रविवार दिल्ली नेटवर्क
इस वर्ष श्रावण मास में अधिमास पड़ने की वजह से जो कि हर चार साल के बाद अधिमास आता है इसी कारण आदि विश्वेश्वर की तत्काल पूजा अर्चना के लिए एक नई याचिका सिविल जज की कोर्ट में ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी के शिष्य व आदि विश्वेश्वर डोली रथ यात्रा के राष्ट्रीय प्रभारी शैलेन्द्र योगीराज सरकार द्वारा दाखिल की गई इस याचिका में यह कहा गया है कि हम सनातनी श्रावण मास के अधिमास में मिट्टी का पार्थिव शिव लिंग बना कर पूजा करते हैं जबकि ज्ञानवापी परिसर में साक्षात शिव लिंग प्रकट हुईं हैं। ऐसे में श्रावण मास के इस अधिमास में उस प्रकट शिव लिंग का पूजा अर्चन किया जाना अत्यंत आवश्यक है इसलिए हम सनातनियो को अति शीघ्र ज्ञानवापी परिसर में प्रकट हुए आदि विश्वेश्वर की पूजा-अर्चना राग भोग करने का अधिकार तुरंत दिया जाए शैलेन्द्र योगीराज सरकार के अधिवक्ता डाक्टर एस के द्विवेदी बच्चा जी नें कहा कि अधिमास में पूजा-अर्चना का अधिकार मिलना ही चाहिए।शासकीय अधिवक्ता महेन्द्र पाण्डेय ने सरकार की तरफ से विरोध किया। सिविल जज शिखा यादव ने दोनों पक्षों को सुना लम्बी बहस चली इसके बाद जज ने फैसला सुनाते हुए ज्ञानवापी परिसर में प्रकट हुए आदि विश्वेश्वर की पूजा-अर्चना का वाद स्वीकार कर लिया है।