रविवार दिल्ली नेटवर्क
देहरादून : क्लेमेंट टाउन स्थित ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय में 6वें आपदा प्रबंधन वैश्विक सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। 28 नवम्बर से 01 दिसम्बर 2023 तक होने वाले इस सम्मेलन में अनेक देशों के विशेषज्ञ और वैज्ञानिक प्रतिभाग कर रहे हैं। सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन का प्राथमिक उद्देश्य हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र और समुदायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रतिरोध की चुनौतियों पर चर्चा करना एवं उनका समाधान करना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में ‘राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान’ खोलने के लिए भूमि की व्यवस्था के साथ ही केन्द्र सरकार से अनुरोध किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड प्राचीनकाल से ही शोध, साधना, आध्यात्म, ज्ञान और विज्ञान की उद्गम स्थली रहा है। आदि गुरु शंकराचार्य जी, गुरु नानकदेव जी, स्वामी विवेकानंद जी से लेकर रविन्द्र नाथ टैगोर जी तक अनेक युग दृष्टाओं की आध्यात्मिक यात्रा में उत्तराखण्ड के दर्शन अवश्य होते हैं।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं की चुनौतियों का सामना सभी हिमालयी राज्यों को करना पड़ता है। इस संबंध में वैश्विक स्तर पर हो रहे अध्ययनों, शोधों एवं अनुभवों को साझा करना भी समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को बेहतर रणनीतियों से कम किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में राज्य में चिकित्सा सुविधाओं, सशक्त संचार व्यवस्था, ऑल वेदर रोड, हैलीपोर्ट्स के निर्माण, शहरी नियोजन जैसे कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आज हम आपदाओं का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में विश्व भर के प्रतिष्ठित संस्थानों के विषय विशेषज्ञ, जलवायु परिर्वतन एवं आपदा से सबन्धित ज्वलंत चुनौतियों और उनके समाधानों पर जो विचार मंथन करेंगे, जो आने वाले समय में आपदा प्रबंधन के लिए मददगार साबित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 08-09 दिसम्बर को देहरादून में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देश-विदेश के औद्योगिक समूहों, निवेशकों द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में निवेश को गति देने के लिए प्रतिभाग किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुभव पर आधारित पुस्तक रेजिलिएंट इंडिया का विमोचन भी किया।
सम्मेलन में उप-राज्यपाल अंडमान और निकोबार द्वीप एडमिरल डी के जोशी, मुख्य सचिव डॉ. एस एस.संधु, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, कार्यकारी निदेशक एनआईडीएम श्री राजेन्द्र रत्नू, सचिव आपदा प्रबंधन डा. रंजीत कुमार सिन्हा, महानिदेशक यू.कॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत सहित अन्य उपस्थित थे।