
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
अहमदाबाद (गुजरात) के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा से शुक्रवार दोपहर लंदन के लिए उड़ान भरने वाले एयर इंडिया के विमान ए- 1,171 के उड़ान भरने (टेक ऑफ) के कुछ ही मिनट पश्चात हुए एक भयंकर विमान हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित 241 यात्रियों की मौत हो गई है जबकि दुर्घटना की चपेट में आए दो दर्जन डाक्टरों की भी मृत्यु हो गई तथा कई अन्य घायलों का अस्पताल में इलाज जारी है। वहीं एक विमान की 11 ए सीट पर बैठे एक विमान यात्री के जिंदा बच निकलना भी किसी करिश्में से कम नहीं है। जीवित बचे यात्री का नाम रमेश विश्वास कुमार है,जिसकी अस्पताल में इलाज के बाद छुट्टी हो गई है। भीषण दुर्घटनाग्रस्त विमान में 53 ब्रिटिश नागरिक, पुर्तगाल के 7 एवं कनाडा का एक यात्री और 169 भारतीय नागरिक तथा 12 क्रू मेंबर्स सवार थे। इस दर्दनाक विमान हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हो गया। इसकी पुष्टि सबसे पहले केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने की। विजय रूपाणी अहमदाबाद से लंदन अपनी बेटी से मिलने जा रहे थे। विजय रूपाणी विमान की सीट 2-डी पर सवार थे। राजस्थान के भी 12 यात्री विमान में सवार थे, जिसमें बांसवाड़ा-डूंगरपुर के भट्टमेवाडा समाज के डॉ.जय प्रकाश जोशी और डॉ.अनीता जोशी के पुत्र, पुत्र वधु और पोते पोतियों की एक ही परिवार के पांच सदस्य प्रतीक जोशी,डॉ कोनी व्यास, मिराया जोशी,प्रद्युत जोशी और नकुल जोशी भी मौत के आगोश में समा गए। इनके अलावा जोधपुर के खाराबेरा पुरोहितान गांव की पुत्रवधू बालोतरा की एक नवविवाहिता खुशबू राजपुरोहित, लंदन में उच्य शिक्षा के लिए जा रही उदयपुर के गोगुंदा की पायल खटीक, उदयपुर के ही चार अन्य सवार यात्री शुभ मोदी, शगुन मोदी, वरदीचंद मेनारिया और प्रकाशचंद मेनारिया का भी इस फ्लाइट हादसे में दुखद निधन हो गया।
बताते है कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के साबरमती आश्रम की नगरी अहमदाबाद में साबरमती नदी के ही किनारे स्थित अहमदाबाद एयरपोर्ट से टेकऑफ़ करते ही विमान एक मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग और हॉस्टल के भवन से टकरा कर तत्काल क्रैश हो गया। सरकारी सूत्रों के अनुसार इस विमान हादसे की विस्तृत जांच और ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग्स से मिलने वाली जानकारी के बाद ही दुर्घटना के कारणों का खुलासा हो सकेगा। बताया जा रहा है कि विमान के टेकऑफ करने के बाद आपात परिस्थितियों का आभास होते ही पायलट ने भी एयर ट्रैफिक नियंत्रण सेन्टर एटीसी को इमरजेंसी कॉल किया था लेकिन पायलटस के पास बचाव का कोई विकल्प शेष नहीं बचा था। आबादी क्षेत्र में हादसा होने से मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले कुछ डॉक्टर भी असामयिक मृत्यु के शिकार हो गए तथा कई बुरी तरह से घायल भी हो गए।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु,उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह,लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित अन्य कई नेताओं ने इस विभत्स दुर्घटना का शिकार हुए लोगों के परिवारों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया है। राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी सहित प्रदेश के अन्य नेताओं ने भी अपना खेद जाहिर किया है।
इस हादसे की जानकारी मिलते ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने तत्काल अहमदाबाद पहुंच कर हालात का जायजा लिया। साथ ही बचाव, राहत और उपचार के इंतजामों का निरीक्षण भी किया । बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शुक्रवार को अहमदाबाद पहुंच कर घटना स्थल का दौरा करेंगे।
एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां मिलकर अभी भी मौके पर राहत और बचाव का कार्य कर रही है। इस हादसे में घायल लोगों को अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया है। एयर इंडिया ने हेल्पलाइन नंबर 18005691444 जारी किए है। एयर इंडिया प्रबंधन टाटा ग्रुप ने मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रु की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। केन्द्र और राज्य सरकारों भी मृतकों के परिजनों और घायलों को अनुग्रह राशि देंगी।
इस भयानक विमान हादसे के घटना स्थल पर और मेडिकल कॉलेज भवन में अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मृतकों की पहचान के लिए उनके परिजनों से डीएनए जांच की गुहार की जा रही है। इस हृदय विदारक,बहुत दुखद और त्रासदी पूर्ण दुर्घटना से हर कोई स्तब्ध हैं। सभी लोग पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहें हैं।
भारत में कई वर्षों बाद ऐसा भयानक विमान दुर्घटना हादसा हुआ है। हालांकि विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में निरन्तर हो रहें विकास तथा आधुनिक प्रशिक्षित विमान चालकों की कुशलता से वर्तमान में विमान हादसे होने की घटनाएं शून्य सी अथवा काफी कम हो गई है। फिर भी सरकार द्वारा अहमदाबाद की इस त्रासदी भरी विमान दुर्घटना के कारणों की गहन जांच कर ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की पुनरावृति रोकने के प्रयास किए जाएंगे,ऐसी उम्मीद है।