धर्मेंद्र मिश्र
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (प्रसपा) पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी की राज्य कार्यकारणी को भंग कर दिया है I उनकी पार्टी के तमाम नेता और कार्यकर्ताओं के बीच यह प्रश्न घूम रहा है कि कार्यकारिणी का दोबारा गठन होगा या नहीं होगा ? या फिर पूरी पार्टी को साथ लेकर वह भाजपा में शामिल हो जाएंगे ? शिवपाल यादव के भाजपा में शामिल होने की चर्चा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही लगातार हो रही है I उत्तर प्रदेश में तीन दशक से अधिक समय के बाद भाजपा ने जिस तरह से चुनाव में बहुमत प्राप्त किया, उसका श्रेय मुख्यमंत्री योगी की कार्य शैली एवं जनसरोकार के प्रति उनके समर्पण को ही दिया जायेगा I लेकिन योगी जी की वापसी होने के बाद सपा में अंदुरुनी रूप से सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है I एक तरफ शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच की दूरियां लगातार बढ़ती जा रही हैं, वही अखिलेश यादव के सामने अब अपने विधायकों को बचाने का संकट भी पैदा हो रहा है I
उत्तर प्रदेश की राजनीति पर निगाह रखने वाले विश्लेषकों की नजर में सपा में पैदा हुई विद्रोह की स्थितियों की पूर्ण जिम्मेदारी मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की ही है I 2012 में जब विधानसभा चुनाव हुए थे, उसी समय शिवपाल यादव को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने की बजाय मुलायम सिंह ने अपने पुत्र अखिलेश यादब को महत्त्व दिया I इसके बाद से ही शिवपाल यादव पार्टी के अंदर अकेले पड़ते चले गए I 2017 के विधानसभा चुनाव में शिवपाल की वैसी सक्रियता नहीं रही, जिस प्रकार से वह 1980 के दशक से सक्रिय थे I सपा पार्टी को खड़ा करने में मुलायम सिंह के साथ शिवपाल की अपनी महत्वपूर्ण भूमिका रही I किन्तु 2017 के बाद से शिवपाल को सपा से बाहर कर दिया गया I राजनीति के बड़े खिलाडी के रूप में शिवपाल यादव को अभी भी सपा पार्टी के नेताओं के बीच अच्छी पकड़ वाले नेता के रूप में गिना जाता हैI लेकिन सत्ता की लड़ाई में परिवार से हार जाने वाले शिवपाल यादव जल्द नयी भूमिका में नजर आएंगे I
ऐसा माना जा रहा है कि शिवपाल यादव जल्द ही भाजपा में शामिल होने वाले हैं I उनके साथ में उनके समर्थक भी भाजपा की सदस्यता लेंगे I सिर्फ इतना ही नहीं, ऐसा माना जा रहा है कि अखिलेश यादव की कार्यशैली के कारण उनके अपने विधायकों में भी असंतोष पैदा हो रहा है I ऐसे में सपा के जीते हुए कई विधायक भी शिवपाल यादव के साथ देने के लिए भाजपा में शामिल हो सकते हैं I हाल ही में संपन्न विधान परिषद चुनाव में शिवपाल यादव के माध्यम से भाजपा उन सीटों पर भी विजय हासिल करी, जिन सीटों पर समाजवादी पार्टी के जीतने का अनुमान लगाया जा रहा था I चुनाव परिणाम आने के बाद यह तथ्य भी सामने आया कि सपा को एक भी सीट परिषद् के चुनाव में नहीं मिली I प्रदेश विधानसभा में बहुमत की दृष्टि से विधान परिषद की भी अपनी भूमिका है I 2016 में हुए चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 31 सीटों पर विजय हासिल की थी, जिनमें से 8 सीटों पर सपा को निर्विरोध विजय प्राप्त हुई थी I लेकिन अबकी बार सपा को एक भी सीट न मिलने का मूल कारण शिवपाल यादव को ही माना जा रहा है I पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर शिवपाल यादव की सक्रियता ने योगी जी को विधानपरिषद में पूर्ण बहुमत दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है I पिछले दिनों शिवपाल यादव की भाजपा के शीर्ष नेताओं से हुई मुलाकात और फिर विधान परिषद चुनाव में भाजपा के लिए शिवपाल का सक्रिय होना, यह दर्शाता है कि वह सपा नेता अखिलेश यदाव को अपने ढंग से जवाब देने के लिए पूरी तैयारी कर चुके हैं I
शिवपाल यादव के साथ ही सपा की दिक्कत मुस्लिम नेताओं की बयानबाजी से भी बढ़ती जा रही है I रामपुर के नेता आजम खान सहित कई अन्य मुस्लिम नेता अब अखिलेश यादव की कार्य शैली को लेकर खुल कर बयान देने लगे हैं I हालाँकि अखिलेश यादव लगातार यह दावा कर रहे है कि पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक है, लेकिन ऐसा लगता नहीं है I अपर्णा यादव सहित मुलायम परिवार के कई सदस्य विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं I ऐसे में सपा से राज्य सभा सांसद सुखराम यादव ने भी योगी जी से मुलाक़ात करके अटकलों को और जोर दे दिया है I अपने परिवार के साथ योगी जी से मिलने गए सुखराम यादव का कार्यकाल इसी वर्ष जुलाई में समाप्त हो रहा है I ऐसे में उनका योगी जी से मिलना और फिर अखिलेश यादव के खिलाफ बयान देते हुए मीडिया से यह कहना कि सपा के बहुत से लोग पार्टी छोड़ने के लिए तैयार हैं-से यह तो निश्चित हो गया है कि सपा में सब कुछ ठीक नहीं है I
आने वाले दिनों में देखना यह होगा कि शिवपाल यादव जब भाजपा में शामिल होंगे तो उनके साथ सपा के कितने नेता साथ में आएंगे ? इसके साथ ही मुस्लिम नेताओं की भाजपा से बढ़ती नजदीकी भी प्रदेश में चर्चा का विषय बन चुकी है I रामपुर संसदीय सीट से भाजपा किसी मुस्लिम नेता को उपचुनाव लड़ाने का मन बना चुकी है I हालाँकि केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी रामपुर सीट से भाजपा सांसद रह चुके हैं I लेकिन एक बार फिर पार्टी किसी मुस्लिम नेता को मौका देने की तैयारी कर रही है I ऐसे में शिवपाल याव का भाजपा में शामिल होना अखिलेश यादव के लिए एक बड़ी मुसीबत बन सकता है, जिसमें किसी को संदेह नहीं है I