रविवार दिल्ली नेटवर्क
कुल्लू : देव भूमि कुल्लू जिला में देवी देवताओं के सम्मान में देव परंपराओं का निर्वहन साल भर किया जाता है ऐसे में भादुरु मास को काला माह के नाम से जाना जाता है। ऐसे में एक माह तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते है।
जिला मुख्यालय में देवता वीर नाथ गौहरी ने बुरी शक्तियों के प्रभाव को रोकने के लिए क्षेत्र परिक्रमा की। इस दौरान महंत बहेड़ में कराणी सौह में जोगणी माता के स्थान पर देवता पहुँचे जहां पर विधिवत पूजा अर्चना के बाद देखता के गुरु ने बिच्छू बूटी के साथ देव खेल की। इस दौरान उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को बिच्छू बूटी का प्रसाद भेंट किया गया। मान्यता है कि बिच्छू बूटी के प्रसाद से श्रद्धालुओं की बुरी आत्माओं से रक्षा होती है।
देवता वीर नाथ गौहरी के कारदार राजकुमार,व देवता के गुर हीरा लाल ने कहा कि देवता वीर नाथ गौहरी के सम्मान में हर साल भादुर सक्रांति पर निकल कर क्षेत्र की परिक्रमा पर निकलते हैं और हर घर में श्रद्धालुओं की श्रद्धा के अनुसार धूप पूजा अर्चना की जाती है। जिसके बाद शाम को मंदिर के पास बुरी आत्माओं को भगाने के लिए सभी कार्यक्रमों के द्वारा अश्लील जुमले गाए जाते है।
उन्होंने कहा कि दूसरे दिन करानी सौ में जोगणी माता के स्थान पर विधिवत पूजा अर्चना की जाती है।देवखेल व परिक्रमा के बाद बिच्छू बूटी के साथ खेलते हैं और उसके बाद श्रद्धालुओं को बिच्छू बूटी का प्रसाद भेंट किया जाता है ऐसी मान्यता है कि बहादुर मार्च में बुरी आत्माओं का प्रकोप बढ़ता है जिसके बचाव के लिए देवता के द्वारा श्रद्धालुओं को बिच्छू बूटी का प्रसाद दिया जाता है ताकि बुरी आत्माओं से श्रद्धालुओं की सुरक्षा रहे ।
उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से लेकर बुजुर्गों के द्वारा जो देव परंपराएं हैं उनका निर्माण किया जा रहा है ऐसे में आने वाले समय में भी इस देव परंपरा का निर्वहन इस तरह से किया जाएगा ।
श्रद्वालु शकुंतला भल्ला ने कहाकि देवता वीर नाथ गौहरी के सम्मान में मेला देवखेल धार्मिक कार्यक्रम मनाया जाता है और देवता के द्वारा श्रद्वालुओं को बुरी शक्तियों से बचाब के लिए बिच्छू बूटी का प्रसाद भेंट किया जाता है।उन्होंने कहा कि मान्यता है कि भादुर माह में बुरी शक्तियों का प्रभाव अधिक रहता है ऐसे में देवता क्षेत्र की परिक्रमा कर रक्षा सूत्र लगाते है जिससे श्रद्वालुओं को बुरी शाक्तियों से बचाव रहता है।