
दीपक कुमार त्यागी
श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित राजनेताओं व वक्ताओं ने कहा कि पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी निडर, बेबाक और सिद्धांतवादी राजनेता थे।
लखनऊ : पूर्व विधायक एवं पूर्व विधान परिषद सदस्य वेल्फेयर सोसाइटी ने उत्तर प्रदेश प्रेस क्लब में पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी की श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। सत्यदेव त्रिपाठी सोसाइटी के अध्यक्ष थे।
श्रद्धांजलि सभा में प्रदेश के पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री डॉ. अम्मार रिजवी ने इस मौके पर सत्यदेव त्रिपाठी के संघर्ष को याद किया। उन्होंने कहा कि वह बहुत निडर राजनेता थे और हमेशा हर किसी की मदद को तैयार रहते थे। राजनीति में हम अलग-अलग दलों में रहे लेकिन हमारे बीच मजबूत सम्बन्ध बने रहे। सोसाइटी के महामंत्री सिराज मेहदी ने सत्यदेव त्रिपाठी को बहादुर इंसान बताते हुए। वह रिश्तों को सबसे ऊपर रखते थे। वह दिल के बहुत साफ़ और निडर थे। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस में रहे या नहीं रहे लेकिन सत्यदेव त्रिपाठी हमेशा साथ रहे।
पूर्व सांसद अशोक वाजपेयी ने बताया कि आपातकाल में हम जेल में साथ रहे और जब जनता पार्टी की सरकार बनी तो हम साथ में मंत्री भी रहे। उनके साथ पारिवारिक रिश्ता था। वह सिद्धांतवादी थे।
डॉ. रमेश दीक्षित ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव में वह बहुत मदद करते थे। वह ताकतवर चेहरों के सामने मंच पर बोलने की हिम्मत रखते थे। प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप दुबे ने कहा कि हमारे तो मार्गदर्शक थे। हम भी इटावा के और वह भी इटावा के थे। उनका न रहना हमारा व्यक्तिगत नुक्सान है।
पूर्व मंत्री मुईद अहमद ने कहा कि जब गेस्टहाउस में मायावती की जान खतरे में थी तब हमारे साथ सिर्फ सत्यदेव त्रिपाठी गेस्ट हाउस गये थे।
बाराबंकी के पूर्व विधायक हरगोविंद कुशवाहा ने कहा कि वह लखनऊ विश्वविद्यालय और इलाहाबाद विश्वविद्यालय दोनों के अध्यक्ष रहे। वह आन्दोलनों की उपज थे। सही मायनों में वह लीडर थे।
पूर्व मंत्री ओपी सिंह ने कहा कि सदन में अपनी बात वह निर्भीकता के साथ करते थे। उनमें जो इच्छाशक्ति थी, वह आज के नेताओं में दिखाई नहीं देती। पूर्व मंत्री इंसराम अली ने कहा कि वह दल को दरकिनार कर दिल से मिलते थे।
लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष डॉ. नीरज जैन ने कहा सत्यदेव त्रिपाठी मर्द थे, अड़ियल थे, समझौता नहीं करते थे। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने समाज के लिए कुछ किया है उनके जीते जी उनका सम्मान किया जाना चाहिए।
शोक सभा में पूर्व विधायक राकेश सिंह, अमीर हैदर, प्रदीप कपूर, वंदना मिश्रा, पूर्व विधायक सिद्धार्थ शंकर, पूर्व मंत्री अब्दुल मन्नान, लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व महामंत्री वीरू सिंह, प्रो. साबरा हबीब, पूर्व मंत्री नदीम अशरफ जायसी, जगदीश चन्द्रा और शमशेर बहादुर सिंह और दाउद अहमद आदि मौजूद थे।