रविवार दिल्ली नेटवर्क
भोपाल : एक मजदूर के लिये खुद का पक्का घर बनाना दिवास्वप्न की तरह ही होता है। अपने परिवार का अच्छे से पालन-पोषण कौन नहीं करना चाहता, औरों की तरह अन्नू भी यही चाहती थीं पर उनके हालात इतने अच्छे न थे। पति के साथ मजदूरी कर वे किसी तरह अपना परिवार चला रही थीं, पर मन में एक सपना भी था कि टूटे-फूटे कच्चे घर की जगह पक्का घर बनवाना ही है। सपने एक न एक दिन साकार होते ही हैं। अन्नू का सपना भी साकार हो गया। अब वे अपने परिवार के साथ एक सुन्दर से पक्के घर में रहती हैं और यह सब संभव हुआ पीएम जन-मन योजना से।
यह बात मंडला जिले की ग्राम पंचायत जंतीपुर की रहने वाली श्रीमती अन्नू भारतिया की है। विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग की अन्नू ने सोचा न था कि उसके बरसों का सपना यूं चन्द दिनों में पूरा हो जाएगा। पीएम जन-मन योजना से उसका पक्का घर बन गया। घर के साथ-साथ इसी घर में काम करने पर मनरेगा से 95 दिन की मजदूरी भी मिली। अन्नू अब परिवार के साथ अपने पक्के घर में आनंद से रहने लगी हैं। कच्चे घर की कठिनाईयों को वह एक बुरे सपने की तरह भूल जाना चाहती हैं।
अन्नू बताती हैं कि कच्चे घर में बड़ी परेशानी थी। साल-दर-साल कच्चे घर को संभालते-संवारते ही बीत गये। हर साल घर की छप्पर की कवेलू बदलनी पड़ती थी। सर्दी-गर्मी, बारिश, आंधी-तूफान की कई दिक्कतें-सो अलग। पक्के घर से उन्हें इन सारी परेशानियों से हमेशा के लिये मुक्ति मिल गई है।
अब अन्नू बेहद खुश हैं। अपनी खुशी को औरों के साथ बाँटकर अन्नू पीएम जन-मन योजना शुरू करने के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की संवेदनशीलता को भी बड़ी कृतज्ञता से याद करती हैं।