
- ऋषभ पंत को जब भी मौका मिले उसके लिए तैयार रहना चाहिए
- बतौर गेंदबाज वरुण चक्रवर्ती एक्स फैक्टर साबित हो सकते हैं
- अक्षर ने पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतर कर बेहतरीन प्रदर्शन किया
- श्रेयस हमारे लिए अहम खिलाड़ी साबित होने वाले हैं
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : भारत ने चीफ कोच गौतम गंभीर के मार्गदर्शन में मेहमान इंग्लैंड को पहले पांच टी 20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों की सीरीज में 3-1 से फिर तीन वन डे अंतर्राष्ट्रीय मैचों की सीरीज में 3-0 से हरा कर ऑस्ट्रेलिया के हाथों उसके घर में पांच टेस्ट की बॉर्डर गावसकर ट्रॉफी में मिली 1-3की हार की कसक बहुत हद तक मिटा कर आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से पहले जरूरी आत्मविश्वास पा लिया।
भारत के चीफ कोच गौतम गंभीर के इंग्लैड के खिलाफ तीन वन डे अंतर्राष्ट्रीय मैचों की सीरीज के शुरू के दो मैचों में केएल राहुल की बजाय बाएं हाथ के अक्षर पटेल को पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजने की कई दिग्गजों ने आलोचना की लेकिन यह उनकी तुरुप चाल साबित हुआ। यह कोई लुकी छिपी बात नहीं है कि गंभीर को क्रीज पर दाएं-बाएं हाथ की जोड़ी पसंद है। वन डे सीरीज के शुरू के दो मैचो में अक्षर को बल्लेबाजी के लिए पांचवें नंबर पर भेजने का विकेटकीपर बल्लेबाज केएल राहुल को कोई नुकसान नहीं हुआ। तीसरे और आखिरी वन डे में केएल राहुल को चीफ कोच गंभीर ने अक्षर की बजाय पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा।
गंभीर से जब विकेटकीपर के रूप में ऋषभ पंत की बाबत पूछा गया तो उन्होंने साफ किया, ‘फिलहाल केएल राहुल हमारे नंबर 1 विकेटकीपर हैं। केएल राहुल ने बतौर विकेटकीपर हमारे लिए अपना काम बखूबी किया भी है। आप देखे जब आपके पास केएल राहुल और ऋषभ पंत के रूप में टीम में दो उत्कृ्ष्ट विकेटकीपर हैं जो आप तो आप दोनों को एक साथ नहीं खिला सकते हैं। ऋषभ पंत को जब भी मौका मिले उसके लिए तैयार रहना चाहिए। इस समय इस बाबत मैं बस इतना ही कह सकता हूं। इस समय केएल राहुल ही भारत की एकादश में बतौर विकेटकीपर आगाज करेंगे।’
जब गंभीर से आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की प्रोविजनल टीम से यशस्वी जायसवाल को बाहर कर मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती को अंतिम 15 में शामिल करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,‘यशस्वी की जगह मिस्ट्री स्पिनर को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के अंतिम 15 में शामिल करने का एकमात्र कारण यही था कि हम बीच के ओवरों के लिए टीम में विकेट लेने वाले गेंदबाज को शामिल करना चाहते थे। हम जानते हैं कि वरुण चक्रवर्ती क्या विकल्प मुहैया कराते हैं? हम जानते हैं कि वरुण चक्रवर्ती प्रतिद्वंद्वी टीमों के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं क्योंकि बहुत सी टीमों के बल्लेबाजों ने उन्हें खेला ही नहीं है । ऐसे में बतौर गेंदबाज वरुण चक्रवर्ती एक्स फैक्टर साबित हो सकते हैं। मैं यह नहीं कर रहा कि शुरुआती एकादश में रहेंगे लेकिन हमेशा टीम की मजबूत गेंदबाजी अच्छी होती है।’
जब गंभीर से अक्षर पटेल को सीरीज के शुरू के दो मैचों में पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजे जाने की बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘ मैं जानता हूं कि इस बाबत लोग बहुत बात करते हैं लेकिन हमें क्रिकेट इसी अंदाज में खेलनी है और खेली भी जानी चाहिए। बात बल्लेबाजी क्रम की नहीं है बल्कि इसकी है कि कौन असर छोड़ सकता है। ऐसा केवल तभी होता है जब आपके पास बीच एक ही दमदार बाएं हाथ के बल्लेबाज को उतारने का विकल्प होता है। जब ऐसा विकल्प हो तो फिर आप क्यों न इसे आजमाए।
बल्लेबाजी क्रम में शीर्ष पांच में दाएं हाथ के बल्लेबाजों ही क्यों चाहते हैं? हम इस बाबत औसत और आंकड़ों और ऐसी ही चीजों को नहीं देखते हैं। हम इस बाबत यह देखते हैं कि उस नंबर कौन सा बल्लेबाज कारगर हो सकता है। अक्षर ने पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतर कर बेहतरीन प्रदर्शन किया। अक्षर को पांचवें नंबर पर जिन दो मैचों में मौका मिला अपना काम बखूबी किया। में जानता हूं कि इस बाबत हमेशा बात होगी। लोग हमेशा इस बाबत बात करते रहेंगे लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि हम भविष्य में भी इस राह पर चलना चाहते हैं।’
श्रेयस अय्यर के यह कहने कि उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ विराट कोहली के घुटने की परेशानी के चलते बाहर रहने पर एकादश मे खेलने का मौका मिला था और इस बाबत गंभीर ने कहा, ‘हम श्रेयस को पूरी सीरीज के लिए बाहर नहीं रखने वाले थे बल्कि हम यशस्वी को मौका देकर यह देखना चाहते थे कि वह हमें बल्लेबाजी में क्या विकल्प मुहैया कराते हैं क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने बहुत बढ़िया प्रदर्शन किया था। हम यह देखना चाहते थे कि वन डे में यशस्वी कैसी पारी खेल सकते हैं। बेशक मैं यह जानता हूं कि आप किसी भी बल्लेबाज को महज एक पारी से नहीं आंक सकते हैं। हम हमेशा से यह जानते हैं कि श्रेयस हमारे लिए अहम खिलाड़ी साबित होने वाले हैं। श्रेयस ने वन डे विश्व कप में चौथे नंबर पर जैसी बढ़िया बल्लेबाजी की और एकबारगी इसे भी अलग रख दें वह हमारे लिए अहम खिलाड़ी हैं। जब कई बार आपके पास सीरीज में तीन मैच होते हैं तब आप अपनी टीम को रोटेट करने की भी कोशिश करते हैं। हम तीसरे व आखिरी वन ड में भी शमी को आसानी से खिला सकते थे लेकिन हमने अर्शदीप को मौका दिया। हम रवींद्र जडेजा को भी खिला सकते थे लेकिन हमने वाशिंगटन सुंदर को उतारना बेहतर समझा।
जब आपके जल्द ही आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में खेलने जाना हो तो आप तीन मैचों का अधिक से अधिक लाभ उठा सभी को मौका देना चाहते हैं। श्रेयस हमेशा टीम संयोजन के लिहाज से हमारी रणनीति का हिस्सा थे और यह अच्छा है कि वह तीनों मैचों में ही खेले।‘