सत्येन्द्र पाल सिंह
भुवनेश्वर : अंतर्राष्ट्रीय हॉकी संघ (एफआईएच) के अध्यक्ष तैयब इकराम ने साफ किया कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण आगे सरकाए गए एशियाई खेल इस साल चीन में तय समय 23 सितंबर से 8 अक्टूबर तक होंगे। मैं पूरे विश्वास के साथ कह रहा हंू एशियाई खेल इस साल समय पर ही होंगे। इसीलिए एशिया के लिए ओलंपिक के किसी अन्य हॉकी क्वॉलिफाइंग टूर्नामेंट की कोई जरूरत नहीं है और न ही हम इस बाबत सोच रहे हैं। तैयब ने कहा, ‘मैं अंतर्राष्ट्रीय हॉकी संघ(एफआईएच)के नुमाइंदे के तौर पर अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की बैठक में था। इस बैठक में साफ किया कि एशियाई खेल तय समय पर है। इसी से एशिया से हॉकी के लिए क्वॉलिफाई करने वाली टीमों का फैसला एशियाई खेलों से ही होगा।’ चीन में अभी भी हालांकि कोरोना की स्थिति गंभीर है और इसीलिए तैयब का विश्वास के साथ कहना कि चीन में एशियाइ खेल समय पर होंगें कुछ हैरान करता है।
2026 से हॉकी बिना पानी की पिचों पर खेली जाएगी: वील
वहीं एफआईएच के सीईओ थियरे वील ने कहा, ‘ 2026 से हॉकी में ऐसी पिचे इस्तेमाल की जाएंगी कि जिन पर पर पानी की जरूरत नहीं होगी। बिना पानी वाली पिचें तैयार करने के लिए बहुत अनुसंधान किया गया है। जीवन जल है। ऐसे में दुनिया में हर किसी के लिए जरूरी है कि जरूरी है कि बहुत समय और सूझबूझ से पानी का इस्तेमाल हो।’ यहां बड़ा सवाल यह है कि बेशक बिना पानी की पिचें होनी चाहिए और ये बेहद महंगी होंगी। भारत जैसे विकासशील और गरीब देशों के लिए यह बहुत महंगा सौदा होगा और उनके लिए अपने देश में इन बिना पानी की पिचों को बिछाने पर भारी लागत आएगी । बिना पानी की पिचों को बिछाने की लागत की बाबत वील साहब बगले झांकते नजर आए।
‘एफआईएच के पास नहीं हैं 2014 से पहले के अंतर्राष्ट्रीय हॉकी रिकॉर्ड’
थियरे वील से जब 2014 के अंतर्राष्ट्रीय हॉकी के रिकॉर्ड को अपडेट करने की बाबत सवाल किया गया तो वह बेहद उखड़े ही नही बल्कि बगले झांकते नजर आए। वील ने कहा, ‘हमने 2014 के बार के सभी अंतर्राष्टï्रीय हॉकी रिकॉर्ड अपेडट किए हैं। जहां तक 2014 के अंतर्राष्ट्रीय हॉकी के रिकॉर्ड की बात यह हमारे पास नहीं है। कहीं जल गए हैं। जहां तक 2014 के पहले के अंतर्राष्ट्रीय हॉकी रिकॉर्ड को हमारे टूर्नामेंट मैनेजमेंट (टीएमएस) ने हर लिहाज से अपडेट किया है। हमने 2014 के पहले अंतर्राष्टï्रीय हॉकी रिकॉर्ड को बराबर दुरुस्त करने की कोशिश की है लेकिन हमें ये रिकॉर्ड मिल ही नहीं पाए हैं।’
जब वील के जवाब में उन से पलट कर यह सवाल किया क्या आप फीफा में रिकॉर्ड की बाबत पूछे पर इसी तरह का जवाब देते तो वह मौन नजर आए। सच तो यह है कि हॉकी हो या फुटबॉल किसी भी खेल में जूनुन की हद तक डूबे इसके मुरीद हैं और कोशिश की जाए औैर ऐसी हॉकी प्रेमियों तक पहुंचा जाए तो मुमकिन है कि एफआईएच को हॉकी रिकॉर्ड मिल जाए।