आशीष विद्यार्थी के प्रेरक शब्दों ने ‘प्राइमर्स’ में भरी नई ऊर्जा

Ashish Vidyarthi's inspiring words inject new energy into Primers

आशीष विद्यार्थी की ज़िंदगी, ज़ज़्बा और दूसरी इनिंग्स की प्रेरणा

मुंबई (अनिल बेदाग) : कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं, जो सिर्फ़ पर्दे पर किरदार नहीं निभाते, बल्कि ज़िंदगी के हर पड़ाव को पूरे मन से जीने की प्रेरणा भी देते हैं। आशीष विद्यार्थी उन्हीं में से एक हैं। सशक्त अभिनय, गहरी आवाज़ और विचारों की स्पष्टता के साथ उन्होंने न केवल सिनेमा में अपनी अलग पहचान बनाई, बल्कि समय के साथ खुद को लगातार नया गढ़ते भी रहे।

राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता आशीष विद्यार्थी ने अपने करियर में खलनायक से लेकर संवेदनशील चरित्रों तक हर रंग को जीवंत किया है। लेकिन उनकी असली पहचान आज उस इंसान के रूप में उभरती है, जो बदलाव से डरता नहीं, बल्कि उसे अपनाता है। अभिनय के साथ-साथ उन्होंने मोटिवेशनल स्पीकर, ट्रेनर और कंटेंट क्रिएटर के रूप में भी खुद को स्थापित किया है—यह साबित करते हुए कि सीखने और आगे बढ़ने की कोई उम्र नहीं होती।

अनंता क्वेस्ट के मंच पर जब आशीष विद्यार्थी ने अपनी मुस्कान, आत्मीयता और जीवन के अनुभव साझा किए, तो माहौल में एक अलग ही ऊर्जा महसूस हुई। “पिक्चर अभी बाकी है” सिर्फ़ उनका डायलॉग नहीं, बल्कि उनका जीवन-दर्शन है। यह वाक्य उन सभी लोगों के लिए उम्मीद बनकर उभरा, जो अपने जीवन के दूसरे अध्याय को लेकर सवालों और संभावनाओं के बीच खड़े हैं।

उन्होंने अपने सफर की ईमानदार कहानियों के ज़रिए यह बताया कि हर मोड़ एक नया अवसर लेकर आता है—बस ज़रूरत है खुद से जुड़ने, स्पष्टता पाने और आगे बढ़ने का साहस रखने की। आशीष विद्यार्थी की यह सोच अनंता क्वेस्ट के मूल उद्देश्य से पूरी तरह मेल खाती है, जहां ‘सेकंड इनिंग्स’ को अंत नहीं, बल्कि एक नए और अर्थपूर्ण आरंभ के रूप में देखा जाता है।

आज आशीष विद्यार्थी केवल एक अभिनेता नहीं, बल्कि उन अनगिनत लोगों की आवाज़ हैं, जो यह मानते हैं कि उम्र एक संख्या है और जीवन की सबसे खूबसूरत कहानियाँ अक्सर दूसरे अध्याय में लिखी जाती हैं।