संभल के रहना देश में छुपे हुए गद्दारों से …….

Be careful of the traitors hiding in the country...

अशोक भाटिया

1958 में रिलीज फिल्म ‘तलाक’ का यह गीत संभल के रहना अपने घर में छिपे हुए गद्दारों से…. आपको हमेशा संभल के रहने की ताकीद देता है। यह गीत आजादी के बाद मिलने वाले खुशी को व्यक्त करता है साथ ही खुशियों को कायम रखने के लिए देशवासियों को सावधान रहने को भी कहता है।फिल्म का यह कथन उजागर हो रहा है हाल में पकड़े गए पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले ज्योति मल्होत्रा व अन्य पर।

भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से पाकिस्तान में छिपे भारत के दुश्मनों का सफाया कर दिया। वहीं अब सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से भारत में छिपे गद्दारों पर एक के बाद एक कार्रवाई हो रही है। पिछले कुछ दिनों में 11 पाकिस्तानी जासूसों को गिरफ्तार किया गया है। ये वो जासूस हैं जो भारत में रहकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए काम करते थे। गिरफ्तार किए गए लोगों की लिस्ट में तमाम तरह के लोग हैं। यूट्यूबर, स्टूडेंट, व्यवसायी, गार्ड हर स्तर पर पाकिस्तान के इशारे पर ये सूचना पहुंचाते थे। भारत सरकार ने 13 मई, 2025 को दानिश को 24 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दे दिया। इससे पहले ही पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वालों की धरपकड़ शुरू हो चुकी थी। शुरुआत हुई गजाला से। अब तक जो 11 लोग पकड़े जा चुके हैं ये सभी पंजाब, हरियाणा और यूपी से हैं। बदले में इन्हें लड़कियों से दोस्ती, पैसे, घूमने का लालच दिया गया था।

जासूसी के शक में पकड़े गए लोगों में सबसे चर्चित नाम यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का है। पंजाब-हरियाणा पुलिस ने ज्योति को 16 मई को अरेस्ट किया था। ISI के हैंडलर दानिश से उसके करीबी रिश्ते थे। पाकिस्तान में वो ISI के एजेंट्स से मिलती थी।जांच के दौरान पता चला कि पहलगाम अटैक से करीब दो महीने पहले ज्योति पहलगाम गई थी। दावा ये भी है कि ऑपरेशन सिंदूर से एक दिन पहले 6 मई को ज्योति दिल्ली में थी। अगले कुछ दिन वो दानिश के कॉन्टैक्ट में रही। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के हमले की वजह से किए गए ब्लैक आउट के वक्त भी वो अपने हैंडलर्स के संपर्क में रही। ज्योति मल्होत्रा: हरियाणा की रहने वाली ज्योति पर सनसनीखेज आरोप है कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से जुड़ी हुई थी। पुलिस जांच के अनुसार वह जनवरी में पहलगाम गई थी और वहां से गुप्त रास्ते से पाकिस्तान पहुंची। हालांकि उसका पहलगाम हमले से कोई संबंध है या नहीं, इसकी जांच जारी है।

इसके अलावा कैथल जिले के मस्तगढ़ गांव से पकड़ा गया देवेंद्र एक पूर्व सैन्यकर्मी का बेटा है। वह फेसबुक के माध्यम से एक पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में आया और 5 से 10 हजार रुपये के बदले सैन्य गोपनीय जानकारियां भेजता रहा। उसके पास से संवेदनशील नक्शे और दस्तावेज बरामद हुए हैं। शहज़ाद: रामपुर, यूपी का निवासी शहज़ाद एक कारोबारी था, जो भारत-पाक के बीच कॉस्मेटिक और मसालों का व्यापार करता था। इसी आड़ में वह ISI के लिए भी काम कर रहा था। उसे मुरादाबाद से यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया। नोमान इलाही: पानीपत से गिरफ्तार नोमान असल में एक ‘डार्क वेब’ जासूस था। पेशे से कंप्यूटर ऑपरेटर, लेकिन काम पाकिस्तान को भारतीय सेना की गतिविधियों की जानकारी भेजना। उसने स्वीकार किया है कि उसने USB ड्राइव और नकदी के बदले संवेदनशील डाटा डार्कनेट पर अपलोड किया।गजाला: पंजाब के मलेरकोटला से पकड़ी गई गजाला, पाकिस्तान का वीजा लगवाने के लिए अक्सर हाई कमिशन जाती थी। यह गतिविधि शक के घेरे में आई और उसकी गिरफ्तारी हुई। यमीन मोहम्मद: गजाला के साथ ही पकड़ा गया यमीन पाकिस्तान हाई कमिशन में कार्यरत दानिश नामक व्यक्ति के संपर्क में था। उन पर संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने के गंभीर आरोप हैं।अरमान: हरियाणा के नूंह जिले से गिरफ्तार अरमान व्हाट्सएप के ज़रिए भारत की सैन्य गतिविधियों की जानकारी पाकिस्तान भेज रहा था। उस पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ है।मुर्तजा अली: जालंधर में गुजरात पुलिस की छापेमारी में पकड़ा गया मुर्तजा ISI के लिए खुद बनाए मोबाइल ऐप से जानकारी भेजता था। उसके पास से चार मोबाइल और तीन सिम कार्ड मिले। तारीफ़: नूंह से गिरफ्तार दूसरे व्यक्ति तारीफ़ ने पूछताछ में बताया कि वह पाकिस्तान हाई कमिशन के दो अधिकारियों के संपर्क में था। वे उसे सिम कार्ड देते थे और उसे सिरसा जाकर एयरपोर्ट की तस्वीरें भेजने के निर्देश मिले थे। नउमान इलाही: पानीपत में 15 मई को गिरफ्तार 24 वर्षीय नौमान उत्तर प्रदेश के कैराना का निवासी है। वह एक फैक्ट्री में गार्ड था, लेकिन पाकिस्तान से कई बार संपर्क में था और संवेदनशील जानकारी भेजता था।करनबीर सिंह: गुरदासपुर में पकड़े गए करनबीर सिंह सीधे ISI के संपर्क में था और पिछले कई दिनों से भारतीय सेना से जुड़ी जानकारी भेज रहा था। उस पर ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।

वैसे यह जासूसी कांड में पकड़े गए भारतीय लोगों का पहला ग्रुप नहीं है । पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले भारतीयों की गिरफ्तारी के कई मामले उजागर हो चुके है । 2010 में इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में सेवा देने वाली माधुरी गुप्ता नामक एक उच्च पदस्थ राजनयिक को पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया सेवा ISI के लिए जासूसी के आरोप में हिरासत में लिया गया था। जैसे-जैसे मामला आगे बढ़ा, चौंकाने वाले विवरण सामने आए। उनकी गिरफ्तारी 26/11 के मुंबई हमलों के दो साल बाद हुई थी। ऑपइंडिया द्वारा प्राप्त अदालती रिकॉर्ड के अनुसार, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जुलाई 2010 में गुप्ता के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। गुप्ता ने कहा कि ईमेल पाकिस्तान से उनके संपर्क मुबशर रजा राणा द्वारा तैयार किया गया था, जो ISI एजेंट के रूप में काम करता था। माधुरी गुप्ता का 2021 में निधन हो गया।2025ः 19 फरवरी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने विशाखापत्तनम जासूसी मामले में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) एजेंसी को संवेदनशील और वर्गीकृत नौसेना रक्षा जानकारी लीक के आरोप थे। वेथन लक्ष्मण टंडेल और अक्षय रवि नाइक को कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में पकड़ा गया, जबकि अभिलाष पी ए को केरल के कोच्चि में पकड़ा गया। एनआईए ने बताया कि तीनों संदिग्धों को सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों के साथ संवाद करते हुए पाया गया। पैसे के लिए करवार और कोच्चि नौसैनिक ठिकानों पर भारतीय रक्षा सुविधाओं के बारे में संवेदनशील विवरणों का आदान-प्रदान किया गया।2024ः आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) की गुजरात इकाई ने नवंबर 2024 में भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के जहाजों की तैनाती के बारे में संवेदनशील डेटा लीक करने के आरोप में एक संविदा कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। दीपेश तटरक्षक बल के जहाजों के बारे में विवरण प्रदान करने के लिए प्रतिदिन 200 रुपये कमाता था और उसे पाकिस्तान के एक एजेंट से 42 हजार रुपये मिले थे।2023ः पंजाब के भटिंडा के रहने वाले 25 वर्षीय अमृत पाल और गाजियाबाद के फरीदनगर में रहने वाले 36 वर्षीय रियाजुद्दीन को नवंबर 2023 में गैरकानूनी कार्यों में संलिप्तता पाये जाने के बाद गिरफ्तार किया गया। रविवार को, उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया, जिनके बारे में माना जाता है कि वे पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के लिए जासूसी कर रहे थे। 2020: राष्ट्रीय जांच एजेंसी, नौसेना खुफिया और आंध्र प्रदेश काउंटर इंटेलिजेंस ने जासूसी के आरोप में विभिन्न राज्यों के भारतीय नौसेना के 13 सदस्यों को हिरासत में लिया था। कथित तौर पर पाकिस्तानी हैंडलर के साथ जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए भारतीय नौसेना के सदस्यों पर भारतीय नौसेना के बेहद संवेदनशील विवरणों को पाकिस्तानी खुफिया संचालकों (पीआईओ) को सौंपने का आरोप लगा था।2019: मार्च 2019 में राजस्थान पुलिस ने दिल्ली के 42 वर्षीय व्यक्ति मोहम्मद परवेज को ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ़्तार किया था। मोहम्मद परवेज़ को पहले ही NIA ने देश के खिलाफ़ कार्रवाई के लिए गिरफ़्तार किया था। परवेज ने कथित तौर पर भारतीय सेना के जवानों को हनी ट्रैप के लिए गलत पहचान का इस्तेमाल करके गुप्त और रणनीतिक डेटा प्राप्त करने के लिए लुभाया, फिर उसे ISI को भेजा। इस काम के लिए उसे काफी पैसे मिले थे।2019: जनवरी 2019 में भारतीय सेना की मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट ने अरुणाचल प्रदेश के किबिथू गांव में निर्मल राय नाम के एक व्यक्ति को पकड़ा था। निर्मल पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को गोपनीय जानकारी देने का आरोप लगा था। निर्मल, अरुणाचल प्रदेश के अंतिम सीमावर्ती गांवों किबिथू और डिचू में सेना के साथ पोर्टर के तौर पर काम करता था। कहा जाता है कि वह ISI के एक ऑपरेटिव के संपर्क में था।

यह सब विस्तृत से लिखने का कारण कि संभल के रहना अपने घर में छिपे हुए गद्दारों से,दूर हटा दो उस सबको जो प्यारी जंजीर काट रहे,दूर हटा दो उन सबको जो खून वतन का चाट रहे,वो सब है इस देश के दुश्मन जनता को जो डाट रहे,आज़ादी की नयी लता को छुरियो से चाट रहे,जागो लोगो जगा रहा है तुमको काल इशारो से,संभल के रहना अपने घर में छिपे हुए गद्दारों से,जागो तुमको बापू की जागीर की रक्षा करनी है,होशियार, तुमको अपने देश की रक्षा करनी है,आती है आवाज़ यही मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारो से,संभल के रहना अपने घर में छिपे हुए गद्दारों से ।

अशोक भाटिया, वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार ,लेखक, समीक्षक एवं टिप्पणीकार