तीर्थराज सम्मेद शिखर जी की पावन धरा पर हुआ ऐतिहासिक और अविस्मरणीय आयोजन

A historic and unforgettable event took place on the sacred land of Tirtharaj Sammed Shikhar Ji

विश्व-मैत्री महोत्सव-धर्म, मैत्री और मानवता का संगम: आरिफ मोहम्मद खान

बरुण कुमार सिंह

सम्मेद शिखर जी : तीर्थराज सम्मेद शिखर जी की पावन धरा पर आयोजित विश्व-मैत्री महोत्सव आध्यात्मिक गरिमा और सामाजिक सहभागिता के साथ भव्यता से सम्पन्न हुआ। श्रद्धेय श्री देवेन्द्र ब्रह्मचारी जी के प्रेरणादायी मार्गदर्शन में महावीरायतन फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस विराट महोत्सव ने सम्पूर्ण झारखंड ही नहीं, बल्कि समस्त भारत को गौरवान्वित किया। बिहार के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान, गिरिडीह सांसद श्री चंद्रप्रकाश चैधरी सहित अनेक गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और गौरवशाली बना दिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज तथा आचार्य श्री समयसागरजी महाराज के मंगल चित्र अनावरण से हुआ। इसके पश्चात् परम पूज्य निर्यापक श्रवण मुनिश्री समतासागरजी महाराज ससंघ के पावन सान्निध्य में मंगल वचनों का लाभ मिला। गुरुवंदना के पावन अवसर पर पूज्य आर्यिका रत्न गुरुमति माताजी एवं पूज्य आर्यिका दृढ़मति माताजी ससंघ ने सस्वर मंगलपाठ और प्रवचन के माध्यम से श्रद्धालुओं को आत्मशुद्धि, संयम और धर्ममय जीवन का प्रेरक संदेश दिया।

राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान ने अपने संदेश में कहा- “साधु-संतों की तपस्या, त्याग और धर्ममय जीवन समाज के लिए अमूल्य प्रेरणा है। विश्व-मैत्री महोत्सव जैसे आयोजन राष्ट्र को शांति, सद्भाव और सदाचार की ओर अग्रसर करने वाले प्रकाशपुंज हैं। उन्होंने आगे कहा कि आज भगवान महावीर के अहिंसा, शांति एवं विश्व मैत्री संदेश की दुनिया को ज्यादा जरूरत है।’’

गिरिडीह सांसद श्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने इसे सम्पूर्ण झारखंड का गौरव बताते हुए कहा- “सम्मेद शिखर जी की पावन भूमि पर इतना विराट आयोजन होना भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को नई ऊँचाई देने वाला है।”

श्रद्धेय श्री देवेन्द्र ब्रह्मचारी जी ने अपने उद्बोधन में कहा- “साधु-संतों का सान्निध्य ही जीवन की सबसे बड़ी धरोहर है। जब साधना और तप की अग्नि समाज में प्रकाश फैलाती है, तब मानवता अपने चरम सौंदर्य को प्राप्त करती है। इस महोत्सव ने हजारों आत्माओं को संयम, शांति और मैत्री का अमृतपान कराया है। विश्व-मैत्री महोत्सव केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि यह मानवता को जोड़ने, धर्म की शाश्वत ज्योति को प्रज्वलित रखने और समूचे समाज को एक सूत्र में पिरोने का संकल्प है।

आज हमें यह समझना होगा कि धर्म का असली उद्देश्य पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि आत्मा में करुणा, जीवन में संयम और समाज में सद्भाव जगाना है। जब मनुष्य धर्म और मैत्री के पथ पर चलता है, तभी उसका जीवन सार्थक बनता है और राष्ट्र उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर होता है।”

उन्होंने आगे कहा कि आज की विभाजित और तनावग्रस्त दुनिया को शांति और सद्भाव की सबसे अधिक आवश्यकता है। यह महोत्सव एक नए युग की शुरुआत है, जहाँ सीमाएँ मिटेंगी और समग्र मानवता एक परिवार की तरह जीना सीखेगी।

आयोजन का समन्वय मनोज चयन इशिका एवं अजय जैन गंगवाल ने किया। सहयोग में श्री ताराचंद जैन (अध्यक्ष, दिगंबर जैन धार्मिक न्यास परिषद, झारखंड), संजय पाटनी एवं सानो पाटनी सहित अनेक व्यक्तित्व सक्रिय रहे।

इस अवसर पर समाजहित और उत्कृष्ट योगदान देने वाले पंकज सोनी (समाज गौरव सम्मान), डॉ. संजय कुमार (विद्या वारिधि सम्मान), ब्रह्मचारी धीरज भैयाजी (आध्यात्मिक सेवाभाव सम्मान), अजय जैन गंगवाल (संयोजन गौरव सम्मान) और श्रीमती मोनिला जैन (सांस्कृतिक समर्पण सम्मान) सहित कई व्यक्तित्वों को सम्मानित किया गया।

झारखंड सहित विभिन्न प्रांतों से आए हजारों श्रद्धालुओं की सक्रिय सहभागिता ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। साधु-संतों की उपस्थिति से उत्पन्न आध्यात्मिक वातावरण और समाज के गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी सहभागिता ने विश्व-मैत्री महोत्सव को अविस्मरणीय बना दिया।