डायरिया-निमोनिया से बचाव के लिए घर-घर दस्तक देंगी आशा वर्कर्स

Asha workers will knock door to door to prevent diarrhea and pneumonia

रविवार दिल्ली नेटवर्क

हमीरपुर: 5 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों को डायरिया और निमोनिया से बचाने के लिए जिला हमीरपुर में भी 18 नवंबर से 2 दिसंबर तक ‘सघन डायरिया एवं निमोनिया नियंत्रण पखवाड़ा’ (आईडीपीसीएफ) मनाया जाएगा। इस अभियान में जिला के लगभग 32,258 बच्चों को कवर किया जाएगा। उपायुक्त अमरजीत सिंह ने मंगलवार को इस अभियान की जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों में डायरिया और निमोनिया जैसे रोग कई बार जानलेवा रूप धारण कर लेते हैं।

एक सर्वे के मुताबिक भारत में हर वर्ष इस आयु वर्ग के लगभग 62 हजार बच्चों की मौत डायरिया से होती है। डायरिया से बच्चों की मौत के आंकड़े को शून्य तक लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रदेश भर में महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से अब साल में तीन बार सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा मना रहा है। इससे डायरिया के प्रकोप की प्रतिशतता 6.6 से गिरकर अब 4.7 प्रतिशत हो गई है। उपायुक्त ने कहा कि 2 दिसंबर तक चलने वाले विशेष अभियान के दौरान आशा और आंगनवाड़ी वर्कर्स घर-घर जाकर 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों को ओआरएस के 2-2 पैकेट और जिंक की 14-14 गोलियां वितरित करेंगी तथा इन बच्चों की माताओं को ओआरएस का घोल तैयार करने की विधि, हाथों की सफाई एवं कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करेंगी।

उपायुक्त ने स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, प्रारंभिक शिक्षा, पंचायतीराज और जलशक्ति विभाग के अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ इस अभियान को सफल बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ओआरएस के पैकेट और जिंक की गोलियों के वितरण के साथ-साथ सभी घरों, स्कूलों तथा आंगनवाड़ी केंद्रों की टंकियों और जलस्रोतों की सफाई पर भी विशेष रूप से फोकस करें। ऑडियो-वीडियो मैसेज के माध्यम से भी आम लोगों को जागरुक करें। बैठक के दौरान सीएमओ डॉ. प्रवीण चौधरी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय जगोता और डॉ. अजय अत्री ने अभियान का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया।