कलाकार,साहित्यकार व पत्रकार समाज को नई दिशा प्रदान करते है

विनोद तकिया वाला

इतिहास शाक्षी है खुशहाल देश व समाज को कलाकार,साहित्यकार व पत्रकार अपनी साधना से राष्ट्र व समाज को नई सोच ‘नई खोज से नई दिशा व दशा प्रदान करते है। ये तीनो अपनी जोश जज्बा व अपनी साधना से हमेशा देश व समाज के विकाश के लिए सोच ता है।वे अपने जीवन के अनमोल पल को साधना के हवन कुण्ड मे झोंक देते है।ये तीनो ही माँ सरस्वती की मानस पुत्र होने का सौभाग्य मिला।

विगत दिनो नई दिल्ली के लुटियन जोन के रायसीना मार्ग स्थित प्रेस कल्ब आफ इण्डिया के सभागार मे कला व थियेटर पर लिखित नवोदित कलाकार के लिए दिशा निदेशन पर आधार्रित पुस्तक “कलामंच ” विमोचन समारोह पर वरिष्ट पत्रकार रक्षा मामले के विशेष जानकार व प्रेस कल्ब ऑफ इण्डिया के पूर्व संयुक्त सचिव ने पुस्तक के नवोदित लेखक कनन श्रीवास्तव/नीरज गणवीर के पुस्तक विमोचन समारोह में विशेष आमंत्रण पर हमे साक्षी बनने का स्वर्णिम अवसर मिला।इस कार्यक्रम का आगाज आज के सुत्रघार सुश्री स्वाति के द्वारा अपने सुमधुर स्वर से लेखक व पुस्तक पर प्रकाश विखरते हुए बताई कि अच्छी किताब इंसान का एक सच्चे मित्र होते है ‘अच्छी किताब पढ़ने से पाठक को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।एक लेखक अपनी पुस्तक की कहानी के स्वयं कथा व कथानक रचती – बुनती है।यह पुस्तक मायानगरी मुम्बई जीवन शैली पर आधारित है।महानगर के चकाचौंध में जीने वाले के जिन्दगी पर्दे के पीछे संघर्षो भरी कहानी छुपी होती है।

इस अवसर पर पत्रकारिता जगत की महान हस्ती संजय सिंह ने लेखक को आर्शीवाद देते हुए कहा कि खुशनसीब होते है वे लोग जिनके सपने साकार होते है ।हर आदमी अपना एक सपना लेकर महानगर पहुंचता है , लेकिन प्रत्येक व्यक्ति का सपना पुरा नही हो पाता है।वह महानगर के महा आबादी में विलीन हो जाता है।उनका सपना टूट कर बिखर जाता है । आप दोनो युवाओं ने अपनी जुनून व जज्बा के बल पर कुछ नया करने प्रण लिया है।आप हमारे परिवार का सदस्य है आप दोनो पर हमे गर्व है कि आप ने अपने परिवार ‘ समाज व प्रदेश का नाम रोशन किया है। ईश्वर से हमारी यही प्रार्थना है कि आप हमेशा आगे बढ़ते रहे।
विनय कुमार महासचिव प्रेस कल्ब आफ इण्डिया ने अपने उद्बोधन में कलाकार व साहित्यकार व पत्रकार के जीवन में अनुशासन पर विशेष ध्यान व गुर रहस्यों से अवगत कराया।

विद्वान वक्ता व कला के मर्मज्ञ जोतिष्य जोशी जी ने कहा कि कलाकार,साहित्यकार,व पत्रकार अपनी विधा में जब पूर्ण रूपेण साधनारत हो जाता है तभी वह नव श्रृजन करते है।व्यकितगत जीवन में सफल तो बहुत लोग होते है।लेकिन जिन्होने अपनी जीवन को साधना रूपी यज्ञ कुण्डली आहुति डाल कर जीवन को समाज व राष्ट्र के अर्पित कर सार्थकता के माप दंडो पर खरा उतर ता है।वे ही सच्चे समाज व राष्ट्र प्रेमी होती है।आप दोनो लेखक ने अपने समाज व हिंदी पट्टी के लिए कुछ कर ने का बीड़ा उठाया है।हमारा आशीर्वाद है। हम आपके साथ हमेशा खडे है।

इस अवश्य पर समाज के कई गणमान्य व्यक्ति,प्रेस कल्ब ऑफ इंडिया के पदाधिकारीगण पत्रकार आदि साक्षी भाव से अपनी उपस्थित दर्ज कराई ।