- वन सहित अन्य विभाग से संबद्ध समूहों के आर्थिक विकास कार्ययोजनाओं पर की चर्चा
- सहकारिता विभाग के सचिव ने एनआरएलएम, सहकारिता, नाबार्ड, वन सहित अन्य विभाग से संबद्ध समूहों के आर्थिक विकास कार्ययोजनाओं पर की चर्चा
रविवार दिल्ली नेटवर्क
जगदलपुर : सहकारिता विभाग के सचिव डॉ. सीआर प्रसन्ना ने कहा कि बस्तर में उत्पादित काजू, कॉफी, मिर्च और सिसल की अन्य मार्केट में अधिक मांग को देखते हुए इन उत्पाद का उत्पादन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इनके उत्पादन में सहकारिता विभाग के द्वारा दी जा रही सब्सिडी का उपयोग कर ग्रामीणों को रोजगार और आर्थिक विकास के लिए पहल की जा सकती है। सचिव श्री प्रसन्ना जगदलपुर में जिला पंचायत के सभाकक्ष में एनआरएलएम, सहकारिता, नाबार्ड, वन सहित अन्य विभाग से संबद्ध समूहों- समितियों के सदस्यों के आर्थिक विकास और स्थानीय कृषि उत्पाद हेतु कार्ययोजनाओं पर की चर्चा कर रहे थे। इस अवसर कलेक्टर श्री विजय दयाराम के. ने बताया कि जिले के बस्तर, बकावंड विकासखंड क्षेत्र में मिर्च, काजू और सिसल का तथा दरभा इलाके में कॉफी का अच्छा उत्पादन होता है। इस पर विभागों के द्वारा व्यापक कार्ययोजना बनाकर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
बैठक में सचिव श्री प्रसन्ना ने कहा कि सहकारिता के साथ जिला के प्रमुख उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए पहला स्तर का प्रोसेसिंग प्लांट की पहल की जा सकती है। इसके बाद बाय प्रोडक्ट की ओर बढ़ा जा सकता है। बस्तर की काजू से फेनी बनाने के लिए गोआ के व्यवसाईयों से और सिसल के रस्सी की मांग बड़े-बड़े पोत निर्माताओं को होती है तो उनसे संपर्क कर उत्पाद का विक्रय बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने मनरेगा के माध्यम से काजू और सिसल का प्लांटेशन बढ़ाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने रेशम धागे हेतु कोकून संग्रहण को भी बढ़ावा देने कहा। इसके अलावा एनआरएलएम, सहकारिता, नाबार्ड, वन विभाग से संबद्ध समूहों- समितियों के कार्यों के संबंध में भी चर्चा किया गया। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत श्री प्रकाश सर्वे, वन मंडलाधिकारी श्री उत्तम गुप्ता, राष्ट्रीय सहकारिता विभाग के अधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इसके उपरांत सचिव ने सहकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए धान का उठाव, लेखा मिलान, खाद्य-बीज की भण्डारण-वितरण की स्थिति की बस्तर, नारायणपुर, बीजापुर, कोंडागांव, कांकेर के प्रभारियों से की। साथ ही जिले में सहकारिता विभाग के कार्य का फिल्ड विजिट, उद्यानिकी विभाग के पॉम ऑयल प्लांटेशन, काजू और सिसल प्रोसेसिंग यूनिट का भी अवलोकन किया।