
इंद्र वशिष्ठ
नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बावजूद पुलिस वाले मकान बनाने वालों से वसूली करने में लगे हुए हैं।
बेखौफ, निरंकुश, भ्रष्ट पुलिस वालों द्वारा रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर से भी मकान निर्माण करने देने के लिए रिश्वत वसूलने का मामला सामने आया हैं।
माडल टाउन थाने में तैनात एएसआई सुदेश कुमार यादव को दिल्ली पुलिस के ही रिटायर्ड इंस्पेक्टर यशपाल से दो लाख रुपए रिश्वत लेते हुए पुलिस की ही विजिलेंस यूनिट ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी से बचने के एसएचओ पवन मीणा फरार हो गया।
उत्तर पश्चिम जिले के डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि एएसआई सुदेश कुमार को सस्पेंड और एसएचओ पवन मीणा को लाइन हाज़िर किया गया है। एसएचओ पवन मीणा सोमवार दोपहर में एक दिन की परमिशन लेकर घर गया था, लेकिन मंगलवार रात तक वह डयूटी पर वापस नहीं आया।
रिटायर्ड इंस्पेक्टर यशपाल का महेंद्रू एन्क्लेव में दो सौ गज का मकान है। मकान में सबसे ऊपरी म़जिल पर 140 गज में बना हुआ है। अब शेष छत पर यशपाल निर्माण कार्य/ लैंटर करवा रहा था।
यशपाल द्वारा विजिलेंस यूनिट में की गई शिकायत में आरोप लगाया कि उनके मकान में छत पर मरम्मत/निर्माण कार्य करने की अनुमति के बदले एएसआई सुदेश द्वारा उनसे लगातार 4 लाख रुपए रिश्वत की मांग की जा रही थी। जब उसने कुछ निर्माण कार्य शुरू किया, तो एएसआई सुदेश और क्षेत्र के अन्य बीट स्टाफ द्वारा उसे रुकवा दिया गया। 4 लाख रुपए रिश्वत की मांग की गई, साथ ही धमकी दी गई कि रिश्वत देने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है। अंत में मामला दो लाख रुपए में तय हुआ।
रिटायर्ड इंस्पेक्टर काम रुकवाए जाने के संबंध में अपनी शिकायत लेकर माडल टाउन थाने के एसएचओ पवन मीणा से भी मिला था, लेकिन एसएचओ ने उसे एएसआई सुदेश से मिलने के लिए कहा। एएसआई सुदेश ने उसे 14 अप्रैल को रिश्वत के पैसे के साथ बुलाया। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत के साथ एक पेन ड्राइव भी उपलब्ध कराई, जिसमें बताया कि रिश्वत की मांग के संबंध में मॉडल टाउन थाने के विभिन्न पुलिस अधिकारियों के साथ उसकी बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग है।
यह सूचना मिलने के बाद विजिलेंस यूनिट की टीम ने जाल बिछाया। 14 अप्रैल को शाम को एएसआई सुदेश ने थाने की पहली मंजिल पर स्थित अपने कमरे में शिकायतकर्ता यशपाल से 2 लाख रुपए रिश्वत ली।
विजिलेंस की टीम ने तुरंत एएसआई सुदेश कुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया।
गृह मंत्री के निर्देश की धज्जियां उड़ाई-
केंद्रीय गृह मंत्री ने एक मार्च को गृह मंत्रालय में दिल्ली की कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में निर्देश दिया था कि बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के मामलों में पुलिस की परमिशन की जरूरत नहीं होगी। बैठक में दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोरा दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी मौजूद थी।
गृह मंत्री के निर्देश के बाद दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार ने भी बकायदा सर्कुलर निकाला था जिसमें कहा गया था भवन निर्माण कार्यों में दिल्ली पुलिस की अनुमति की जरूरत नहीं होती। पुलिस का कार्य केवल अवैध निर्माण की सूचना संबंधित एजेंसी को देना है।