डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को (मरणोपरान्त) अणुव्रत पुरस्कार

नीति गोपेंद्र भट्ट

नई दिल्ली/छापर(राजस्थान) : अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण के सानिध्य के राजस्थान के छापर में आयोजित अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के राष्ट्रीय अणुव्रत अधिवेशन और पुरस्कार एवं सम्मान समारोह में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को (मरणोपरान्त) अणुव्रत पुरस्कार प्रदान किया गया।उनके पौत्र शेख सलीम ने यह पुरस्कार सम्मान ग्रहण किया।

डॉ. कुसुम लुनिया को अणुव्रत लेखक पुरस्कार

इसी समारोह में जानी-मानी लेखिका डॉ कुसुम लुनिया (दिल्ली) को भी वर्ष 2022 का अणुव्रत लेखक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

यह सम्मान अणुविभा के मुख्य न्यासी तेजकरण सुराना,अध्यक्ष अविनाश नाहर एवं निवर्तमान अध्यक्ष संचय जैन द्वारा प्रदान किए गए। डॉ लुनिया को पुरस्कार के अंतर्गत इक्यावन हजार का चेक, स्मृति चिह्न और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया, जिसे डॉ.कुसुम ने अपने जीवन साथी डॉ.धनपत लुनिया एवं परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ग्रहण किया।

अन्य अणुव्रत पुरस्कार

समारोह में अणुव्रत गौरव पुरस्कार-2021 एवं 2022 कोयम्बटूर के निर्मल रांका और लावासरदारगढ के डॉ. बसन्ती लाल बाबेल को प्रदान किया गया। इसके अलावा जीवन विज्ञान पुरस्कार- 2021 एवं 2022 बेंगलुरू के मूलचन्द नाहर तथा चैन्नई की माला कातरेला को प्रदान किये गये।

साहित्यिक सृजन से समाज सेवा का सुअवसर – आचार्यश्री महाश्रमण

इस मौके पर आचार्य महाश्रमण ने कहा कि “अणुव्रत जीवन विज्ञान के पुरस्कार एवं सम्मान से अणुव्रत सेवा में संलग्न व्यक्तियों का सही अर्थों में मूल्यांकन होता है तथा वे दूसरों के लिए प्रेरणादायी होते है ।लेखन से केवल साहित्य सृजन नही होता बल्कि नैतिक मूल्यों का प्रसार भी होता है जोकि मानवता की बहुत बड़ी सेवा है । खूब गहराई में जाकर चिन्तन मंथन पूर्वक लिखना एक उत्तम सेवा कार्य है।