गोपेन्द्र नाथ भट्ट
जयपुर : राजस्थान की राजधानी जयपुर में आगामी 9 से 11 दिसंबर तक आयोजत किए जा रहें राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के लिए निवेशकों को आकर्षित करने के लिए जर्मनी और ब्रिटेन में लंदन की छह दिवसीय विदेश यात्रा से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा रविवार को स्वदेश लौट आए। इससे पहले वे दक्षिणी कोरिया और जापान की यात्रा पर भी गए थे। विदेश यात्रा पर लौटने पर मुख्यमंत्री शर्मा का जयपुर एयरपोर्ट और भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ की अगुवाई में मुख्यमंत्री भजनलाल का भव्य स्वागत किया गया।
विदेश यात्रा से लौटने के बाद अब कुछ दिनों तक मुख्यमंत्री शर्मा की पहली प्राथमिकता प्रदेश में होने वाले राजस्थान विधानसभा की सात रिक्त सीटों झुंझुनू ,रामगढ़ ,देवली-उनियारा, खींवसर , दौसा , सलूंबर और चौरासी विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव पर रहेगी। डूंगरपुर जिले की चौरासी सीट को छोड़ कर भाजपा ने शेष छह सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। मुख्यमंत्री शर्मा के विदेश दौरे के दौरान निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधान सभाओं के साथ ही देश के विभिन्न प्रदेशों की 48 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव और दो लोकसभा सीटों पर्वउप चुनाव करने की घोषणा की थी। इसी प्रकार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केंद्रीय चुनाव आयोग की बैठक भी उनके देश के बाहर होने के दौरान ही हुई और उसके बाद उम्मीदवारों की सूची भी जारी की गई। हालांकि मुख्यमंत्री शर्मा ने विदेश दौरे पर जाने से पहले प्रदेश भाजपा कोर कमेटी में भाजपा उम्मीदवारों के पैनल को अन्तिम रूप दे दिया था।
स्वदेश लौटते ही मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ के स्वर में अपना सुर मिलाते नजर आ रहे हैं । मुख्यमंत्री शर्मा ने उप चुनाव को लेकर दावा किया है कि प्रदेश की छह सीटों पर भाजपा ने मज़बूत प्रत्याशी उतारे हैं और भाजपा बड़े मार्जिन से इन सभी सीटों पर चुनाव जीतेगी।
उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोलते हुए कहा हैंकि हरियाणा के चुनाव में कांग्रेस ने जो मुद्दा उठाया था कि, राजस्थान-हरियाणा के बीच जो यमुना समझौता हुआ है,अगर कांग्रेस की सरकार आई तो उस समझौते को हम रद्द कर देंगे। कांग्रेस का यह सपना सिर्फ सपना ही रह गया। हमने राजस्थान में पानी की समस्या के समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात की फलस्वरूप पूर्वी राजस्थान के लोगों के सूखे कंठ और खेतों की प्यास बुझाने के लिए ईआरसीपी की महत्वाकांशी परियोजना धरातल पर सामने आ रही हैं और कुछ ही दिनों में इस परियोजना से जुड़े कार्यों का उद्घाटन होने वाला है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि विधान सभा चुनाव से पूर्व जिस संकल्प पत्र को लेकर हम राजस्थान की जनता के बीच गए थे। उस संकल्प पत्र के एक-एक वचन को हम पूरा करेंगे और आने वाले समय में राजस्थान बहुत बड़ी ऊंचाइयों को छूएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने बिजली के क्षेत्र में काम किया है। इसके लिए हमने 2 लाख 24 हजार करोड़ के एमओयू किए हैं। हम किसानों के काम के लिए भी प्रतिबद्ध है। हमने वादा किया है कि 2027 तक हम किसानों को दिन में भी बिजली देंगे। इसी प्रकार हमने राजस्थान के युवाओं से भी जो वायदा किया था कि उसे हम पूरा कर रहे हैं। हमारी कैबिनेट ने एक साल में 90 हजार नौकरियों की मंजूरी दी है, जो एक नया इतिहास बन गया है। प्रदेश की उन्नति के लिए हमारी सरकार कृत संकल्प है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के प्रयासों से राजस्थान में निवेश के माध्यम से बहुत बड़ा परिवर्तन आने वाला है। आप और हमने जो सपना देखा हैं ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजस्थान उस सपने को पूरा करेगा। उन्होंने दावा किया कि दक्षिणी अफ्रीका और जापान के बाद जर्मनी एवं यूके में लंदन की उनकी यात्रा से प्रदेश में बड़े निवेश की उम्मीद है। उन्होंने लन्दन में वेदांता रिसोर्सेज़ लिमिटेड के प्रमुख उदयपुर के अनिल अग्रवाल से मुलाकात को बहुत उत्साह वर्धक बताया।
इस मध्य राजस्थान में सात सीटों पर उपचुनाव को लेकर रणभेरी बज चुकी है। 13 नवंबर को चुनाव के लिए मतदान होना है, परिणाम 23 नवंबर को आएगा, लेकिन इन सात सीटों पर होने वाले चुनाव की वजह सत्ताधारी पार्टी होने के नाते भाजपा की तो प्रमुख रूप से साख दांव पर है। साथ ही कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के साथ लोकसभा चुनाव लड़ चुकी आरएलपी और बाप के लिए भी अपनी जमीन बचाना किसी चुनौती से कम नहीं है।
मुख्यमंत्री भजनलाल और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के लिए लोकसभा चुनाव के बाद यह पहली सबसे बड़ी परीक्षा है, जबकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के लिए अपने अपने क्षेत्र की सीटें बचाना किसी चुनौती से कम नहीं है। इसी प्रकार आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल और बाप से आने वाले सांसद राजकुमार रोत दोनों के लिए अपनी-अपनी सीट बचाना साख का सवाल रहेगा। पार्टी के बड़े नेताओं के साथ ऐसे में कई बड़े चेहरों की साख दांव पर है, जिनके जिम्मे चुनावी क्षेत्र आता है। विधानसभा के उपचुनाव कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। खास तौर से उन नेताओं के लिए ज्यादा प्रतिष्ठा का सवाल है जो इन विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारी हैं या फिर इस क्षेत्र से राजनीतिक ताल्लुक रखते हैं। इनमें डॉ किरोड़ी लाल मीणा हों या फिर मुरारी लाल मीणा। कई ऐसे दिग्गज नेता हैं, जिन्हें इस चुनाव के जरिए अपने आपको साबित करना है। सत्ताधारी पार्टी में तो कई मंत्रियों की रिपोर्ट कार्ड इसी चुनाव के लिहाज से तैयार होंगे, क्योंकि इन चुनाव में बीजेपी के पास 7 में से 6 सीट ऐसी है जो दूसरी पार्टी के खाते में है। कांग्रेस की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की प्रतिष्ठा इस चुनाव से जुड़ी हुई है, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सीधे रूप से इन चुनाव से जुड़े हुए नहीं हैं। वैसे लोकसभा चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन काफी खराब रहा था । भाजपा ने राजस्थान में अपनी 11 सीटें खो दीं और उसे सिर्फ 14 सीटें मिलीं थी जबकि इससे पिछले दो चुनावों में पार्टी ने सभी 25 सीटें जीती थीं। कांग्रेस को प्रदेश की 7 सीटों पर हालांकि अभी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करना बाकी है, लेकिन भाजपा प्रदेश की भजनलाल सरकार के 10 महीने के कामकाज और मोदी सरकार की योजनाओं के दम पर चुनावी ट्रेंड बदलने की तैयारी में है तो कांग्रेस सत्ताधारी पार्टी के 10 महीने की खामियों को मुद्दा बना रही है। बीजेपी के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ का कहना है कि पिछले 10 महीने में राज्य की भजनलाल सरकार और 10 साल में केंद्र की मोदी सरकार ने जो जनकल्याणकारी काम किए हैं, उसके दम पर हम जनता के बीच में जाएंगे और पार्टी के पक्ष में मतदान की अपील करेंगे।
राजस्थान में भाजपा के 10 महीने और केन्द्र में मोदी सरकार के 10 साल जो बेमिसाल रहे हैं। उसके दम पर सभी सातों सीट जीत रहें हैं।उधर विपक्ष में आक्रामक मुद्रा में सवार कांग्रेस ने प्रदेश सरकार के इन्हीं 10 महीने की खामियों को लेकर जनता के बीच जा रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि 10 महीनों में भाजपा सरकार पूरी तरह से फेल रही है। जनता से जो वादे किए उन पर खरा नहीं उतरा गया हैं। इसलिए प्रदेश की जनता सबक सीखाने को तैयार बैठी है।
विदेश यात्रा और निवेशकों के बाद मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा अब कुछ दिनों तक उप चुनाव वाले विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं को मोहित करेंगे।
देखना है राजस्थान में आने वाले विधानसभा उप चुनावों में जनता सत्ताधारी दल को विजय दिलाने के ट्रेंड को आगे बढ़ाएगी अथवा पिछले लोकसभा चुनाव की तरह रुख अपनाएगी?