अजय कुमार
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में अर्बन कोऑपरेटिव प्रतिनिधि के चुनाव के लिये नामांकन के दौरान अधिवक्ता संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह और बीजेपी विधायक के बीच मारपीट का मामला सामने आया है। आरोप है कि अवधेश सिंह ने मामूली सी बात पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक योगेश वर्मा को थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद विधायक के समर्थकों ने अवधेश सिंह के साथ मारपीट की। इस दौरान पुलिस बीच-बचाव की कोशिश करती रही। मौके पर जमकर हंगामा हुआ। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) खीरी ने बताया कि लखीमपुर खीरी में अर्बन को ऑपरेटिव के डेलिगेट्स का नामांकन चल रहा था। इस दौरान दो पक्षों के बीच कहासुनी के बाद विवाद हो गया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर शांत कर दिया। यह घटना आज 09 अक्टूबर की सुबह की है, जैसे ही अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई उसी वक्त से ही दोनों गुटों में तगड़ी मोर्चेबंदी शुरू हो गई। इसमें एक गुट जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष व अर्बन बैंक की पूर्व अध्यक्ष पुष्पा सिंह के पति अवधेश सिंह का तो दूसरा सदर विधायक योगेश वर्मा के समर्थकों का था।
बताया जाता है कि आवास विकास कालोनी स्थित अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की मुख्य शाखा में नामांकन प्रक्रिया को लेकर कहने को तो पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे लेकिन यहां जो भी नामांकन के लिए पर्चा खरीदने आता था उसके नामांकन पत्र फाड़ दिए जाते थे। काफी देर तक जब ऐसा ही चलता रहा तो किसी ने इसकी सूचना सदर विधायक की योगेश वर्मा को दी। विधायक बिना देर लगाए अपने समर्थकों के साथ घटना स्थल पहुंच गये। यहां विधायक जैसे ही बैंक की ओर बढ़े तो सामने से उनको अधिवक्ता संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह दिखाई पड़ गए। दोनों के आमने-सामने आते ही दोनों के बीच तीखी कहासुनी हो गई। इसी बीच मौका पाते ही अवधेश सिंह ने सदर विधायक योगेश वर्मा को एक तमाचा जड़ दिया। पुलिस वाले मौके पर ही थे और उनको भी इस बात की अंदाजा नहीं था कि यह कुछ ऐसा कुछ होने वाला है। पुलिस ने बीच बचाव काफी किया, लेकिन तब तक अवधेश सिंह के समर्थकों ने विधायक को और कई थप्पड़ मार दिये और उन्हें जमीन पर गिरा दिया। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ हो रहा है।
इन सब के बीच सदर विधायक योगेश वर्मा ने बताया कि अर्बन बैंक कॉरपोरेट व अर्बन बैंक के चुनाव में पूरी तरह धांधली हो रही है। इस पर कुछ तथाकथित लोग काबिज होना चाहते हैं, लेकिन सवाल यहां उन 12500 बैंक के सदस्यों का है जिनके अंश से यह बैंक संचालित हो रही है। उनको नामांकन के लिए क्यों रोका जा रहा है? क्यों प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है, केवल खड़े होकर तमाशा देख रहा है? उधर, इन सब सवालों पर एडीएम संजय सिंह का कहना था कि सब कुछ पारदर्शी व्यवस्था और प्रक्रिया के तहत हो रहा है। उन्होंने सदर विधायक पर हाथ छोड़े जाने की बात से भी फिलहाल इनकार कर दिया है और कहा कि अगर ऐसा कुछ हुआ है तो पूरे मामले की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।