माँ का सरप्राइज़ जिसने अलंकृता सहाय की दिवाली को बना दिया यादगार

A surprise from her mother made Alankrita Sahai's Diwali memorable

मुंबई (अनिल बेदाग) : जब ज़िंदगी की पटकथा थोड़ी भारी लगने लगे, तो माँ का प्यार ही वह ट्विस्ट होता है जो सब कुछ बदल देता है। ऐसा ही हुआ इस दिवाली अभिनेत्री अलंकृता सहाय के साथ, जब उनकी ज़िंदगी के फ्रेम में अचानक एक खूबसूरत सरप्राइज़ ने एंट्री ली। उनकी माँ का बिना बताए मुंबई पहुँचना!कई सालों बाद अलंकृता ने मुंबई में दिवाली मनाई। पहले वह अपने गृहनगर चंडीगढ़ में परिवार के साथ त्योहार के रंग में डूबी रहती थीं, लेकिन इस बार की दिवाली थी भावनाओं, प्रेम और यादों का कॉकटेल। पिता के निधन के बाद ये पहला मौका था जब उन्होंने पूरे दिल से त्योहार की रौनक महसूस की।

“माँ के आने से ऐसा लगा जैसे रोशनी सिर्फ़ घर में नहीं, मेरे दिल में भी जगमगा उठी,” अलंकृता मुस्कराते हुए कहती हैं। “पापा के जाने के बाद यह पहली बार था जब मुझे दिवाली की वही पुरानी खुशबू, वही आत्मीयता महसूस हुई।”मुंबई की गलियों की रोशनी और घर की साज-सज्जा के बीच, अलंकृता और उनकी माँ ने साथ में दिए जलाए, मिठाइयाँ बाँटी और बचपन के अनगिनत किस्से दोहराए। उस पल की गर्मजोशी ने न सिर्फ़ उनका घर रोशन किया बल्कि परिवार के रिश्तों की डोर को भी नई चमक दी।अपनी सकारात्मक सोच और ग्रेसफुल पर्सनैलिटी के लिए जानी जाने वाली अलंकृता कहती हैं, “दिवाली सिर्फ़ दीयों का त्योहार नहीं, यह उन रिश्तों का उत्सव है जो हमें भीतर से पूरा करते हैं। हर रोशनी में मुझे पापा की याद और माँ की ऊर्जा महसूस हुई।”इस बार की मुंबई वाली दिवाली सिर्फ़ एक त्योहार नहीं थी, यह थी एक फिल्म जैसी कहानी, जिसमें था इमोशन, सरप्राइज़, प्यार और एक खूबसूरत क्लाइमेक्स। और इस कहानी की हीरोइन थीं अलंकृता सहाय, जिनकी मुस्कान में उस रात सचमुच पूरा आसमान झिलमिला रहा था।