संजय सक्सेना
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के जिला बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हुआ बवाल थमने की बजाये उग्र रूप धारण करता जा रहा है,जिसके चलते आज सोमवार को एक बार फिर जिले में हिंसा भड़क गई। यह तब हुआ जब कट्टपंथियों द्वारा कि गई फायंिरंग में मारे गए युवक रामगोपाल मिश्र की शव यात्रा में शामिल लोगों ने कुछ गाड़ियों और दुकानों में आग लगा दी। ग्रामीण लाठी-डंडों के साथ सड़कों पर उतर आए। विरोध प्रदर्शन हिंसक होने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कहा कि हम स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिगड़ते हालात को देखते हुए एडीजी (कानून-व्यवस्था) और एसटीएफ चीफ अमिताभ यश को तुरंत बहराइच जाने के आदेश दिए हैं। साथ ही मामले की रिपोर्ट मांगी है।
गौरतलब हो 12 अक्टूबर रविवार को बहराइच के रामगांव थाना क्षेत्र के रेहुआ मंसूर गांव से दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस हरदी थाना क्षेत्र के महाराजगंज बाजार पहुंचा था। तभी मस्जिद के सामने डीजे बजाने पर मुस्लिम समाज के लोगों ने पहले पत्थरबाजी और उसके बाद फायरिंग कर दी,जिससे रेहुआ मंसूर गांव निवासी 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्र की गोली लगने से मौत हो गई।
इससे जिले में आक्रोश फैल गया। इसके विरोध में प्रदर्शन के साथ आगजनी और पथराव हुआ था। हरदी पुलिस ने विरोध कर रहे हिन्दू समाज के लोगों पर ही जमकर लाठियां भांजी। कड़ी सुरक्षा के बीच सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद बाद भोर में शव घर पहुंचा तो गांव में कोहराम मच गया। लोग आक्रोशित हो उठे। हजारों की संख्या में आसपास के लोग मौके पर इकट्ठा हो गए। परिवारजन के साथ हजारों की संख्या में लोग शव को लेकर तहसील परिसर की ओर चल दिए। ग्रामीण अपराधियों को फांसी देने और घर पर बुलडोजर की कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे।