रविवार दिल्ली नेटवर्क
नई दिल्ली: भारत सरकार ने 14 जून 2022 को भारतीय सेना के तीनों अंगों में अग्निपथ योजना को लागू करने की घोषणा की थी। इस योजना का उद्देश्य सेना में औसत उम्र को कम करना और तकनीकी तौर पर सेना को कुशल बनाना है। इस योजना के तहत सेना में कम समय के लिये सेवा देने के इच्छुक कुशल युवाओं को भी आकर्षित करने का प्रयास किया गया है। देश की सुरक्षा को मजूबत बनाने को लेकर तीनों सेनाओं ने 2 साल तक इसके विभिन्न पहलुओं पर लंबा विचार मंथन करने के बाद ही इसे लागू किया गया। योजना लागू होने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत सेना के तीनों प्रमुख ने इसके पीछे के नेक इरादे की सराहना की थी। पूर्व वायु सेना प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने अग्निपथ योजना की चर्चा में व्यक्तिगत रूप से शामिल थे। उन्होंने कहा कि अग्निवीरों के सेवानिवृत्ति पर भी सभी विभागों से संपर्क किया गया और यह प्रयास किया गया कि अग्निवीरों को विभिन्न सेवाओं में समाहित किए जाने का प्रयास किया जाए।
वहीं, अग्निपथ योजना की आवश्यकता और अग्निवीरों के उज्ज्वल भविष्य पर पूर्व सेना अधिकारी और लद्दाख के उप-राज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा ने अग्निवीर योजना को देश के लिए जरूरी बताया। केंद्र सरकार ने 14 जून 2022 को सेना की तीनों शाखाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की थी।
अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर 17 साल से लेकर 21 साल तक यानि चार साल तक देश की सेवा करेंगे। 4 साल के बाद इसमें से 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेना में नियमित सेवा का अवसर प्रदान किया जाएगा बाकियों को सरकारी और निजी क्षेत्र में प्राथमिकता दी जाएगी। 4 साल की सेवा में युवाओं को पहले साल 4.76 लाख का वेतन पैकेज दिया जाएगा। ये पैकेज छठे साल तक बढ़कर 6.92 लाख हो जाएगा। 4 साल की सेवा के बाद अग्निवीरों को कर मुक्त 11.7 लाख की सेवा निधि प्रदान की जाएगी। देश सेवा के दौरान शहीद होने वाले अग्निवीरों के परिवारों को सेवा निधि के अलावा 1 करोड़ से ज्यादा की राशि देने का प्रावधान अग्निपथ योजना के तहत किया गया है। इसके अलावा बाकी सेवा का वेतन भी दिया जाएगा। डिसेबिल होने पर 44 लाख रुपये तक की राशि और शेष वेतन दिया जाएगा।