- जब ट्रंप के एक इस इवेंट ने उन्हें मीडिया में सुपर हीरो बनाया?
- राष्ट्रपति रिगेन बाद चार दशक में पहली बड़ी सुरक्षा चूक हुई ?
- ट्रंप राष्ट्रपति, तो सीनेटर जे डी वाँस उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार
ललित मोहन बंसल, लॉस एंजेल्स से
डॉनल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ चार बड़े आपराधिक और 92 अदालती मामलों के बाद पेंसलवेनिया में एक विफल जानलेवा हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में सुरक्षा में चूक चूक पर सवालिया निशान लग गया है। इस घटना के चार दशक पहले वाशिंगटन डीसी में राष्ट्रपति रिगेन ताबड़तौड़ छह गोलियों के बाद आशंका जताई जा रही है कि क्या इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव हिंसक कार्रवाई की बिना संपन्न हो सकेंगे? इस घटना से रिपब्लिकन पार्टी के कार्यकर्ताओं के मन में क्षोभ और ‘जैसे को तैसा’ की नफ़रत की भावनाएँ उभर रही हैं। ट्रंप ने उनके बचाव में सीक्रेट सर्विस की सराहना की है, लेकिन उन्होंने जान लेवा हमले के चंद मिनटों बाद जिस तरह मुट्ठी भींचते हुए अपने समर्थकों से एकजुट रहने की अपील कि उस एकमात्र घटना ने उन्हें मीडिया में ‘सुपर हीरो’ बना दिया। इस एक घटना को 93 लाख लाख लोगों ने ए बी सी न्यूज़ पर लाइव देखा, तो देर शाम की बुलेटिन में एक करोड़ 97 लाख लोगों के देखने का दावा किया गया है। घटना के अगले दिन राष्ट्रपति जोई बाइडन के टेलीफ़ोन पर ‘कुशल क्षेम’ पूछे जाने और व्हाइट हाउस से राष्ट्र के नाम संदेश में ‘बुलेट नहीं, बैलेट’ और ‘राजनीति में हिंसा की जगह नहीं’ पर ट्रंप को अच्छा बता कर खूब ‘वाहवाही’ लूट रहे है। जानते हैं, ट्रंप के अनन्य मित्र एलन मुस्क सहित रिपब्लिकन नेता और कार्यकर्ता सीक्रेट सर्विस के सुरक्षा उपायों को पचा नहीं पा रहे हैं।
सवाल उठाए जा रहे हैं, अमेरिका जैसे संपन्न देश में पूर्व राष्ट्रपति और दूसरी टर्म के लिए पद के उम्मीदवार के प्रति इतनी बड़ी सुरक्षा चूक कैसे हो सकती है? ट्रंप अपने कार्यकर्ताओं के साथ मात्र तेरह हज़ार आबादी वाले एक उपनगर बटलर, पेंसलवेनिया में रैली के लिए गये थे। इसके लिए लोकल, स्टेट और फ़ेडरल पुलिस सहित सीक्रेट सर्विस को दस दिन पूर्व सूचना दे दी गई थी। यह रैली खुले में पार्क के एक हिस्से में आयोजित की गई थी। इस रैली में बड़ी भीड़ नहीं थी, दो-तीन हज़ार लोग रहे होंगे। इस के बावजूद ट्रंप के बचाव में विशिष्ट ‘सीक्रेट सर्विस’ की ‘असाधारण चूक’ ने दुनिया भर में इसे एक बहस का मुद्दा बना दिया है। सोमवार को डेमोक्रेट के गढ़ विस्कॉन्सिन के महानगर मिल्वाकी में रिपब्लिकन पार्टी के भीड़ भरे नेशनल कॉन्फ़्रेंस में डॉनल्ड ट्रम्प को औचारिक रूप से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार और उन्हीं के पसंदीदा सीनेटर जे डी वॉन्स ( 40 वर्ष, ओहायो) को उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकित किया, तब शायद ही कोई मीडियाकर्मी रहा होगा, जिसकी आँखें चौंधियाए बिना रही होगी। ओहायो में लोकप्रिय जे डी वाँस चार साल पहले ट्रंप के आलोचक थे।
सुरक्षा में चूक, निदेशक ने की त्यागपत्र की पेशकश?
यहाँ ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ ने सीक्रेट सर्विस के एक वरिष्ठ अधिकारी राबर्ट पुगल से बातचीत उदृत की है। यह अधिकारी घटना के दिन छुट्टी पर थे, पर जनसभा में मौजूद थे। कहते हैं, इस तरह की रैली से पूर्व हमेशा सीक्रेट सर्विस एजेंट लोकल और स्टेट पुलिस से सलाह मशवरा करती है। रैली स्थल और आस-पास के क्षेत्र का दौरा करती है, सभा स्थल के आस पास की बिल्डिंग और कामकाज वाले क्षेत्रों की जाँच परख और अपेक्षित सुरक्षात्मक पहलुओं पर सविस्तार चर्चा करती है। सीक्रेट सर्विस को रैली में किसी अप्रिय घटना अथवा धमकी या किसी भी पक्ष की ओर से अवरोध खड़े किए जाने की आशंका होती है, तो सुरक्षा की दृष्टि से ‘टेक्नॉलाजी और ड्रोन’ की तैनाती के बंदोबस्त करती है। वह इस तथ्य की भी जाँच करती है, क्या किसी जान लेवा धमकी तो नहीं है? घटना के दिन, सीक्रेट सर्विस और स्थानीय पुलिस की ओर से मौक़े पर दो दो स्नाइपर की टीम के जवानों को लगाया गया था। यही नहीं पिछले महीने जून में ट्रंप की सुरक्षा बढ़ाई गई थी। इसके बावजूद चूक कैसे हुई, मंथन चल रहा है? बाइडन ने एक निष्पक्ष जाँच में सहयोग के आदेश दिए हैं। सीक्रेट सर्विस की महिला निदेशक किंबरले चितली ने त्यागपत्र की पेशकश की है, लेकिन उन्हें पद पर बने रहने को कहा गया है।
‘क्या 5 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव शांतिपूर्ण हो सकेंगे?’ सीक्रेट सर्विस पर मौजूदा राष्ट्रपति के साथ सभी पूर्व राष्ट्रपति की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी होती है। बटलर में एक अन्य पूर्व सुरक्षा अधिकारी ने मीडिया में टिप्पणी है, ‘रैली के एक मील के दायरे में जब कार पार्किंग अनुमति नहीं होती , तब एक बंदूक़धारी अपनी ऑटोमैटिक सिस्टम राइफ़ल के मंच के सौ मीटर के दायरे में खुली छत पर कैसे पहुँच गया?’ हमलावर की जेब में कुछ नहीं मिला, उसकी कार में विस्फोटक पदार्थ मिले हैं।’ मीडिया में एक अन्य व्यक्ति ने टिप्पणी की है कि ‘इस रैली में मौजूद कुछेक लोगों ने हाथों के इशारों से समीप की छत पर एक बंदूक़धारी की मौजूदगी के लिए सीक्रेट सर्विस को चेताया, लेकिन उसके एजेंटों ने समय रहते कदम क्यों नहीं उठाए?’
एक सप्ताह बाद 22 जुलाई को प्रतिनिधि सभा की हाउस कमेटी के समक्ष सीक्रेट सर्विस की निदेशक सुश्री किंबरले चीतली को पेश होने को कहा गया है। इस से पूर्व वह इसी सीक्रेट सर्विस में सहायक निदेशक थीं, लेकिन वह पेप्सीको में सीनियर निदेशक पद पर कुछ अरसा काम करके सीक्रेट सर्विस लौट आई थीं। राष्ट्रपति रोनाल्ड रिगेन पर जानलेवा हमला हुआ था और वह 12 दिन अस्पताल में रहे थे। इस से पूर्व मिलवाकी में 1912 में पूर्व राष्ट्रपति थियोडर रूज़वेल्ट पर जानलेवा हमला हमला था। तब वह तीसरी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में उम्मीदवार थे। लेकिन सहानुभूति की लहर उन्हें चुनाव जीता नहीं पाई। इस समय डॉनल्ड ट्रंप के पक्ष में सहानुभूति लहर है। क्या मान लिया जाए कि इस लहर से ट्रंप चुनाव जीत जाएँगे?
राजनीति में बुलेट नहीं, बैलेट से समस्याओं का निदान हो: जोई बाइडन
इस सनसनीख़ेज़ घटना से राष्ट्रपति जोई बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के कान खड़े हो गये हैं। जोई बाइडन को अगले दिन व्हाइट हाउस के ‘ओवल आफ़िस’ से राष्ट्र के नाम संदेश में शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा है ‘राजनीति में हिंसा की कोई जगह नहीं है। राजनीति में ‘बुलेट से नहीं, बैलेट से’ समस्याओं के निदान की ज़रूरत है।’ उन्होंने दावा किया कि ट्रंप की सुरक्षा सुदृढ़ किए जाने के लिए सीक्रेट सर्विस को ‘चाक चौबंद’ बंदोबस्त किए जाने के आदेश दिये गये थे। इसके बावजूद घटना के दिन शनिवार को उस चुनावी सभा में बीस वर्षीय थॉमस मैथ्यू क्रूक्स अपनी ऑटोमेटिक राइफ़ल के साथ घटना स्थल के क़रीब दो सौ से तीन सौ फुट की दूरी पर सड़क पार एक मकान की छत पर कैसे पहुँच गया? रैली में जब सीक्रेट सर्विस के स्नाइपर मौजूद थे, उन्हें छत पर बंदूक़धारी होने और उस पर निशाना लेने के आवाज़ें उठ रही थीं, तब तक बंदूक़धारी ने ट्रंप पर एक साथ पाँच गोलियाँ दाग दी थी।
इस संदर्भ में ट्रंप ने एक बार मीडिया से रूबरू होते हुए अपने समर्थकों के साहस और धैर्य की सराहना की है। कहते हैं, ‘ फुटबॉल के मैच एक गोल होता है तो दर्शक उछलने लगते हैं, लेकिन उन पर हमलावर ने एक दो नहीं, पाँच गोलियाँ चलाई थीं। यह तो भगवान का शुक्र है कि वह बालबाल बच गये और उनके समर्थक डटे रहे। मीडिया खबरों में दावा यह भी किया जा रहा है कि बंदूक़धारी एक पंजीकृत रिपब्लिकन मतदाता था! उसने तीन साल पहले पार्टी को 15 डालर दान में दिये थे! फिर अकस्मात् उसके मन में परिवर्तन कैसे क्यों हुआ? इसके लिए ढेरों सवालों के जवाब में उसके ‘डी एन ए’ की जाँच कराई जा रही है। कहा जा रहा है कि उसने यह ऑटोमेटिक बंदूक़ अपने पिता से ख़रीदी थी। उसके पिता के पास ढेरों बंदूक़ और असला था। अमेरिका में निजी सुरक्षा में रिवाल्वर अथवा बंदूक़ रखना संविधान सम्मत है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप पर इस जानलेवा हमले से बहुत अरसे पहले अब्राहम लिंकन, जेम्स गारफ़ील्ड और विलियम मैकिनेली पर हमलों में सीक्रेट एजेंटों ने कड़ी सुरक्षा में उनकी जान बचाई थी। लेकिन जान एफ़ कनेडी को कड़ी सुरक्षा के बावजूद बचाया नहीं जा सका था। पूर्व राष्ट्रपति जेरएल्ड फोर्ड पर मात्र अठारह दिनों में दो बार जानलेवा हमला हुए, जबकि रोनाल्ड रेगन को 1981 में बंदूक़धारी की गोलियों से छलनी होने के बावजूद बचाया जा सका। रिगेन पर 30 मार्च 1981 वाशिंगटन हिल्टन से बाहर आते समय जान हिंकले ने छह गोलियाँ बरसाई थीं और वह बारह दिन अस्पताल में रहे थे। जेराल्ड फोर्ड पर 5 सितंबर,1975 में सेक्रोमेंटों में जानलेवा हमला किया गया।
यही नहीं, मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात और स्वीडन के प्रधानमंत्री ओल्फ़ पाल्मे पर हुए हमलों को अभी तक कोई भूला नहीं पाया है। ट्रंप पर पिछले चुनाव में एक बीस वर्षीय ब्रिटिश युवक ने ला वेगास में जान से मारने की कोशिश की थी। उसने पास ही खड़े एक पुलिसकर्मी से बंदूक़ छिननी चाही, लेकिन तभी उसे दबोच लिया गया था।
जानलेवा हिंसा की खबर जैसे ही आग की तरह दुनिया भर में फैली, भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनिया के अनेक देशों ने ट्रंप पर जानलेवा हमले की निंदा करते हुए उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। सर्वप्रथम इज़राइल के बाद दुनिया भर के नेताओं ने घटना की निंदा की है।
अमेरिका के पच्चास राज्यों में नार्थ में पेंसलवेनिया में काँटे की टक्कर है। ट्रंप इस राज्य के एक बटलर शहर के एक पार्क में एक जनसभा को संबोधित करने आये थे।