योगी से मिला मोबाइल लूट ले गये बदमाश तो अखिलेश ने कसा तंज

Akhilesh taunted when the miscreants stole the mobile phone found from Yogi

संजय सक्सेना

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव बचकानी राजनीति पर उतर आये हैं। वह मोदी-योगी को घेरने के चक्कर में स्वयं हंसी का पात्र बनते जा रहे हैं। कहावत है ‘अति का भला न बोलना अति की भली न चूप’ इस कसौटी पर अखिलेश बिल्कुल खरे उतर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में सपा को थोड़ी ज्यादा कामयाबी क्या मिली वह अपनी तमाम पुरानी हार को भूल कर घमंड में चूर हो गये हैं और अनाप-शनाप बोले जा रहे हैं। इसी लिये तो यूपी के गाजियाबाद में घंटाघर स्थित रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में एक छात्र को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा एक मोबाइल फोन मिला। वहीं, कार्यक्रम से बाहर निकले छात्र से किसी ने मोबाइल छीन लिया। यह अपराध की एक छोटी सी घटना थी,लेकिन इस पर भी अखिलेश ने न जाने क्यों प्रतिक्रिया देना जरूरी समझा। छात्र से मोबाइल छीने जाने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए पूछा है कि देनेवाले और छीन के वापस लेने वाले, दोनों एक ही पक्ष के थे क्या?

दरअसल, मेरठ के रहने वाले दिव्यांग मनोज को बुधवार को गाजियाबाद में सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम में स्मार्टफोन मिला था। बताया कि कार्यक्रम खत्म होने के बाद जब वह वापस लौट रहे थे, तब भीड़ का फायदा उठाकर किसी ने उनका मोबाइल छीन लिया। इस मामले की तहरीर उन्होंने कोतवाली थाने में दी, पुलिस ने इस मामले में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर मोबाइल की तलाश शुरू की है। वहीं, इस मामले में शुक्रवार को अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए लिखा कि देनेवाले और छीन के वापस लेने वाले, दोनों एक ही पक्ष के थे क्या? अखिलेश के इसी बयान को लेकर योगी समर्थक अखिलेश से नाराज हो गये हैं और कह रहे हैं कि अखिलेश को ऐसी बातों का बहुत तर्जुबा है,क्योंकि उनकी सरकार के समय में यही सब होता था। माफिया जमीन कब्जा करते थे। बहू-बेटियों की इज्जत हर समय दांव पर लगी रहती थी। सरकारी भ्रष्टाचार चरम पर था। थानों पर गुंडे माफियाओं का राज चलता था।