- विश्व की सबसे पुरानी और सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के मिलन से चीन और पाकिस्तान में मची हायतौयबा
गोपेंद्र नाथ भट्ट
नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन केनिमन्त्रण पर अमरीका की पहली आधिकारिक राजकीय यात्रा पर सात समुन्दर पार अमरीका पहुँचें भारत केप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिस उत्साह और उमंग के साथ अमेरिकन प्रशासन वहाँ के लोगों और प्रवासीभारतीयों ने अभूतपूर्व स्वागत किया है । बाइडेन और मोदी का कई बार गले मिलना और प्रथम महिला जिलबाइडन का उनका हाथ पकड़ कर चलना फिर तीनों का बालकोनी में एक साथ खड़े होना आदि दृश्य अमरीकाके इतिहास में पहले कभी नही देखें गए।इन दिनों पूरा अमरीका मोदीमय और मोदी के भारतीय उपहारों सेव्हाइट हाऊस भारत मय हो गया है।
बुधवार को न्यूयार्क में सयुंक्त राष्ट्र संघ के प्रांगण में योग दिवस के वैश्विक कार्यक्रम का नेतृत्व करने के बादवाशिंगटन पहुंचे मोदी का पलक पाँवड़े बिछा कर व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में भव्य स्वागत किया गया।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडन ने मोदी का गर्म जोशी से स्वागत अगवानी कीहैं। अमेरिकी सेना ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस दौरान व्हाइट हाउस को भारतीय एवं अमरीका के लोगोंके लिए खोल दिया गया। इससे पहले कभी साउथ लॉन में इतनी बड़ी संख्या के लोगों को आने की अनुमतिनहीं दी गई थी। भारत और अमरीका समुदाय के लोगों ने भारत का राष्ट्रगान गाया गया और वंदे मातरम के नारेभी लगाए। मोदी ने भी सभी का विनम्रता से अभिवादन किया।
पहली बार व्हाइट हाउस बाहर से देखा था
इस मौके पर मोदी ने कहा कि तीन दशक पहले मैं जब एक साधारण नागरिक के रूप में अमेरिका आया था तबमैंने व्हाइट हाउस को बाहर से देखा था। कालान्तर में पीएम बनने के बाद मैं यहां कई बार आया पर आज मुझेखुशी है कि पहली बार इतनी बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकियों के लिए व्हाइट हाउस के द्वार खोले गए हैं।
मोदी ने राष्ट्रपति बाइडन और जिल बाइडन को शानदार आतिथ्य सत्कार के लिए धन्यवाद दिया और बाइडनके दीर्घ दृष्टिपूर्ण संबोधन के लिए आभार व्यक्त जताया । उन्होंने इसे भारत के 140 करोड़ देशवासियों औरअमेरिका में रहने वाले चार मिलियन से अधिक भारतीय मूल के लोगों का भी सम्मान बताया।
पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि हम सर्वजन सुखाय और सर्वजन हिताय पर भरोसा करते हैं। भारतीयअपनी प्रतिभा, क्षमता और निष्ठा से अपनी शान बढ़ा रहे हैं। दरअसल आप हमारे संबंधों की असली ताकत हैं।
मोदी ने कहा कि कोरोनाकाल के बाद दुनिया एक नया रूप ले रही है। दोनों देश साथ मिलकर काम करने केलिए प्रतिबद्ध हैं। राष्ट्रपति बाइडन और मैं भारत अमेरिका संबंधों और अन्य क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों परविस्तार से बात करेंगे। मुझे विश्वास है कि हमारी बातचीत हमेशा की तरह सकारात्मक और उपयोगी रहेगी।मुझे यहां संसद में दूसरी बार बोलने का मौका मिला है। इस सम्मान के लिए मैं बहुत आभारी हूं। मोदी ने कहाभारत का तिरंगा और अमेरिका का झंडा (द स्टार्स एंड स्ट्राइप्स) हमेशा नई ऊंचाइयां छूते रहे। जय हिंद, गॉडब्लेस अमेरिका…
राष्ट्रपति बाइडन ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच यहरिश्ता 21वीं सदी के सबसे अहम संबंधों से एक है। हमारे राष्ट्रों के बीच एक पुल बना हुआ है।अमेरिका मेंभारतीयों का योगदान बढ़ा है। इसका एक उदाहरण अमेरिका की उपराष्ट्रति कमला हैरिस भी हैं।
विशेष उपहारों का आदान प्रदान
प्रधानमंत्री मोदी ने व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के साथ विशेष उपहारों काआदान-प्रदान किया। मोदी ने अमेरिका की फर्स्ट लेडी डॉ. जिल बाइडन को प्रयोगशाला में विकसित 7.5 कैरेटका ग्रीन डायमंड उपहार में दिया। इसी प्रकार उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन को एक विशेष चंदन का डिब्बाभेंट किया, जिसे जयपुर के एक शिल्पकार द्वारा हाथ से बनाया गया है। इस पर मैसूर से प्राप्त चंदन में जटिलरूप से नक्काशीदार वनस्पतियों और जीवों के पैटर्न हैं।पपीयर माचे – यह वह बक्सा है, जिसमें हरा हीरा रखाजाता है। कार-ए-कलमदानी के नाम से जाना जाता है। ग्रीन डायमंड जिम्मेदार विलासिता का एक प्रतीक हैजो भारत की 75 वर्षों की स्वतंत्रता और टिकाऊ अंतरराष्ट्रीय संबंधों का प्रतीक है। उपहार में दिए गए बॉक्स मेंदस दान राशि हैं। गौदान (गाय का दान) के लिए गाय के स्थान पर पश्चिम बंगाल के कुशल कारीगरों द्वारा एकनाजुक हस्तनिर्मित चांदी का नारियल दिया गया है। भूदान (भूमि का दान) के लिए भूमि के स्थान पर मैसूर, कर्नाटक से प्राप्त चंदन का एक सुगंधित टुकड़ा दिया गया है। तिलदान (तिल के बीज का दान) के लिएतमिलनाडु से लाए गए तिल या सफेद तिल के बीज चढ़ाए गए हैं। राजस्थान में हस्तनिर्मित, यह 24 केरेट काशुद्ध और हॉलमार्क वाला सोने का सिक्का हिरण्यदान (सोने का दान) के रूप में पेश किया है।
पीएम मोदी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को उपहार में दिए गए बॉक्स में 99.5 प्रतिशत शुद्ध औरहॉलमार्क वाला चांदी का सिक्का भी दिया है, जिसे राजस्थान के कारीगरों द्वारा सौंदर्यपूर्ण ढंग से तैयार कियागया है। इसे रौप्यदान (चांदी का दान) के रूप में पेश किया गया है। लवंदन (नमक का दान) के रूप में गुजरातका लवन या नमक भेंट किया गया है।
एक डिब्बे में विघ्न विनाशक गणेश की मूर्ति है, जिनकी सभी देवताओं में सबसे पहले पूजा की जाती है। मूर्तिको कोलकाता के पांचवीं पीढ़ी के चांदी कारीगरों के एक परिवार द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है। वहीं, एकदीया (तेल का दीपक) भी है जो हर हिंदू घर में एक पवित्र स्थान रखता है। इस चांदी के दीये को भी कोलकातामें पांचवीं पीढ़ी के चांदी कारीगरों के परिवार के कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है।चार खास डिब्बे पीएममोदी ने बाइडन को उपहार में दिए हैं। इनमें एक डिब्बे में पंजाब से प्राप्त घी या मक्खन है। दूसरे में झारखंड सेप्राप्त हाथ से बुना हुआ बनावट वाला टसर रेशम का कपड़ा। वहीं, तीसरे में उत्तराखंड से प्राप्त लंबे दाने वालाचावल। इसके अलावा, चौथे बॉक्स में गुड़ है, जो महाराष्ट्र से मंगाया गया है।
मोदी ने लंदन के मेसर्स फेबर एंड फेबर लिमिटेड द्वारा प्रकाशित और यूनिवर्सिटी प्रेस ग्लासगो में मुद्रित पुस्तक’द टेन प्रिंसिपल उपनिषद’ की के पहले संस्करण की एक प्रति भी राष्ट्रपति बाइडन को उपहार में दी गई है।
नरेंद्र मोदी ने बाइडेन को ‘दृष्ट सहस्रचंद्र’ का उपहार दिया। इस उपहार का धार्मिक दृष्टि से बेहद खास महत्वहै। यह उपहार उम्र के अनुसार दिया जाता है। मोदी ने बाइडेन के 80 साल हो जाने पर उन्हें यह खास उपहारदिया है। प्राचीन भारतीय पाठ कृष्ण यजुर्वेद के वैखानस गृह्य सूत्रम में उल्लेख है कि एक व्यक्ति जब अस्सी वर्षऔर आठ महीने की आयु पूरी कर लेता है, तो वह ‘दृष्ट सहस्रचंद्र’ या वह व्यक्ति बन जाता है, जिसने एक हजारपूर्ण चन्द्र अर्थात पूर्णिमा देखी हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन ने भी प्रधानमंत्री मोदी को 20वीं सदी कीशुरुआत की हाथ से बनाई गई प्राचीन अमेरिकी पुस्तक गैली ,एक विंटेज अमेरिकी कैमरा उपहार में दिया , जिसके साथ जॉर्ज ईस्टमैन के पहले कोडक कैमरे के पेटेंट का एक अभिलेखीय प्रतिकृति प्रिंट और अमेरिकीवन्यजीव फोटोग्राफी की एक हार्डकवर पुस्तक भी है। जिल बाइडेन, ने पीएम मोदी को ‘कलेक्टेड पोयम्स ऑफरॉबर्ट फ्रॉस्ट’ की हस्ताक्षरित, प्रथम संस्करण प्रति उपहार में दी।
भोज में बाजरा सहित अन्य व्यंजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में आयोजित राजकीय डिनर से अंतर राष्ट्रीय मिलेटस वर्ष को ध्यान में रखभारत के मोटे अनाज बाजरा और मैरीनेटेड मिलेट और ग्रिल्ड कॉर्न कर्नेल सलाद आदि शामिल किए गए।
मोजो (मजा) मा में छे……दोनों देश
मोदी की अमरीका यात्रा पर वहाँ गई हुई डॉ स्मिता जोशी ने दिलचस्प व्याख्या करते हुए कहा कि-मोदी कीअमरीका यात्रा से मोजो (मजा) मा में छे……दोनों देश के लोग। उन्होंने ‘मो‘ का शब्दार्थ मोदी और जो का प्रेसिडेंट जो बाइडन से किया ।
उधर बताते है कि भारत-अमरीका के मध्य होने वाले द्वि पक्षीय समझोते विशेष कर भारत को मिलने वाले ड्रोनऔर तकनीकी तथा विश्व की सबसे पुरानी और सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के मिलन से चीन और पाकिस्तानमें हाय तौयबा मची हुई हैं।