बिजली की बचत और सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए वासुदेव देवनानी का एक और नवाचार

Another innovation of Vasudev Devnani to promote electricity saving and use of solar energy

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी इन दिनों देश में अपने नवाचारों के लिए चर्चित है।उन्होंने राजस्थान विधानसभा में कई नये नवाचार लागू करने के बाद अब राज्य विधानसभा के भव्य भवन के ठीक सामने बनाये गये नव निर्मित विधायक आवास परिसर में शीघ्र ही सोलर पैनल लगाने की घोषणा की है।साथ ही विधानसभाध्यक्ष देवनानी ने विधानसभा भवन में भी सौर ऊर्जा की क्षमता बढ़ाने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। देवनानी का मानना है कि सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन होने से विधानसभा और विधायक आवास परिसर दोनों ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेंगे।इसके अलावा विधायक आवास परिसर की विद्युत वितरण कम्पनियों के ग्रिड से आने वाली बिजली पर निर्भरता भी कम होगी तथा विधायक आवास परिसर को राज्य सरकार के बिजली खर्च में राहत मिलेगी।

दूसरी ओर देवनानी ने राजस्थान विधानसभा में पिछले दिनों आए अधिक बिजली बिलों पर भी चिंता व्यक्त करते हुए इन बिजली बिलों की विस्तृत जांच करने की हिदायत तथा संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश भी दिये है। देवनानी ने इस बार विधानसभा का बिजली बिल औसत से आठ लाख रुपए अधिक आने पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसके पीछे विधानसभा में लोड मेंटेनेंस की लापरवाही पर भी रोष व्यक्त किया है तथा संबंधित अधिकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को भविष्य में बिजली खर्च की पुख्ता मॉनिटरिंग व्यवस्था सुनिश्चित करने की हिदायत दी है तथा विधान सभा में पावर फैक्टर की समीक्षा कर समुचित कार्यवाही के निर्देश दिये है।

ग्लोबल वार्मिंग के क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों का कहना हैं कि विधानसभाध्यक्ष वासुदेव देवनानी के इस प्रयास की सराहना की जानी चाहिये। हमारे देश में सरकारी भवनों में बिजली का दुरूपयोग किसी से छुपा हुआ नहीं है। प्रायः एक भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी के अपने कमरों और सभा हॉल आदि स्थानों पर नहीं होने के बावजूद बिजली के सारे के सारे पोइंट्स पंखें और एसी कूलर आदि चालू रहने से लाखों यूनिट बिजली व्यर्थ में ही बर्बाद होती है जबकि व्यर्थ में ही बर्बाद हो रही इस बिजली से कई अंधेरे में डूबे घर और गाँव एवं कस्बें रोशन हो सकते है। देश के कई इलाक़े आज भी आजादी के अमृत काल में भी घुप्प अँधेरें से ग्रस्त है, वही कई शहरों, क़स्बों और गाँवों को घंटों दर घंटों बिजली कटौती से गुजरना पड़ रहा हैं।

कई बार दिल दिमाग़ को झंझकौर देने वाली खबरें भी आती है कि अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान बिजली चले जाने से मरीज की मृत्यु हो गई।ऐसे में एक एक यूनिट बिजली को बचा कर उसे देश के वंचित क्षेत्रों में पहुँचाने के साथ ही बिजली का दुरुपयोग करने वाले दोषियों के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाने की सख़्त जरूरत है।कहते है चैरिटी बिगेन टू होम और इसी सिद्धान्त पर भारत सरकार और राज्य सरकारों को सभी सरकारी भवनों में आवश्यक रुप से सोलर ऊर्जा से जोड़ने का कानून बना इसकी शुरुआत करनी चाहिए।इसके अलावा तकनीकी विशेषज्ञों की सलाह से कोई ऐसी डिवॉइस का ईजाद भी करना चाहिए जिससे कमरे के आकार के अनुसार बिजली के पॉइंट और कमरे में किसी व्यक्ति के नहीं होने यानी उसके पूरी तरह से खाली होने पर उस कमरे की बिजली ऑटोमेटिक बंद हो जाएँ। देश प्रदेश के कई नगर निकायों ने इस दिशा में प्रशंसनीय प्रयास भी किए है जिसके चलते आज स्ट्रीट लाइटस सवेरा होते ही ऑटोमेटिक बंद हो जाती हैं और सायंकाल में अंधेरा होते ही ऑटोमेटिक पुनः जल जाती हैं। कई स्थानों पर सोलर सिस्टम से स्ट्रीट लाइटस का संचालन भी हो रहा हैं। इससे उत्पादित महँगी बिजली की लाखों यूनिट बिजली की बचत हो रही है। इसके अलावा देश के विभिन्न भागों में गैर परंपरागत ढंग और नवीनीकृत तरीक़ों से बिजली पैदा कर बिजली उत्पादन की लागत को भी कम किया जा रहा है। राजस्थान में सोलर ऊर्जा की अथाह संभावनायें है और राज्य सरकार का दावा है कि निकट भविष्य में राजस्थान विश्व भर में सोलर एनर्जी का सबसे बड़ा हब बनने जा रहा हैं।
इधर भारत सरकार और राज्य सरकारें निजी घरों में सोलर पैनल लगाने पर अनुदान योजनायें भी चला रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम सूर्य घर योजना की घोषणा की हैं। इसका लाभ लेकर देश का हर नागरिक, हर उस गाँव और घर में बिजली पहुँचाने में सहायक बन सकता है जोकि आजादी के 78 वर्षों के बाद भी अंधेरे में डूबे हुए है।

इस दृष्टिकोण से बिजली की बचत और सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का एक और नवाचार अनुकरणीय कहा जा सकता है। देखना है भारत सरकार और प्रदेशों की सरकारें सभी सरकारी भवनों को आवश्यक रुप से सोलर ऊर्जा से जोड़ने का कानून बनाने की दिशा में निकट भविष्य में क्या कदम उठाती है?