…..और विराट कोहली को याद आई, बचपन में गली क्रिकेट की ‘बट्टा’, बेबी ओवर और ट्राई बॉल

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : करीब तीन बरस के लंबे इंतजार के बाद हाल ही में यूएई में एशिया कप में भारत के लिए अफगानिस्तान के खिलाफ आखिरी सुपर 4 टी-20 मैच में शतक के रूप में अंतर्राष्टï्रीय क्रिकेट में अपना 71 शतक पूरा करने के साथ दबाव से एकदम मुक्त नजर आ रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में अगले महीने होने वाले टी-20 विश्व कप से विराट का इस तरह सहज होना और रंग में लौटना खुद उनके और भारतीय क्रिकेट के लिए राहत की बात है। भारत के लिए अपने डेढ़ दशक के अंतर्राष्टï्रीय क्रिकेट करियर में एशिया कप से पहले करीब एक तक महीने विराट ने पहली बार बल्ले को हाथ तक न लगा आराम कर ‘आत्ममंथन’ किया। इस आराम और आत्ममंथन से विराट को खुद और अपनी क्रिकेट को जानने का मौका मिला। विराट इसके बाद से अब क्रिकेट में हर क्षण का लुत्फ उठा रहे है। भारतीय क्रिकेट विराट कोहली की दीवानी है। ऐसे में हर कोई मैदान पर विराट की बल्लेबाजी का का लुत्फ उठाने के साथ यह भी जानना चाहता है कि बचपन में क्रिकेट किस अंदाज में खेले। या फिर विराट ने बचपन में गली क्रिकेट का कितना लुत्फ उठाया।

बृहस्पतिवार को एक मनोरंजक वीडियो क्लिप में विराट कोहली ने बचपन में गली क्रिकेट बोली जाने वाली भाषा और ‘शब्दों’ को याद किया। इस विडियो क्लिप को ‘प्यूमा’ ने बनाया है । इस विडियो क्लिप में विराट से जब बचपन में गली क्रिकेट खेलते हुए बच्चों द्वारा इस्तेमाल किए जाने शब्दों की बाबत पूछा गया तो उन्हें ‘बट्टा (बॉल), बेबी ओवर और ट्राई बॉल सब याद आ गए। इस वीडियो में विराट इन शब्दों को याद करने के साथ इनका अर्थ बताते हुए अपनी हंसी को रोक नहीं पाए। दरअसल इन शब्दों में उन्हें बचपन में इनके इस्तेमाल किए जाने का बच्चों का भोलापन याद आ गया,

विराट इस विडियो में कहते हैं, ‘जब बचपन में हम सभी टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते और गेंदबाज गेंद को खतरनाक ‘चक’ करता तो देशी भाषा में हममे से हर किसी से मुंह बस यही निकलता ‘बट्टा , ‘बट्टा  मारी है। यानी इसने ‘बट्टा बॉल की है। मुझे याद आता है कि टेनिस गेंद से खेलते तो बहुत से गेंदबाज ऐेसे जो बहुत बहुत’बट्टा मारते थे। इसी तरह जब बचपन गली क्रिकेटं खेलते हुए जब गेंदबाज को ओवर में तीन ही गेंद करने को मिलती तो हम सभी बच्चे कहते कि ‘बेबी ओवर’, ‘बेबी ओवर’ है। इसी तरह हमारी एक ट्रॉई बॉल भी होती थी। हम बच्चों में खेलते हुए कोई पहली ही यदि पहली ही गेंद पर आउट हो जाता तो कहते यार आउट नहीं है, या तो ट्राई बॉल थी।’

33 बरस के विराट के बचपन की यादों के झरोखे से झांकने से साफ है कि वह दिल से आज भी बच्चे हैं।