अक्षय तृतीया – स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त का दिन, बाल विवाह के लिए हुआ बदनाम

नीति गोपेंद्र भट्ट 

अक्षय तृतीया का पर्व प्रत्येक वर्ष वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। इसे आखातीज या अक्खातीज भी कहते हैं। यह एक ऐसा दिन है जब कोई भी शुभ काम करने के लिए मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहींहै ।

इस बार अक्षय तृतीया 22 अप्रैल 2023 को है। 22 अप्रैल को प्रात: 7 बजकर 49 मिनट से 23 अप्रैल कोप्रात: 7 बजकर 47 मिनट तक अक्षय तृतीया है। पूजा का शुभ मुहूर्त 22 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 49 मिनटसे दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक है।

अक्षय तृतीया का महत्व

अक्षय तृतीया को अनंत-अक्षय-अक्षुण्ण फलदायक कहा जाता है, जो कभी क्षय नहीं होती उसे अक्षय कहतेहैं। बताया जाता है कि वर्ष में साढ़े तीन अक्षय मुहूर्त हैं। इसमें विशेष स्थान अक्षय तृतीया का है।

श्रीकल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय निंबाहेड़ा के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी के अनुसार अक्षयतृतीया के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर के पूछने पर बताया था कि आज के दिन जो भी रचनात्मक यासांसारिक कार्य करोंगे उसका पुण्य मिलेगा। इस दिन को स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है। इसी दिन ही भगवानविष्णु के अंशावतार महर्षि वेदव्यास ने महाभारत को लिखना शुरू किया था। इस दिन गीता के 18 वें अध्यायका पाठ करना चाहिए। अक्षय तृतीया पर ही मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर आई थीं। अक्षय तृतीया पर श्रीहरिविष्णु के अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था।

अक्षय तृतीया के दिन क्या करें क्या नहीं

ज्योतिषाचार्य डॉ तिवारी बताते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन ही सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी औरद्वापर युग समाप्त हुआ था। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन पिंडदान करने से पितरों को मुक्तिमिलती है। इस दिन घर में रखे झाड़ू को बाहर निकाल देना चाहिए, साथ ही नया झाड़ू खरीदकर लाना चाहिए।इससे घर में हमेशा बरकत होती है और मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं। इस दिन घर में रखे टूटे-फूटे जूते-चप्पलको बाहर निकाल देना चाहिए। इससे घर से दरिद्रता दूर हो जाती है। अक्षय तृतीया के दिन किसी को भी पैसेउधार नहीं देना चाहिए। इससे घर से मां लक्ष्मी चली जाती हैं और घर में हमेशा दरिद्रता आती है। इस दिन घरकी तिजोरी की साफ-सफाई करके पूजा पाठ करना चाहिए। तिजोरी कभी गंदा नहीं रखना चाहिए। अक्षयतृतीया के दिन घर में रखे टूटे-फूटे बर्तन को भी बाहर निकाल देना चाहिए। घर में टूटे बर्तन रखने सेनकारात्मकता आती है और घर परिवार में अशांति फैल जाती है और मां लक्ष्मी भी घर में वास नहीं करती हैं।

अक्षय तृतीया के दिन मां गौरी की विशेष पूजा करनी चाहिए, उन्हें लाल वस्त्र अर्पित करना चाहिए। इससेव्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी हो जाती है। इस दिन भगवान को प्रसन्न करने के लिए पीले वस्त्र का दानकरना चाहिए। अक्षय तृतीया के अवसर पर सोना खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन सोना जरूर खरीदें।

इस दिन भूलकर भी प्लास्टिक, एल्युमिनियम या स्टील के बर्तन का सामान न खरीदें, क्योंकि कि इन पर राहु काप्रभाव ज्यादा होता है। इससे घर में नकारात्मकता और दरिद्रता आ सकती है।

बाल विवाह के लिए हुआ बदनाम

आखातीज को देश के विभिन्न भागों में होने वाले बाल विवाहों के लिए कलयुग में यह दिन काफ़ी बदनाम भीहुआ है। हालाँकि पिछलें कुछ दशकों में शिक्षा के प्रसार और जन जागृति के कारण बाल विवाहों की संख्या मेंभारी कमी आई है फिर भी राजस्थान सहित देश के विभिन्न प्रदेशों विशेष कर ग्रामीण भारत में आज भी बालविवाह के विरुद्ध कड़े कानून के बावजूद बड़ी संख्या में बाल विवाह होने की खबरें आती हैं।