संजय सक्सेना
लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस ने बहराइच कांड की जांच में बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि बहराहच में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए बवाल में मारे गये राम गोपाल मिश्रा की मौत को लेकर सोशल साइड्ट और मीडिया में जो बातें कही या खबरे चल रही हैं उसे बहराइच पुलिस ने काफी हद तक खारिज कर दिया है। पुलिस का कहना है कि राम गोपाल मिश्रा की मौत सिर्फ गोली लगने से ही हुई है। न ही उसको करंट लगाया गया और न ही उसके नाखून उखाड़े गए हैं। पुलिस ने कहा कि इस घटना में एक व्यक्ति के अलावा अन्य किसी अन्य की मौत नहीं हुई है। पुलिस ने जनता से अपील करते हुए कहा कि साम्प्रदायिकि सौहार्द को बनाये रखने के लिये वह अफवाहों पर ध्यान न दें और भ्रामक सूचनाओ को ना फैलाएं।उधर,रामगोपाल मिश्रा की मौत के बाद प्रदर्शनकारियों के ऊपर लाठीचार्ज करने वाले सीओ को भी हटा दिया गया है।
दरअसल, बहराइच के महसी के महाराजगंज में मूर्ति विसर्जन यात्रा के दौरान मारे गए रामगोपाल के बारे में दावा किया जा रहा था कि उसकी पहले बर्बरतापूर्वक पिटाई की गई। नाखून उखाड़े गए और फिर उसे गोली मार दी गई। इस दावे को बहराइच पुलिस ने खारिज कर दिया है। पुलिस का कहना है कि रामगोपाल की मौत गोली लगने से ही हुई है।ज्ञातव्य है कि 13 अक्टूबर को हरदी इलाके के महसी महाराजगंज में विसर्जन जुलूस में शामिल रामगोपाल मिश्र की हत्या कर दी गई थी। घटना को लेकर आक्रोश कुछ इस कदर भड़का कि जगह-जगह हिंसा भड़क गई। शहर से लेकर गांव तक आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया गया और करोड़ों की संपत्ति उपद्रवियों ने जला दी। प्रशासन पूरी तरह लाचार नजर आया। पूरे मामले में हत्यारोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जिले में विसर्जन जुलूस भी रोक दिया गया था। डीएम मोनिका रानी और एसपी वृंदा शुक्ल की मान-मनौवल के बाद विसर्जन कराने के लिए श्रद्धालु तैयार हो गए।
रामगोपाल की मौत और हिंसा के मामले में महराजगंज निवासी अब्दुल हमीद, रिंकू उर्फ सरफराज, फहीम, रजा उर्फ साहिर खान, रेहुआ मंसूर के ननकऊ व मारूफ अली समेत 10 लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। एक आरोपित राजा उर्फ साहिर खान उर्फ दानिश को पुलिस द्वारा दबोच भी लिया गया है। आरोपित को न्यायालय से जेल रवाना कर दिया गया है।