राज्य विश्वविद्यालयों के सहयोग से सेल्फ फाइनेंस महाविद्यालयों में उच्चीकृत होंगी अवस्थापना सुविधाएं, योगी सरकार तैयार कर रही है कार्य योजना
रविवार दिल्ली नेटवर्क
लखनऊ : पिछले पांच सालों में उच्च शिक्षा के बजट में भारी इजाफा करने बाद योगी सरकार 2.0 ने अशासकीय (एडेड) और स्ववित्तपोषित महाविद्यालय में व्यापक सुधार के लिए बड़ी पहल की है। एडेड कालेज अब काशन मनी से अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार कर सकेंगे। प्रदेश सरकार ने हायर एजुकेशन रेनोवेशन मिशन के तहत इसकी अनुमति देने का निर्णय लिया है। सेल्फ फाइनेंस महाविद्यालय भी राज्य विश्वविद्यालयों के सहयोग से संसाधन और सुविधाओं में इजाफा कर सकेंगे। इसके लिए शासन स्तर से कार्य योजना तैयार की जा रही है।
उच्च शिक्षा में व्यापक सुधार कर रही योगी सरकार ने अशासकीय और स्ववित्तपोषित कालेजों में बुनियादी सुधार और अवस्थापना सुविधाओं के उच्चीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राज्य के 331 एडेड कालेज अब जमा काशन मनी का उपयोग अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार में कर सकेंगे। इसके लिए सरकार ने अनुमति देने जा रही अभी है । इसे एडेड कालेजों में सुधार की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। इसी क्रम में सरकार सेल्फ फाइनेंस कालेजों के कायाकल्प के लिए कार्य योजना तैयार कर रही है। इसके तहत 7300 से अधिक सेल्फ फाइनेंस कालेजों की अवस्थापना सुविधाओं बढ़ाने में राज्य विश्वविद्यालय सहयोग करेंगे। अभी तक स्ववित्तपोषित कालेज अपने संसाधन से अवस्थापना सुविधाओं की व्यवस्था करते थे । विश्वविद्यालयों से सहायता मिलने के बाद सुविधाएं बढ़ने से शिक्षा का स्तर सुधरेगा।
चार वर्षों में बढ़ेंगे स्टीम लैब्स
सरकार ने शिक्षा के आधुनिकीकरण और नवाचार के लिए महाविद्यालयों में अगले तीन चार वषोॅ में स्मार्ट क्लास रूम की व्यवस्था और स्टीम लैब्स के नवीनीकरण की योजना तैयार की है। हायर एजुकेशन रेनोवेशन मिशन के तहत तीन सालों में 50,100 और 181 कालेजों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की जाएगी। इसी तरह आगामी चार वर्षों में क्रमशः 50,50,100 और 131 कालेजों में स्टीम लैब्स का नवीनीकरण किया जाएगा।
योगी सरकार में डेढ़ गुना बढ़ा उच्च शिक्षा बजट
योगी सरकार में उच्च शिक्षा बजट का वित्तीय वर्ष 2021-22 में बढ़कर 3678.56 करोड रहा जो 2003-04 की तुलना में सात गुना और 2012-13 के सापेक्ष डेढ़ गुने से अधिक है। वर्ष 2003-04 में उच्च शिक्षा का बजट 530.02 करोड़ था। 2012-13 में यह 2501.66 और 2017-18 में 2655.8 करोड़ था। वहीं वित्तीय वर्ष में बजट को बढ़ाकर 3678.56 करोड़ आवंटित किया गया।