रविवार दिल्ली नेटवर्क
गोरखपुर। देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आह्वान पर गोरखपुर समेत सूबे के 75 जनपदों में कम से कम 75-75 अमृत सरोवर निर्मित होंगे। प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में भी 75-75 अमृत सरोवरों का निर्माण होगा। 15 अगस्त तक इन अमृत सरोवरों का निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य है ताकि जश्ने आजादी पर ये सरोवर पानी से लबालब दिखें।
पीएम मोदी और सीएम योगी जल संरक्षण को लेकर सैदव संवेदनशील रहते हैं। इसी क्रम में आजादी के अमृत महोत्सव में भी जल संरक्षण हेतु अमृत सरोवरों की परिकल्पना को साकार करने का अभियान शुरू किया गया है। सीएम योगी के आह्वान और उनके निर्देश पर जनपदीय प्रशासन ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। निर्मित होने वाले इन अमृत सरोवर पर निगरानी रखने के लिए बकायदा एमआईएस पोर्टल निर्मित किया गया है। अमृत सरोवरों का विकास ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के केंद्रीय वित्त टाइड और अनटाइड, राज्य वित्त आयोग एवं मनरेगा में मिलने वाली धनराशि से किया जाएगा।
इसके लिए शासन स्तर से हर जिले को कम से कम एक एकड़ क्षेत्रफल के 100-100 तालाब की सूची उपलब्ध करा दी गई है। प्रत्येक जिला पंचायत कम से कम 5 अमृत सरोवरों, प्रत्येक क्षेत्र पंचायत कम से कम 3 अमृत सरोवर का निर्माण करेगी। गोरखपुर में उपलब्ध सूची के आधार पर सत्यापन एवं सर्वेक्षण के लिए आदेश डीएम विजय किरन आनंद ने दिए हैं।
सालभर रहेगी जल की उपलब्धता, सरोवर तट पर लगेंगे पौधे
इन सरोवरों में सालभर जल की उपलब्धता बनी रहे, इसके इंतजाम भी किए जाएंगे। इन्हें मुख्यत: वर्षा जल संचयन कर भरा जाएगा। अमृत सरोवर के तट पर नीम, पीपल, कटहल, जामुन, बरगद, सहजन, पाकड़ और महुआ आदि के पौधे लगाए जाएंगे। इन सरोवर का निर्माण हर हाल में 15 अगस्त तक पूर्ण करना होगा।
कार्य योजना बनाए जाने के निर्देश
जिलाधिकारी ने अमृत सरोवरों के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह ने बताया कि कार्य योजना में सरोवर की जीपीएस टैगिंग होगी। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, वरिष्ठ नागरिक अमृत सरोवर का भूमि पूजन करेंगे। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं शहीदों के गांव को सरोवर चयन में प्राथमिकता मिलेगी।
गांव की नालियों का पानी नहीं जाएगा
अमृत सरोवर में गांव की नालियों का पानी न जाए, यह सुनिश्चित किया जाएगा। इसे वर्षा जल से भरना होगा जिसके लिए समुचित इनलेट की व्यवस्था की जाएगी। बारिश जल सरोवर तक पहुंच सके, इसके लिए आवश्यक चैनलाइजेशन भी किया जाएगा। पानी के आगमन पर आवश्यक स्क्रीन एवं सिल्ट चैम्बर का निर्माण किया जाएगा। जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने बताया कि कार्य योजना बनाने के लिए जल्द ही संबंधित कर्मचारियों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा। इस काम से न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा बल्कि बारिश के जल का संरक्षण कर भूमिगत जल का रिचार्ज बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।