बड़ी ब्रांड की दुकानें ग्राहकों से उनका कई दुगना दाम वसूल करती है लेकिन फिर भी दिल्ली के लजीज खाने के अलावा आम लोगों को अन्य प्रदेशों का ऑथेंटिक फूड नही मिल पाते है जिसकी तलाश में लोग दिल्ली के हर कौने की खाक छान मारते हैं। वैसे अन्य प्रदेशों के मुकाबले दिल्ली में राजस्थानी खाने की जबरदस्त मांग हैं। लोग प्रायः यह इंक्यावरी करते देखे गए है कि राजस्थान की खस्ता कचौरी, दाल,बाटी और चूरमा,बेसन गट्टे की सब्जी,मक्का की रोटी ,गुड और केर सांगरी की सब्जी आदि व्यंजन कहां मिलेंगे ? यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला के फूड कोर्ट में राजस्थानी व्यंजनों की बिक्री सबसे अधिक रहती आई है। दिल्ली में व्यंजनों और नमकीन एवं मिठाइयों की 90 प्रतिशत दुकानों के नाम राजस्थान के मशहूर ब्रांड अथवा विशेष सरनेम के नाम से ही है लेकिन कतिपय राजस्थानी बड़े ब्रांड की दुकानों को छोड़ कर ग्राहक राजस्थानी जायके का खाना नही मिलने से संतुष्ट नहीं हो पाते हैं। इसलिए कई लोग राजस्थान के ऑथेंटिक फूड की चाहत और राजस्थानी खाना खाने के लिए जयपुर तक की यात्रा करने में भी संकोच नहीं करते है। तीज और त्योहारों में यह प्रचलन अधिक देखा गया हैं। वैसे दिल्ली वाले खाना खाने के लिए अपने परिवार और मित्रों के साथ प्रायः दिल्ली की चारों दिशाओं में मीलों दूर तक जाने के लिए मशहूर है। इसलिए फ़ूड इंडस्ट्री दिनों दिन फल फूल रही है।

राजस्थान सरकार के आरटीडीसी ने देश की राजधानी नई दिल्ली में खाने पीने के शौकीन लोगों को राजस्थान का ऑथेंटिक फूड उपलब्ध कराने के लिए समय समय पर कई प्रयास किए हैं। दिल्ली के आईएनए स्थित विख्यात दिल्ली हॉट में राजस्थानी फूड का पामणा रेस्टोरेंट वर्षों से दिल्लीवासियों और परदेसियों की पहली पसंद बना रहा लेकिन अपरिहार्य कारणों से कुछ वर्षों बाद इसके बंद हो जाने से लोगों में भारी निराशा हुई। वैसे राजस्थान सरकार की ओर से दिल्ली में फूड शॉप खोलने की शुरुआत पहली बार नहीं की गई है। पहले भी दिल्ली हॉट के अलावा बीकानेर हाउस में राजस्थानी डेयरी के फूड उत्पादों का सारा दिल्ली दीवाना हुआ था। यहां सरस की लस्सी, छाछ, दूध, श्रीखंड,घी,बटर, दूध जलेबी के साथ अन्य कई उत्पादों की जबरदस्त बिक्री होती थी। यहां तक मधुमेह में उपयोगी ऊंटनी के दूध ने भी पूरी दिल्ली में धूम मचा रखी थी। राजस्थान रोडवेज की डीलक्स बसों से जयपुर और अन्य स्थानों पर जाने वाले टूरिस्ट के लिए खाने पीने का यह एक बड़ा हब था,लेकिन अपरिहार्य कारणों से कालांतर में डीलक्स बसें और यह मिल्क पार्लर भी बंद हो गया जिससे लोगों को भारी मायूसी हुई थी,लेकिन अब आरटीडीसी की नई सीएमडी सुषमा अरोड़ा ने अपने नए पद का कार्यभार संभालते ही दिल्लीवासियों के लिए आशा की एक नई किरण जगा दी है। इसके पहले भी उनके ही बड़े भाई ने सरस दूध के एक गिलास को एक बच्चे को दूध पिलाते हुए पोस्टर में प्रदेश के मुख्यमंत्री को ही सरस का ब्रांड एंबेसेडर बना दिया था। अब सुषमा अरोड़ा ने आरटीडीसी के माध्यम से नई दिल्ली में संसद भवन, प्रधानमंत्री आवास और केंद्र सरकार के प्रमुख दफ्तरों से घिरे विकसित हो रहें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा को राजस्थान के विष्व प्रसिद्ध व्यंजनों के स्वाद और जायके से महकाने की जो पहल की है वह सराहनीय कदम कहा जा सकता हैं। इंडिया गेट के नजदीक चिल्ड्रन पार्क के सामने स्थापित किए गए इस फूड कोर्ट के शुभारंभ अवसर का नजारा देखने लायक था। ढोल, नगाड़े एवं राजस्थानी लोक नृत्य की रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ हुए राजस्थानी फूड की शॉप के इस आगाज के साथ ही पूरा इंडिया गेट राजस्थानी व्यंजनों की खुशबू से महक उठा।

इस मौके पर आरटीडीसी चेयर पर्सन सुषमा अरोड़ा ने कहा कि हम इस फूड कोर्ट के माध्यम से राजस्थान के असली स्वाद और जायके से दुनिया को रूबरू करवाएंगे। यह फूड कोर्ट दिल्ली में राजस्थान के आतिथ्य एवं संस्कृति को सहजता से आम जनमानस तक पहुंचाने में कारगर साबित होगा। आर.टी.डी.सी. के इस फूड कोर्ट पर भोजन की क्वालिटी और सर्विस पर विशेष ध्यान रखा जाएगा।

इस अवसर पर निगम के कार्यकारी निदेशक राजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि सोशल वेलफेयर के लिए आरटीडीसी द्वारा समय पर भिन्न भिन्न प्रकार के नवाचार किये जाते रहे है, चाहे वो मिडवे रेस्टोरेंट का कंसेप्ट हो या दुनियां की सबसे लग्जरी ट्रेन पैलेस ऑन व्हील्स में देशी और इंटर कांटिनेटल व्यंजनों की मेहमान यात्रियों को परोसगारी हों। ऐसे प्रयासों से हम राजस्थान सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के विजन ‘राइजिंग राजस्थान‘ की अवधारणा को और अधिक वृहद एवं व्यापक बना सकेंगे। आर.टी.डी.सी. के दिल्ली कार्यालय के प्रभारी दौलत सिंह ने बताया कि इंडिया गेट के दक्षिण की ओर स्थित शॉप न. 8 पर राजस्थानी फूड शॉप काउन्टर में प्रातः 10 बजे से रात्रि 10 बजे तक राजस्थान के लजीज व्यंजनों में जोधपुर के मिर्ची बड़े, प्याज की कचोरी, कोटा हींग दाल की कचोरी, जयपुरी समोसा, राजवाड़ा का कोफ्ता, पुष्करी ब्रेड पकोड़ा, पुष्करी मालपुवा,मावा कचोरी, जयपुरी राजभोग, गुलाब जामुन, जोधपुरी दूध के लड्डू,जयपुर का घेवर, अलवरी मिल्क केक,मोतीचूर के लड्डू,माखनिया लस्सी, मसाला चाय सहित अन्य कई राजथानी व्यंजन उचित दरों उपलब्ध होंगे तथा राजधानी वासी इनका स्वाद चख सकेंगे।

देश की राजधानी नई दिल्ली का इण्डिया गेट इस महानगर का सबसे बड़ा और लोकप्रिय आकर्षण स्थल है। प्रतिदिन यहां हजारों पर्यटक और लोग घूमने एवं पिकनिक मनाने आते है। साप्ताहिक अवकाश के दिनों में यहां देर रात तक लोगों का हजूम उमड़ता है। ऐसे में इस फूड कोर्ट के माध्यम से राजस्थानी फ़ूड को और अधिक लोकप्रिय बनाने की दिशा में राजस्थान सरकार का यह प्रयास न केवल प्रदेश के व्यंजनों को एक नई पहचान देगा वरन फूड इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को प्रोत्साहित कर प्रदेश के राजस्व मुनाफे में भी इजाफा करेगा।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह प्रयास कितना अधिक सफल होगा और इंडिया गेट पर राजस्थान के व्यंजनों के झण्डे गाड़ पाएगा अथवा नहीं?