इंद्र वशिष्ठ
आतंकियों-बदमाशों-तस्करों के गठजोड़ को खत्म करने के लिए लगातार अभियान चला रही एनआईए ने अपराधियों की संपत्तियों की कुर्की की है. एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा में संगठित अपराध सिंडिकेट में शामिल अपराधियों के स्वामित्व वाली चार संपत्तियों और दिल्ली में एक संपत्ति को कुर्क किया गया है. पिछले महीने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली/एनसीआर में गैंगस्टरों और उनके सहयोगियों से जुड़े 76 स्थानों पर की गई छापेमारी के मद्देनजर ये कुर्की की गई है। उत्तर पूर्वी दिल्ली में न्यू उस्मान पुर निवासी वकील आसिफ़ खान की संपत्ति की कुर्की की गई है. एनआईए ने पिछले साल अक्टूबर में अपराधियों के सहयोगी आसिफ़ खान को गिरफ्तार किया था उसके घर से पांच बंदूकें बरामद हुई थी. वह अपराधियों को हथियार, पनाह और अन्य जरुरी सुविधाएं उपलब्ध कराता था. एनआईए द्वारा हाल ही में गिरफ्तार किए गए सुरेन्द्र सिंह उर्फ चीकू चौधरी के हरियाणा के महेंद्र गढ़ जिले में स्थित एक मकान और अलग अलग स्थानों पर तीन कृषि भूमि की कुर्की की गई है. सुरेन्द्र चौधरी आतंकी और बदमाशों के गठजोड़ का मुख्य फायनांसर है. सुरेन्द्र शराब तस्करी, हरियाणा में शराब और खनन ठेकेदारों से जबरन धन वसूली में शामिल है.
एनआईए ने अगस्त 2022 में यूएपीए के तहत 3 प्रमुख संगठित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ मामले दर्ज किए थे, जिन्होंने उत्तरी भारत के राज्यों में अपने माफिया शैली के नेटवर्क को फैलाया था. यह माफिया गायक सिद्धू मूसेवाला, महाराष्ट्र के बिल्डर संजय बियानी और पंजाब में एक अंतरराष्ट्रीय कबड्डी आयोजक संदीप नंगल अंबिया की हत्या और व्यापारियों से बड़े पैमाने पर जबरन वसूली जैसे सनसनीखेज अपराधों में शामिल है. इनमें से कई साजिशों के मास्टरमाइंड पाकिस्तान और कनाडा सहित विदेशों में या भारत की जेलों में बंद कुख्यात बदमाश है. एनआईए के अनुसार कुर्क की गई संपत्तियां ‘आतंकवाद की आय’ पाई गईं, जिनका इस्तेमाल आतंकी साजिश रचने और अपराधों को अंजाम देने के लिए किया गया।
सुरेंद्र उर्फ चीकू कुख्यात माफिया सरगना नरेश सेठी, अनिल छिपी और राजू बसोडी का करीबी सहयोगी है, जिन्हें पहले एनआईए ने गिरफ्तार किया था. वह हत्या, अपहरण और जबरन वसूली के कई आपराधिक मामलों में शामिल था. वह आतंक और अपराध की आय को रियल एस्टेट और अन्य व्यवसायों में निवेश करता था. एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि आने वाले दिनों में विभिन्न राज्यों के पुलिस बलों के साथ मिल कर आतंकियों और माफिया के ऐसे नेटवर्क और उनके सहायक बुनियादी ढांचे को नष्ट करने और ‘आतंकवाद और अपराध की आय’ से बनाई गई उनकी संपत्तियों को कुर्क करने और जब्त करने का अभियान तेज किया जाएगा.
एनआईए को जांच में पता चला था कि कई अपराधी, जो भारत में गैंगस्टरों का नेतृत्व कर रहे थे, पाकिस्तान, कनाडा, फिलीपींस, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भाग गए थे. भारत की विभिन्न राज्यों की जेलों में बंद अपराधियों के साथ मिलकर वहां से आतंकी गतिविधियों और अपराध की योजना बना रहे थे। ये जबरन वसूली और लक्षित हत्याएं (टार्गेट किलिंग) कर रहे थे
हवाला, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के जरिए अपनी नापाक गतिविधियों के लिए धन जुटा रहे थे।