एशियन चैंपियंस ट्रॉफी यह जानने का मौका कि एशियाई हॉकी टीमों के खिलाफ हम कहां खड़े है : तुषार खांडकर

  • चेन्नै में एशिया कप की खिताबी जीत बनी थी बड़े टूर्नामेंटों में बढिय़ा प्रदर्शन का मंच

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : पूर्व हॉकी ओलंपियन व कप्तान जूनियर महिला हॉकी टीम के कोच तुषार खांडकर को अगले महीने चेन्नै में होने वाली एशियन चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी का जिक्र छिड़ते हुए 2007 में चेन्नै में हुआ पुरुष हॉकी एशिया कप याद आ जाता है। तुषार खांडकर तब बेहतरीन फुलबैक प्रबोध टिर्की की अगुआई में भारत की दक्षिण कोरिया को चेन्नै में फाइनल में 7-2 से हरा कर खिताब बरकरार रखने वाली टीम के प्रमुख स्ट्राइकर थे। चेन्नै की चर्चा छिड़ते हुए तुषार को याद आ जाता है चेन्नै में अपने संस्थान भारतीय पेट्रेलियम के लिए सालाना एमसीसी मुरुगप्पा गोल्ड कप हॉकी में खेलना।

तुषार खांडकर भारत की 2007 में चेन्नै में पुरुष हॉकी एशिया कप जीतने वाली टीम के सदस्य रह चुके हैं। तुषार बताते हैं, ‘2007 में चेन्नै में हुआ पुरुष हॉकी एशिया कप हमारे लिए अंतर्राष्टï्रीय हॉकी में वापसी करने का बहुत बड़ा मौका था। 2007 में पुरुष हॉकी एशिया कप की खिताबी जीत हमारे लिए अन्य बड़े अंतर्राष्टï्रीय हॉकी टूर्नामेंट में बढिय़ा प्रदर्शन करने का मंच बनी थी। मेरा मानना है कि हमारी भारतीय टीम के लिए अगले महीने चेन्नै में होने वाली एशियन चैंपियंस ट्रॉफी बेहद अहम है। हांगजू(चीन) में सितंबर में होने वाले एशियाई खेल अगले साल पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए सीधे क्वॉलिफाई करने के लिहाज से बेहद अहम हैं। एशियन चैंपियंस ट्रॉफी हमारे लिए यह जानने का अच्छा मौका होगा कि हम एशियाई टीमों के खिलाफ कहां खड़े हैं। बेशक भारत एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में खिताब जीतने का दावेदार है। मेरी भारतीय हॉकी टीम को एशियन चैंपियंस ट्रॉफी और इसके बाद हांगजू(चीन) में होने वाले एशियाई खेलों के लिए शुभकामनाएं।’

वह कहते हैं, ‘ हमारे दौर में हॉकी टूर्नामेंटों के लिए चेन्नै उसी तरह जाना जाता है जिस तरह आज ओडिशा को जाना जाता है। हम तब चेन्नै में बहुत हॉकी टूर्नामेंट खेला करते थे। तब चेन्नै में हॉकी प्रेमी केवल अंतर्राष्टï्रीय हॉकी मैचों के लिए ही बल्कि घरेलू मैचों के लिए बड़ी तादाद में दर्शक टेडियम आते थे। अपना अंतर्राष्टï्रीय हॉकी करियर खत्म करने के बावजूद मैं चेन्नै में बराबर एमसीसी मुरुगप्पा गोल्ड कप हॉकी टूर्नामेंट में खेलने आया करता था। एमसीसी गोल्ड कप तब काफी बड़ा हॉकी टूर्नामेंट हुआ करता था और एक तरह से हमारे लिए यह हॉकी सीजन का एक तरह से आगाज होता था।हम चेन्नै में हॉकी खेलने का पूरा लुत्फ उठाते थे।’