इको टूरिज्म हब के रूप में विकसित होगा बड़बेला तालाब

सुश्री अनुप्रिया

प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने अपनी बजट घोषणा में प्रत्येक जिले में 2 करोड़ रुपये की लागत से लव कुश वाटिका विकसित करने की घोषणा की है। बजट घोषणा के क्रियान्वयन के लिए झालावाड़ जिले के असनावर तहसील के बड़बेला तालाब क्षेत्र को लव कुश वाटिका के रूप में विकसित करने का निर्णय वन विभाग झालावाड़ द्वारा लिया गया है।

अरावली एवं विन्ध्यांचल पर्वतमालाओं का संगम झालावाड़ जिला फ्लोरा, फोना एवं एवीफोना से समृद्ध है। सर्वाधिक वर्षा के कारण राजस्थान के चेरापूंजी के नाम से प्रसिद्ध झालावाड़ जिले में 200 से अधिक प्रजातियों के विदेशी एवं स्थानीय पक्षी पाए जाने के कारण जिला इको टूरिज्म के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है।

लव कुश वाटिका के रूप में चयनित बड़बेला तालाब एक वेटलैण्ड है जहां पर विदेशी एवं स्थानीय पक्षी अठखेलियां करते नजर आते हैं। यहां हर साल सर्दियों के मौसम में विदेशी पक्षी मेटिंग के लिए आते हैं। जैसे ही सर्दियां खत्म होती हैं ये पाहुणा पक्षी अपने देश वापिस लौट जाते हैं। वन विभाग इन पक्षियों को प्राकृतिक वातावरण, संरक्षण तथा पक्षी प्रेमियों तथा पर्यटकों के लिए इस क्षेत्र को इको टूरिज्म के रूप में विकसित करने जा रहा है।

बड़बेला में ये पक्षी पाए जाते हैं

बड़बेला वेटलैण्ड पर सारस केन, बारहैडेड गूज, नर्दन पिनटेल, पेन्टेड स्टार्क, यूरेसियन स्पून बिल, रूड़ी शैलडक, वाइट ब्रेस्टेड वाटरहेन, कामन मूरहेन, ग्रेहेरॉन, ब्लैक विग्ड स्टिलट, रेड वेटेड लेपविंग, लिटिल इग्रेट, लिटिल कार्मोरेन्ट, लिटिल रिग्ड, हाउस स्पेरा, ब्लू रोक पिजन, इजिप्शियन वल्चर सहित विभिन्न प्रकार की प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं।

बड़बेला में 2 करोड़ की लागत से होंगे विभिन्न विकास कार्य
बड़बेला तालाब पर इको टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने के लिए 2 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्य किए जाएंगे। बड़बेला तालाब के चारों तरफ 1.25 करोड़ से पाथ-वे का निर्माण, 5 लाख रुपए से कच्चे रोड़ से पक्के रोड़ को जोड़ने के लिए लिंक रोड़, खरंजा निर्माण कार्य, तालाब पर पक्षियों के आश्रय के लिए 5 लाख रुपए से मडफ्लेट का निर्माण, 10 लाख रुपए की लागत से तालाब के चारों ओर स्थानीय प्रजाति की घांस लगाने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे, पक्षियों की अठखेलियां वन प्रेमियों व पक्षी प्रेमियों के निहारने के लिए 15 लाख रुपए की लागत से तालाब पर वॉच टॉवर का निर्माण कराया जाएगा, तालाब के चारों ओर 10 लाख की लागत से बर्ड वॉचिंग के लिए वॉकिंग ट्रेल का निर्माण, 7.5 लाख की लागत से बोरवेल खोदने एवं सोलर पम्प लगाने का कार्य किया जाएगा। इसके अतिरिक्त करीब 20 लाख रुपए से बर्ड वॉचिंग के लिए शैल्टर, एन्ट्री गेट, गार्ड चौकी, साइन बोर्ड्स, पर्यटकों के लिए आवश्यक सुविधाओं सहित अन्य कार्य किए जाएंगे।