रविवार दिल्ली नेटवर्क
लखनऊ : सपा प्रमुख अखिलेश यादव लगातार अपने व्यंग्य बाणों से योगी सरकार पर हमलावर हैं। ओछी राजनीति की पराकाष्ठा यहां तक कि बीते दिनों सरोजिनी नगर क्षेत्र में एक युवा प्रॉपर्टी डीलर ऋतिक पांडेय की हत्या पर भी उन्होंने अनाप-शनाप बयान दे डाले। उनके बयानों से जहां मृतक का परिवार आहत है, वहीं व्यापारी वर्ग में भी अखिलेश यादव के प्रति गुस्सा देखा जा रहा है.
पीड़ित परिवार के प्रति अखिलेश यादव की असंवेदनशीलता पर सरोजिनी नगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने उनको आड़े हाथों लेते हुए अखिलेश यादव को आइना दिखते हुए एक्स पर एक पोस्ट डाली है. डॉ. सिंह ने लिखा है – मा. अखिलेश यादव जी, आपके राज में उत्तर प्रदेश को हत्या एवं लूट के लिए जाना जाता था, हर दिन औसतन 13 हत्याएं होती थी, 5 साल में 25,000 हत्याएं हुईं। आपके कार्यकाल में सरकार माफिया चलाते थे। हत्या के मामले में यूपी पूरे देश में नंबर वन था। आज, आप एक दुखद घटना पर राजनीति करना बंद कीजिए, आप एक वरिष्ठ नेता हैं, जिस दुखद घटना पर आपको संवेदनशील होना चाहिए उस पर बयान देकर समाज में उन्माद और विभाजन फैलाना ठीक नहीं। मेरा सुझाव है अपने विवेक का इस्तेमाल कीजिए, कुछ हताश हारे हुए स्थानीय टिकटार्थी और चुनाव परजीवी नेताओं के बहकावे में मत आइए!
डॉ. राजेश्वर सिंह ने एक्स पर लिखा कि सरोजिनी नगर में एक युवा की दर्दनाक मृत्यु, मेरे सरोजिनी नगर परिवार की बड़ी क्षति है। हम आश्वस्त है, श्रद्धेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के शासन में हर अपराधी को उचित दंड मिला है। सरकार ने सख़्त कार्यवाही की है। लापरवाह अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। न कोई बचा है, न कोई बचेगा, सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है, योगी जी के राज में न्याय होगा।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में दंगों की झड़ी लगी रहती थी। यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है कि सपा के कार्यकाल में प्रदेश में जमीनों पर कब्ज़े और भ्रष्टाचार अपनी चरम पर था। लूट और हत्या के जितनी घटनाएं सपा के कार्यकाल में हुईं, उतनी किसी अन्य राजनीतिक पार्टी के समय नहीं हुईं। अतीक और मुख्तार जैसे दबंग और अपराधी किस्म के नेताओं को शह देने वाली और उनके दम पर शासन चलाने वाली समाजवादी पार्टी अब सत्ता में वापस लौटने के लिए इतनी बेकरार है, कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव प्रदेश की योगी सरकार पर कटाक्ष करते वक़्त यह भी भूल जाते हैं कि ह्त्या जैसे जघन्य अपराध पर अपनी राजनीतिक-रोटी सेंकते के चक्कर में वे जनता के साथ असंवेदनशील और क्रूर हो रहे हैं।