मूर्ति चोर के घर टूटा आफत का पहाड़ तो मांफी के साथ वापस कर दी मूर्तियां

A mountain of trouble broke out at the idol thief's house and the idols were returned with an apology

संजय सक्सेना

प्रयागराज : चोरी के बाद उसने मूर्ति को बेचने की कोशिश में उसे पालिश करवाया। पालिश करवाने में मूर्ति का आकार बदल गया, लेकिन इसी दौरान उसके बेटे की तबीयत खराब हो गई। बाद में मूर्ति चुराने का उसे पश्चाताप हुआ और उसने मूर्ति वापस करने का फैसला किया। फिलहाल, मूर्ति चोरी का इस ढंग से पटाक्षेप होगा, पुलिस ने भी नहीं सोचा था। यह रहस्यमय घटना उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की है।

बताते हैं कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 22 सितंबर की रात श्रृंग्वेरपुर धाम के गऊघाट से अष्टधातु की राधा और कृष्ण की दो प्राचीन मूर्तियां चोरी हो गई थीं। चोरी की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की, दो संदिग्धों को हिरासत में लेकर कई दिनों तक पूछताछ की, पर कोई पता नहीं चला। इधर, पुजारी श्री श्री 1008 श्री जयरामदास उर्फ फलाहारी बाबा ने फल और जल का त्याग कर दिया था। हालांकि, अफसरों के मान-मनव्वल के पश्चात उन्होंने चार दिन बाद जल ग्रहण कर लिया। इस दौरान सप्ताहभऱ चली पुलिसिया जांच में कोई ठोस सुराग हाथ नहीं आया।

इसी दौरान किसी की नजर नेशनल हाईवे रोड के किनारे एक बोरी पर पड़ी। आशंका होने पर लोग नजदीक गए और बोरी को खोलकर देखा तो उसके अंदर दो मूर्तियां मिलीं, साथ ही एक खत भी मिला, जिसे उस चोर ने लिखा था, जिसने मूर्ति चुराई थी और बाद में यहां खत के साथ रख दिया।खत में अज्ञात चोर ने इस बात का जिक्र किया था कि मूर्ति चोरी करने के बाद उसका बेटा बहुत बीमार पड़ गया था। फिलहाल, मूर्ति मिलने की खुशी में राधाकृष्ण का जयकारा लगाते आश्रम पहुंचे और मूर्ति मिलने की जानकारी दी। देखते ही देखते मौके पर तमाम भक्त जमा हो गए। मूर्ति को मंदिर में विधि-विधान से स्थापित कर पूजा अर्चना की गई और भजन-कीर्तन किया गया।