गुरुग्राम में टेलीपरफॉर्मेंस की कथित मनमानी

Alleged arbitrariness by Teleperformance in Gurugram

रात 12 बजे पत्रकार दंपति की बेटी को जबरन रेज़िग्नेशन लिखवाकर नौकरी से निकाला

रविवार दिल्ली नेटवर्क

नई दिल्ली :गुरुग्राम, उद्योग विहार फेस–3 स्थित टेलीपरफॉर्मेंस कंपनी पर रात्रिकालीन ड्यूटी करने वाली एक युवती को आधी रात में जबरन नौकरी से निकालने का गंभीर आरोप लगा है। असम के सिलचर निवासी हिंदी पत्रकार दंपति की बेटी अनामिका (परिवर्तित नाम) पिछले कई महीनों से यहां नाइट शिफ्ट में काम कर रही थी।

कैब लेट, ड्राइवर का अमानवीय व्यवहार, और फिर टर्मिनेशन

जानकारी के अनुसार, हर रोज की तरह पिछले शुक्रवार को कंपनी की ओर से भेजी जाने वाली कैब देवली मोड़ आने में ट्रैफिक जाम के कारण लेट हो गई। अनामिका का कहना है कि ड्राइवर ने सामान्य दिनों की तरह पहले से सूचना नहीं दी और पिकअप प्वाइंट पहुंचकर ही फोन किया।

अनामिका ने उसे 5 मिनट इंतज़ार करने को कहा, लेकिन ड्राइवर बिना रुके आगे बढ़ गया। जब युवती ने दोबारा संपर्क किया तो ड्राइवर ने अभद्रता करते हुए उसे खानपुर आने को कहा। जोखिम उठाते हुए वह वहां पहुंची, लेकिन वहां भी कैब नहीं मिली।

उसने तत्काल अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया, परंतु कोई सहयोग नहीं मिला। किसी तरह वह स्वयं ऑफिस पहुंची और पूरी घटना की लिखित शिकायत दी। अधिकारियों ने कार्रवाई का आश्वासन भी दिया, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

शिकायत के बजाय उल्टा कार्रवाई

कथित रूप से दोषी ड्राइवर पर कोई कदम उठाने के बजाय, गुरुवार रात कंपनी ने अचानक अनामिका की पुरानी छोटी–मोटी गलतियों का हवाला देकर उसे टर्मिनेट कर दिया। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि बिना किसी पूर्व नोटिस, चेतावनी या कारण बताओ पत्र के—रात 12 बजे—उसे जबरन रेज़िग्नेशन लिखवाया गया और ऑफिस से बाहर कर दिया गया।

अनामिका के अनुसार, वह लगातार समय पर अपना दायित्व निभा रही थी। उसने दिवाली के दिन भी छुट्टी नहीं ली। इसके बावजूद कंपनी का यह व्यवहार उसे मानसिक सदमे में डाल गया है।

न्याय की गुहार

युवती ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय श्रम मंत्री और राष्ट्रीय महिला आयोग को पत्र लिखकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और न्याय की मांग की है। साथ ही, उसने मीडिया से भी सहयोग की अपील की है। उसकी पहचान इसलिए गोपनीय रखी गई है ताकि भविष्य में उसे नई नौकरी मिलने में किसी प्रकार की बाधा न आए।

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि संबंधित विभाग और प्रशासन इस संवेदनशील मामले में कितनी तत्परता दिखाते हैं और क्या एक मेहनतकश युवती को न्याय मिल पाएगा।