संजय सक्सेना
लखनऊ : लखनऊ के बीबीडी थाना क्षेत्र में दो युवकों ने एक महिला दरोगा को बंधक बना कर उसके साथ अभद्रता की। यह युवक दरोगा पर एक शोहदे पर दर्ज एफआईआर को वापस लेने का दबाव बना रहे थे। दरोगा द्वारा विरोध पर उसे जान से मारने की धमकी दी गई। फिर सड़क किनारे उसको छोड़कर भाग निकले। पुलिस ने एक नामजद समेत तीन पर गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। वहीं महिला अधिकारी पर शोहदे और उसके साथियों द्वारा 11 सितंबर की रात घर के बाहर बुलाकर कार में बैठाने और धमकाने का आरोप है। पीड़िता ने घटना की जानकारी अपने भाई और डायल-112 को दी थी, जिसके बाद आरोपी मौके से भाग गए। मामले में बीबीडी कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है, और पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है।
बता दें महिला दारोगा पहले से ही छेड़छाड़ के एक मामले में मुकदमा दर्ज करवा चुकी थी। इसी केस को वापस लेने के लिए बदमाशों ने उसे धमकाया। बताया जा रहा है कि इस पूरी साजिश के पीछे अंशुमान नामक व्यक्ति है, जो हंडिया का रहने वाला है। अंशुमान लगातार पीड़िता को फोन कर परेशान करता था और उसे केस वापस लेने की धमकियां देता था। इसी क्रम में 11 सितंबर की रात को वह महिला दारोगा के घर पहंुच गया और दरवाजा खटखटाया। जब वह बाहर आई, तो बदमाशों ने उसे जबरदस्ती कार में बैठा लिया और उसे धमकाया कि अगर उसने केस वापस नहीं लिया तो उसके लिए बुरा होगा। दो लोगों ने कार में बैठाकर उसे मानसिक रूप से परेशान किया और बार-बार केस वापस लेने का दबाव बनाया। महिला दारोगा ने इस दौरान हिम्मत दिखाई और अपने भाई और डायल-112 पर सूचना दी। जब पुलिस को मामले की जानकारी मिली, तो बदमाश महिला दारोगा को छोड़कर मौके से फरार हो गए। इसके बाद, पीड़िता ने तुरंत बीबीडी कोतवाली में घटना की शिकायत दर्ज कराई।
एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी है। आरोपियों की पहचान के लिए इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गये और उन्हें जल्द से जल्द पकड़ने के लिए पुलिस टीमें जुट गई हैं। बहरहाल, यह घटना लखनऊ पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरी है, क्योंकि पीड़िता खुद एक पुलिस अधिकारी है, जो अपराधियों द्वारा धमकाई गई है। यह मामला न केवल महिला सुरक्षा बल्कि पुलिस कर्मियों की सुरक्षा के सवाल भी खड़े कर रहा है। पुलिस ने यह भी पाया है कि अंशुमान नामक व्यक्ति पीड़िता को पहले से ही फोन कर परेशान कर रहा था। वह लगातार केस वापस लेने के लिए दबाव बना रहा था। हालांकि, महिला दारोगा ने मामले को गंभीरता से लिया और एफआईआर दर्ज करवाई। अब पुलिस उस शोहदे और उसके साथियों की तलाश में जुटी है, जिन्होंने यह घिनौनी हरकत की है।