बतौर टीम हम मौके नहीं भुना पाने के कारण टेस्ट सीरीज हारे : ऋषभ पंत

As a team, we lost the Test series because we failed to capitalise on our opportunities: Rishabh Pant

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : गर्दन में ऐंठन के चलते बाहर चल रहे नियमित कप्तान शुभमन गिल की जगह भारत की दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ गुवाहाटी में सीरीज के दूसरे व आखिरी क्रिकेट टेस्ट में कप्तानी संभालने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने अपनी टीम की बुधवार को पांचवें व अंतिम दिरन 408 रन से हार के साथ सीरीज 0-2 से गंवाने पर निराशा जताई। भारत के कप्तान ऋषभ पंत ने कहा,‘हम बतौर टीम बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। दक्षिण अफ्रीका बेशक हमसे बेहतर क्रिकेट खेली लेकिन आप किसी भी चीज को हल्के नहीं ले सकते। आप चाहे घर पर खेले अथवा घर से बाहर क्रिकेट आपसे संकल्प और जीवट की अपेक्षा करती है। टेस्ट में ऐसे क्षण आते हैं जब आपको बतौर टीम एक बल्लेबाजी इकाई के रूप में जरूरत इन्हें भुनाने की होती है। टेस्ट सीरीज में ऐसे क्षण भी आए जब हम हावी थे लेकिन हम हमें बतौर बल्लेबाजी इकाई इन्हें भुना नहीं पाए।। हम बतौर टीम हम मौकों को भुना नहीं पाने के कारण ही हम दक्षिण अफ्रीका से टेस्ट सीरीज हारे।‘

भारत ने दूसरे टेस्ट में एक समय दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी में उसके छह विकेट 246 रन पर गंवा दिए लेकिन उसने 489 रन का बड़ा स्कोर बनाने दिए। दक्षिण अफ्रीका ने भारत के सामने जीत के लिए 549 रन का लक्ष्य रखा था और उसके बल्लेबाज साई सक्षदर्शन और कुलदीप यादव को मौके मिले लेकिन वह इनका लाभ नहीं उठा पाया और उसकी टीम दूसरी पारी में 140 पर आउट हो दूसरा टेस्ट मैच हार गई। ऋषभ पंत ने भारत की इस बड़ी हार पर कहा, ‘ बेशक यह हार निराशाजनक है, बावजूद इसके बतौर टीम हमें बेहतर प्रदर्शन करना होगा।और आपको इस जीत के लिए प्रतिद्वंद्वी दक्षिण अफ्रीका को इसका श्रेय देना होगा कि उसने हमसें बेहतर क्रिकेट खेली। हमें इस मुश्किल टेस्ट सीरीज में 0-2 से मिली हार की बाबत यदि ज़्यादा सोचते हैं तो हमें इससे सबक लेकर बतौर टीम डटे रहने की जरूरत है।’

ऋषभ पंत ने भारत की इस बड़ी हार पर कहा, ‘ बेशक यह हार निराशाजनक है, बावजूद इसके बतौर टीम हमें बेहतर प्रदर्शन करना होगा। हमें इस जीत के लिए प्रतिद्वंद्वी दक्षिण अफ्रीका को श्रेय देना होगा कि उसने हमसें बेहतर क्रिकेट खेली। इस मुश्किल टेस्ट सीरीज में 0-2 से मिली हार की बाबत यदि ज़्यादा सोचते हैं तो हमें इससे सबक लेकर बतौर टीम डटे रहने की जरूरत है।’