एआई, एआर और वीएलई शिक्षण में वरदानः प्रो. यशपाल

AI, AR and VLE are a boon in teaching: Prof. Yashpal

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ एजुकेशन में इनोवेटिव इन्क्लूसिव प्रैक्टिसेज फॉर इफेक्टिव टीचिंग-लर्निंग पर अतिथि व्याख्यान

रविवार दिल्ली नेटवर्क

महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड यूनिवर्सिटी, बरेली के एजुकेशन एक्सपर्ट प्रो. यशपाल सिंह का मानना है, कृत्रिम बुद्धिमत्ता- एआई, ऑगमेंटेड रियलिटी- एआर और वर्चुअल लर्निंग एनवायरनमेंट्स- वीएलई जैसे उपकरण शिक्षण को अधिक प्रभावी और समावेशी बना सकते हैं। उन्होंने समता और समानता के मूलभूत सिद्धांतों को विस्तृत उदाहरणों के माध्यम से समझाया। प्रो. सिंह तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के फैकल्टी ऑफ एजुकेशन में इनोवेटिव इन्क्लूसिव प्रैक्टिसेज फॉर इफेक्टिव टीचिंग-लर्निंग पर आयोजित अतिथि व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। इससे पूर्व अतिथि वक्ता प्रो. यशपाल सिंह, फैकल्टी ऑफ एजुकेशन के प्राचार्य डॉ. विनोद कुमार जैन ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके गेस्ट लेक्चर का शुभारम्भ किया। प्राचार्य डॉ. विनोद जैन बोले, ऐसे सारगर्भित व्याख्यानों के जरिए शिक्षकों और छात्रों को नई शैक्षणिक दृष्टि मिलती है। मुख्य अतिथि को बुके देकर स्वागत और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। अंत में फैकल्टी डॉ. नाहीदा बी. ने वोट ऑफ थैंक्स दिया।

प्रो. यशपाल सिंह ने समावेशी शिक्षा के चार महत्वपूर्ण पहलुओं- बहिष्करण, पृथक्करण, एकीकरण और समावेशन पर विशेष जोर देते हुए कहा, एक प्रभावी शिक्षक को कक्षा में उपस्थित विविधता को ध्यान में रखते हुए शिक्षण प्रक्रिया को अनुकूल बनाना चाहिए। समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल टूल्स और टेक्नोलॉजी-संचालित शिक्षण पर भी चर्चा करते हुए कहा, सहकर्मी सहयोग और समूह शिक्षण से सीखने की प्रक्रिया अधिक रोचक और प्रभावी होती है। व्यक्तिगत शिक्षण योजना- आईईपी प्रत्येक छात्र की आवश्यकताओं के अनुसार पाठ्यक्रम को ढालने की आवश्यकता पर बल दिया। गेस्ट लेक्चर में शिक्षा संकाय की फैकल्टीज- डॉ. पूनम चौहान, डॉ. रूबी शर्मा, डॉ. शशि रंजन, डॉ. पावस कुमार मंडल, डॉ. रंजीत सिंह, डॉ. शैफाली जैन, श्री धर्मेंद्र सिंह के संग-संग एमएड, बीएड बीएबीएड-इंटीग्रेटेड, बीएलएड के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।